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पुलिस इंस्पेक्टरों में कॉप ऑफ द मंथ बनने की पैदा हुई ललक

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लखनऊ। राजधानी में तैनात आईपीएस अमित कुमार आनंद ने अपने मातहतों की सक्रियता परखने के लिए एक नायाब फार्मूला निकाला है। मातहत जनता से कैसा संवाद स्थापित करते हैं। थानों और चौकियों पर जनता के प्रति उनकी जवाबदेही कैसी है, इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर अपने रूटीन कार्यो को कितनी ईमानदारी से कर रहे हैं, इन सब कार्यो का एक रिर्पोट कार्ड तैयार किया जा रहा है। रिर्पोट कार्ड के अंको के आधार पर महीने के आखिरी में उनकी परफार्मेंश तय की जायेगी, सबसे ज्यादा अंक मिलने वाले इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर को मंथ ऑफ द कॉप की उपाधि से नवाजा जायेगा, वहीं उनके द्वारा किये गये बेहतर कार्यो को लेकर पुलिस कमिश्नर उनको सम्मानित भी करेंगें।

आईपीएस अमित कुमार आनंद

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के डीसीपी ईस्ट अमित आनंद के मुताबिक, सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक के काम को परखने के लिए इस तरह की मुहिम शुरू की गयी है। जिसमें महीने भर पुलिसकर्मियों के कार्यों के आधार पर नम्बर दिए जाएंगे व महीने के अंत में जिसके सबसे अधिक नम्बर होंगे उन्हें कॉप ऑफ द मंथ चुना जाएगा। डीसीपी आनंद बताते है कि कॉप ऑफ द मंथ फार्मूला लागू करने की मंशा यह है कि बेहतर परफार्मेंश देने के लिए पुलिसकर्मियों में स्वतः प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ेगी, जिससे सब लोग अपना काम बेहतर तरीके से ईमानदारीपूर्वक करेंगे। अगर काम अच्छा होगा तो रिजल्ट भी बेहतर होगा, उत्कृष्ठ कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों का महकमें में नाम भी होगा, जिससे विभाग में उनकी शोहरत बढ़ेगी। वहीं काम को टालने वाले प्रवृत्ति के सिपाही और दरोगा अपने आप नजरों में आ जायेंगे, क्योकि महीने के अंत में रिर्पोट कार्ड के अंक खुद व खुद कामों की गवाही देगें कि किस पुलिसकर्मी ने कैसा काम किया है। मंथ ऑफ द कॉप मुहिम से पुलिस कर्मी भी अव्वल आने के लिए आम जनता के लिए ठीक ढंग से कार्य करेगें। वही क्षेत्र पनप रहे अपराध व अपराधियों के खिलाफ दोगुनी ताकत से कार्य करेंगे। पुलिस फोर्स के लिए मनोबल व निगरानी के लिए बेहतर अभियान डीसीपी पूर्वी अमित कुमार आनंद बताते हैं कि पुलिसकर्मियों के हौसला अफजाई के लिए ये फायदेमंद है। ऐसे में नाकारा पुलिसकर्मियों की कार्यशैली सामने आएगी। साथ ही पुलिसकर्मियों के काम का ब्यौरा उन्हें हर महीने मिलता रहेगा। यह पुलिसकर्मियों के लिए उनके काम की क्षमता को मापने के लिए बेहतर हथियार है। कॉप ऑफ द मंथ फार्मूले को अप्रैल महीने की शुरूआती दौर में शुरू किया गया था।

सफल प्रयोग रहा कॉप ऑफ द मंथ

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के डीसीपी ईस्ट जिम्मेदारी निभा रहे आइपीएस अधिकारी अमित आनंद बताते है कि अपने सेवाकाल के दौरान 2 जनपदों में ट्रायल के दौरान इस मुहिम का बढ़िया रिस्पांस मिला है। उन्होंन कहा कि इस कॉप ऑफ द मंथ के अभियान की शुरुआत उन्होंने साल 2018 में प्रयागराज में बतौर एएसपी की थी। अमित आनंद को इससे काफी फायदा भी मिला था। वहीं मुरादाबाद में साल 2019 से 2021 तक भी बतौर एसपी सिटी रहते हुए इस अभियान को चलाया था। जिसमें काफी अच्छे परिणाम सामने आये हैं। डीसीपी अमित आनंद बताते हैं कि कॉप ऑफ द मंथ फार्मूला लागू करने से पुलिसकर्मियों में प्रतिस्पर्धा की भावना देखने को मिली है। पुलिसकर्मी भी अपना बेस्ट देने की कोशिश में जुटे हुये हैं। कॉप ऑफ द मंथ बनने के लिए पुलिसकर्मी दोगुनी लगन और ऊर्जा के साथ काम कर रहे हैं।

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