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लखनऊ। प्रदेश के कृषि मंत्री माननीय सूर्य प्रताप शाही आज कर्नाटक सरकार द्वारा बेंगलुरु में आयोजित इंटरनेशनल ट्रेड फेयर ऑन मिलेट्स एंड ऑर्गेनिक-2023 में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने मोटे अनाज के उत्पादन तथा उत्पादकता में उत्तर प्रदेश की वर्तमान स्थिति तथा भविष्य की संभावनाओं के विषय में विस्तार से बताया।
कृषि मंत्री शाही ने बताया कि मोटा अनाज भारत का पारंपरिक भोजन है। मोटा अनाज ग्लूटेन मुक्त, उच्च प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा से भरपूर होता है। उ0प्र0 मिलेट्स उत्पादन में अग्रणी राज्य है। उत्तर प्रदेश में 2020-21 में 10.83 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में मोटा अनाज बोया गया था। इसमें 9.05 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में केवल बाजरा बोया गया था। शेष क्षेत्रफल में ज्वार कोदो सावां मड़वा तथा काकून बोया गया था। इस प्रकार उत्तर प्रदेश मोटा अनाज के लिए अपार संभावनाओं से भरा हुआ है। श्री शाही ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मोटे अनाज को लेकर पूरे देश में जागरूकता बढ़ी है। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से दो 2018 में मिलेट्स को पोषक अनाज के रूप में अधिसूचित किया गया तथा इसके उत्पादन को बढ़ाने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। इसके साथ ही केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018-19 में खाद्य पोषण और सुरक्षा के लिए मिलेट्स को खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत न्यूट्री अनाज उपमिशन के रूप में शामिल किया गया। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा मोटे अनाजों को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाने लगा है तथा उसके मूल्य में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मिलेट्स की खेती, प्रसंस्करण, विपणन को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसके साथ ही मिलेट्स फसलों की खेती को बढ़ावा देते हुए आच्छादन बढ़ाने, उत्पादन तथा उत्पादकता में वृद्धि कर मूल्य संवर्धन और विपणन की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए 55 मिलेट्स प्रसंस्करण और पैकिंग के विपणन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इससे 72 हजार 500 किसान प्रतिवर्ष लाभान्वित होंगे। साथ ही साथ जन सामान्य को आहार में मिलेट्स को शामिल करने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है।