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सावन की शिवरात्रि पर न करें ये 5 गलतियां, पूजा में रखें इन नियमों का ध्यान

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भोलेनाथ की पूजा के दौरान लोग जाने-अनजाने में कई गलतियां करते हैं। इस साल सावन की शिवरात्रि 26 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पसंदीदा चीजें अर्पित की जाती हैं। लेकिन भोलेनाथ की पूजा के दौरान जाने-अनजाने लोग कई गलतियां करते हैं। आइए जानते हैं इस दिन कौन सी गलतियां करने से बचना चाहिए।
सावन की मासिक शिवरात्रि आज मनाई जा रही है. शिवरात्रि का पर्व सावन में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पसंदीदा चीजें अर्पित की जाती हैं। लेकिन भोलेनाथ की पूजा के दौरान जाने-अनजाने लोग कई गलतियां करते हैं। आइए जानते हैं इस दिन कौन सी गलतियां करने से बचना चाहिए।

1. सावन की शिवरात्रि पर भगवान शिव का गंगाजल, दूध या पंचामृत से अभिषेक किया जाता है। भगवान शिव के जलाभिषेक में कभी भी स्टील या एकाकी बर्तन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। तांबे, पीतल या कांसे, चांदी या अष्टधातु से बने बर्तन से शिव की पूजा करें तो बेहतर होगा।
2. शिवरात्रि पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए लोग शिवलिंग पर टीका लगाते हैं। याद रहे शिवलिंग पर कभी भी कुमकुम या हल्दी का टीका नहीं लगाना चाहिए। इनकी जगह आप गुलाल का टीका लगा सकते हैं।
3. शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ को भूलकर भी टूटे चावल न चढ़ाएं। इस दिन भगवान को केवल अखंड चावल ही अर्पित करें, जो पूर्णता का प्रतीक माना जाता है। गंदे या टूटे चावल शिव को अर्पित करना अशुभ माना जाता है।
4. शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को केतकी या चंपा के फूल न चढ़ाएं। कहा जाता है कि इन फूलों को भगवान शिव ने श्राप दिया था। भोलेनाथ की पूजा में केतकी का फूल सफेद होने पर भी नहीं चढ़ाना चाहिए।
5. इसके अलावा शिव की पूजा में टूटे हुए बेलपत्र या तुलसी के पत्तों का भी प्रयोग नहीं करना चाहिए। शिव को हमेशा तीन पत्तों वाला बेलपात्र अर्पित करना चाहिए.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारितहैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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