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असम-मेघालय सीमा पर भडक़ी हिंसा, फायरिंग में 6 की मौत, कई जिलों में इंटरनेट बंद

नई दिल्ली। असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग और मेघालय सीमा पर तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। असम की पुलिस और वन विभाग के जवानों पर करीब 300 लोगों ने हमला किया, जिसके जवाब में पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. बताया जा रहा है कि मेघालय के 5 लोग पुलिस की जवाबी कार्रवाई में मारे गए हैं. जबकि मेघालय के लोगों के हमले में एक वनकर्मी शहीद हो गया है। पुलिस और वन विभाग प्रशासन ने लकड़ी की तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ अभियान चलाया था, जिसके बाद यह पूरी घटना हुई.


असम-मेघालय सीमा से सटे पश्चिम कार्बी आंगलोंग से लकड़ी की अवैध तस्करी की जा रही थी। इसके खिलाफ पुलिस और वन विभाग प्रशासन ने अभियान चलाया था। पुलिस और वन विभाग की टीम जैसे ही पहुंची तो अचानक कुछ लोग आ गए और उन पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया. लोगों के हमले को रोकने के लिए पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में फायरिंग की. पुलिस ने हमलावरों को नियंत्रित करने के लिए कई राउंड फायरिंग की, जिसमें मेघालय के 5 लोग मारे गए। हिंसा को देखते हुए मेघालय सरकार ने 7 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। आदेश के मुताबिक इन 7 जिलों में 22 नवंबर से 48 घंटे इंटरनेट सेवा बंद रहेगी.
इस घटना में वन विभाग के एक कर्मचारी की भी मौत हो गई और दर्जनों पुलिस कर्मी घायल बताए जा रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि वन विभाग ने जब तस्करी की लकड़ी को जब्त किया, तभी गुस्साए लोगों ने उन पर हमला कर दिया. इस घटना के बाद से पूरे इलाके में तनाव का माहौल है. दोबारा कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए सुरक्षा बलों की एक बड़ी टीम को इलाके में भेजा गया है। जानकारी के अनुसार मंगलवार तडक़े पुलिस द्वारा लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को रोकने के बाद हिंसा भडक़ उठी. पश्चिम कार्बी आंगलोंग के पुलिस अधीक्षक इमदाद अली ने कहा कि ट्रक को असम वन विभाग की एक टीम ने मेघालय सीमा पर तडक़े करीब तीन बजे रोका।

उन्होंने बताया कि जब ट्रक नहीं रुका तो वन विभाग के कर्मियों ने उस पर गोलियां चला दीं और उसका टायर पंचर कर दिया. उन्होंने बताया कि चालक, उसका एक सहायक और एक अन्य व्यक्ति पकड़ा गया, जबकि एक अन्य व्यक्ति वहां से फरार हो गया. अली ने बताया कि वन विभाग के कर्मियों ने घटना की जानकारी जिरिकेंडिंग थाने के अधिकारियों को दी. इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। उन्होंने बताया कि इसके बाद मौके पर भीड़ जमा हो गई और गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग करने लगे. भीड़ ने वन विभाग के कर्मियों और पुलिस को घेर लिया, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों को गोलियां चलानी पड़ीं. उन्होंने बताया कि घटना में वन विभाग के एक होमगार्ड और खासी समुदाय के तीन लोगों की मौत हुई है.

 

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