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बच्चों में बढ़ रही हैं आंखों की समस्या, तो पेरेंट्स फॉलो करें ये टिप्स

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लखनऊ। बच्चों को गैजेट्स, फोन, टीवी और लैपटॉप पर वीडियो गेम्ज खेलना बेहद पसंद है. हालांकि, स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से बच्चों की आंखों में समस्या हो सकती है. बता दें कि बच्चों की नजरें कमजोर होने पर आंखों में दर्द, धुंधला दिखाई देना और सिर में दर्द होना जैसे कई लक्षण दिखाई देते हैं. लगातार स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने पर बच्चों को कम उम्र में ही चश्मा लग जाता है. अगर समय रहते पेरेंट्स बच्चों को मोबाइल फोन या टीवी पर ज्यादा समय ना बिताने दें तो बच्चों में होने वाली इस समस्या को रोका जा सकता है.
आपको बता दें कि खाने में पोषक तत्वों की कमी के चलते आंखें कमजोर हो सकती हैं. ऐसे में जरूरी है कि बच्चों की डाइट में सभी तरह के पोषक तत्व जैसे- विटामिन ए, सी, ई और जिंक एंटी-ऑक्सीडेंट्स शामिल होने चाहिए. बता दें कि आंखों की हेल्थ को बनाए रखने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड भी बहुत जरूरी होता है. आप इसके लिए बच्चों की डाइट में गाजर, ब्रोकली, पालक, स्ट्रॉबेरी और शकरकंद को शामिल कर सकते हैं.

बच्चो की आंखों को सबसे ज्यादा नुकसान गैजेट्स से होता है. ये गैजेट्स बच्चों की आंखों को कमजोर करने का काम करते हैं. ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चों को ज्यादा गैजेट्स का इस्तेमाल न करने दें. इसके लिए खुद भी टाइम निकालें और बच्चों के साथ कुछ माइंड गेम्स खेंले.
आंखें हमाके शरीर का एक बेहद नाजुक हिस्सा होती हैं. ऐसे में आंखों के स्वास्थ्य के लिए समय-समय पर आंखों का रुटीन चेकअप अवश्य कराना चाहिए. ताकि किसी समस्या को शुरुआती दौर में ही खत्म किया जा सके. डॉक्टर्स की मानें तो इसके लिए हर 6 महीने में आंखों का टेस्ट अनिवार्य रूप से कराया जाना चाहिए. इसलिए पेरेंट्स को चाहिए कि अपने बच्चों की आंखों का रुटीन चेकअप करवाना चाहिए. इसके अलावा, बच्चों की डाइट में विटामिन ए को भरपूर मात्रा में देना चाहिए.
( इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. मॉडर्न ब्यूरोक्रेसी इनकी पुष्टि नहीं करता है. किसी विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही इस पर अमल करें.)

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