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लखनऊ,(मॉडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः लखनऊ विश्वविद्यालय में परीक्षा कैलेंडर के बार-बार बदलाव से छात्रों को अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। छात्रों की तैयारी, मानसिक स्थिति और समय प्रबंधन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। वहीं विवि की इस प्रकार की कार्यषैली पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लखनऊ यूनिवर्सिटी में आज सुबह जब बच्चे अपने-अपने निर्धारित कॉलेज अथवा एग्जाम सेंटर में परीक्षा देने पहुंचे तो उन्हें पता चला की परीक्षा तो चार दिन पहले ही हो चुकी है, इस बात की जानकारी होने पर परीक्षा देने आये बच्चे सन्न रह गये। वहीं उपस्थित कुछ छात्र इस पर अपना विरोध दर्ज कराने लगे, हंगामा बढ़ता देख जिम्मेदारों की भी नींद उड़ गयी। छात्रों की माने तो लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा 2 बार अस्थाई तथा एक बार फाइनल कैलेंडर जारी करने के बावजूद विश्विधालय द्वारा फिर से संशोधित कैलेंडर जारी कर दिया गया जिसकी जानकारी सभी बच्चो को नहीं मिल सकी। जिसके कारण बहुत से बच्चो की परीक्षा छूट गई। इसी से नाराज, 100 से अधिक छात्र प्रदर्शन करने लखनऊ विश्विधालय पहुँचे उन्होंने कार्यलय के सामने धरना प्रदर्शन किया। परीक्षा देने से वंचित हुयी छात्रों का सवाल था की , विश्विधालय द्वारा जल्दबाज़ी मे फाइनल कैलेंडर 19 दिसम्बर को क्यों जारी किया गया जब उन्हे दो दिन बाद 21 दिसम्बर को संशोधित कैलेंडर जारी करना ही था। और अगर जारी भी किया गया तो उसमे परीक्षा की तारीख 13 जनवरी से पीछे करके 9 जनवरी क्यों की गई।
छात्रों ने सवाल खड़ा करते हुये कहा कि जब भी संशोधन होता है तो तारीख आगे बढ़ाई जाती है। वहीं परिक्षा से जुड़े अधिकारियों ने इसका ठिकरा छात्रों के सर डाल दिया। उनका कहना था आप लोगो को वेबसाइट को रोज़ चेक करते रहना चाहिए था तो उस पर एक छात्र ने उत्तर दिया की हम परीक्षा की तैयारी करे या रोज़ कैलेंडर को ही चेक करते रहे। प्रदर्षकारी छात्रों ने विवि मंे ही डेरा जमाये रखने की बात रखी और अपने अपने घर न जाने का निर्णय लिया, वहीं हंगामा बढ़ता देख विवि प्रषासन की नींद उड़ गयी। आनन फानन में अधिकारियों ने छात्रों को दोबारा परीक्षा कराये जाने का आष्वासन दिया गया। जिसके बाद छात्र अपने अपने घर जाने को राजी हुये। वहीं इस संबध में जब जिम्मेदारों से बात की तो वह अपना पल्ला छुड़ाते नजर आये, जबकि दूसरी ओर संवाददाता के बात करने के चंद घंटो बाद हैरतअंगेज तरीके से विवि प्रषासन की तरफ से नयी तिथियों को जारी किया गया। जिसमें देर रात विश्वविधालय द्वारा नोटिस जारी करके परीक्षा की नई तिथि जिसमे 9 जनवरी की परीक्षा को 31 जनवरी तथा 11 जनवरी की परीक्षा को 1 फरवरी को कराने के निर्देश दिये गये हैं।
परीक्षा कैलेंडर का महत्व
परीक्षा कैलेंडर विश्वविद्यालयों द्वारा तय किया गया वह शेड्यूल होता है, जिसके तहत छात्रों को अपनी परीक्षा की तारीखों का पता चलता है। यह कैलेंडर छात्रों को मानसिक रूप से तैयार करने के लिए आवश्यक होता है ताकि वे अपनी पढ़ाई और अन्य कार्यों का सही समय प्रबंधित कर सकें। कैलेंडर में होने वाली बार-बार बदलाव से छात्रों की तैयारी में विघ्न उत्पन्न होता है और उनका मानसिक संतुलन भी प्रभावित हो सकता है।
छात्रों को होने वाली समस्याएँ
तारीखों में बदलाव से तैयारियों पर असर जब परीक्षा के लिए छात्रों ने पहले से एक योजना बनाई होती है, तो अचानक तारीखों के बदलाव से उन्हें अपनी तैयारी को फिर से पुनः व्यवस्थित करना पड़ता है। इससे छात्रों की मनोबल में गिरावट आती है और वे मानसिक दबाव महसूस करते हैं। वहीं कई बार, तारीखों के बदलाव से छात्रों के लिए परीक्षा में उपस्थित होना मुश्किल हो जाता है। खासकर वे छात्र जो दूसरे शहरों से आते हैं, उनके लिए यात्रा की योजनाओं को बदलना एक बड़ा संघर्ष होता है। इससे वे परीक्षा में अनुपस्थित हो जाते हैं।
समय प्रबंधन की समस्या
बार-बार तारीखों में बदलाव से छात्रों के समय प्रबंधन में भी कठिनाई होती है। उन्हें अपनी पढ़ाई के अन्य कार्यक्रमों के साथ परीक्षा की तैयारी को संतुलित करना मुश्किल हो जाता है। वहीं लगातार परीक्षा कैलेंडर के बदलाव से छात्र मानसिक रूप से तनावग्रस्त हो सकते हैं। कई छात्रों को परीक्षा की तारीखों के बदलने से चिंता, अवसाद और आत्मविश्वास में कमी जैसे मानसिक रोगों का सामना करना पड़ता है।