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….रेल कर्मचारियों के भत्तों पर चल सकती है कैंची

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नई दिल्ली। रेलवे अपने बढ़ते खर्च से परेशान है और अब इन्हें नियंत्रित करने के लिए गंभीरता के साथ विचार कर रहा है. संभावना है कि खर्च घटाने की इस कवायद में रेल कर्मचारियों से जुड़े कुछ भत्तों में कटौती हो सकती है. परिचालन खर्च बढऩे से चिंतित रेलवे बोर्ड ने सातों जोन से ओवरटाइम, रात्रिकालीन ड्यूटी और यात्रा तथा ईंधन एवं रखरखाव के लिये मिलने वाले भत्तों की समीक्षा करने को कहा है. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी के त्रिपाठी ने तिमाही समीक्षा बैठक में पाया कि परिचालन से जुड़े खर्चे काफी अधिक हैं. चालू वित्त वर्ष में मई तक सातों जोन में यह रेलवे के पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 26 प्रतिशत औसत वृद्धि से कहीं ऊपर चला गया है.

26 प्रतिशत के औसत से ज्यादा खर्च करने वाले ये जोन हैं पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (37.9 प्रतिशत), उत्तर रेलवे (35.3 प्रतिशत), दक्षिण-मध्य रेलवे (34.8 प्रतिशत), दक्षिण-पश्चिम रेलवे (33.1 प्रतिशत), उत्तर-पश्चिम रेलवे (29 प्रतिशत), पश्चिम रेलवे ( 28 प्रतिशत) और उत्तर-मध्य रेलवे (27.3 प्रतिशत). एक सवाल के जवाब में रेलवे ने पीटीआई-भाषा से कहा कि परिचालन खर्च को लेकर 2022-23 के लिये कुल बजटीय अनुमान 2.32 लाख करोड़ रुपये है. चूंकि खातों का ऑडिट होना बाकी है, संबंधित आंकड़े अस्थायी हैं. विभाग ने कहा, रेलवे ने वित्त मंत्रालय के व्यय नियंत्रण और प्रबंधन पर दिये गये दिशानिर्देश को जारी किया है। विभिन्न मोर्चों पर मितव्ययिता और किफायती उपायों को लागू किया जा रहा है. इसके अलावा, ईंधन की खपत को अनुकूलतम बनाने के साथ माल भंडार प्रबंधन में सुधार पर भी ध्यान दिया जा रहा है.
सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान रेलवे बोर्ड ने जोन को अपने खर्च को कम करने के लिये तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया और महाप्रबंधकों को इस संदर्भ में कार्ययोजना बनाने को कहा. बोर्ड ने कहा, ओवरटाइम, रात्रि ड्यूटी भत्ता, किलोमीटर भत्ता जैसे खर्चों को नियंत्रित किया जा सकता है. इसपर नजर रखे जाने की जरूरत है. इसके अलावा, पूर्व रेलवे (ईआर), दक्षिणी रेलवे (एसआर), पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) और उत्तर रेलवे (एनआर) जैसे जोन को किलोमीटर भत्ते को नियंत्रित करने की आवश्यकता है. यह भत्ता ट्रेन को संचालित करने वाले कर्मचारियों को दिया जाता है. वहीं दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर), पूर्व-मध्य रेलवे (ईसीआर) और पूर्व तटीय रेलवे (ईसीओआर) को रात्रि ड्यूटी भत्ते पर अपने खर्च को कम करने के लिये कहा गया है.

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