Breaking News

ईडी को पावरफुल बनाने वाली कांग्रेस के ही नेता है ईडी के राडार पर

Getting your Trinity Audio player ready...

नई दिल्ली। राहुल गांधी से लगातार दो दिन पूछताछ के बाद ईडी फिर सुर्खियों में है। दस साल पहले तक ईडी शायद ही कभी सुर्खियों में आती थी, लेकिन इन दिनों तो ईडी की चर्चा चारो ओर है। दरअसल मनी लॉन्ड्रिंग कानून लागू होने के बाद से ही ईडी का दम लोगों को दिखा है। इसे समझने से पहले मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ बने कानून का मतलब समझ लेते हैं। आम बोली में इसका मतलब है दो नंबर के पैसे को हेरफेर से ठिकाने लगाने वालों के खिलाफ कानून। मजेदार बात यह कि इस कानून को बनाया तो अटल सरकार ने 2002 में था, लेकिन इसे धार देकर 2005 में लागू किया मनमोहन सरकार के वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने। अब यही कानून कांग्रेसी नेताओं के लिए गले का फंदा बना हुआ है।
आपको 2020 का वो किस्सा तो याद ही होगा, जब एक के बाद एक 8 राज्यों ने सीबीआई को अपने इलाके में काम करने से रोक दिया था। इनमें पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, केरल और मिजोरम जैसे राज्य शामिल थे। मतलब साफ है कि दिल्ली पुलिस स्पेशल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट 1946 के तहत बनी सीबीआई को किसी भी राज्य में घुसने के लिए राज्य सरकार की अनुमति जरूरी है। हां, अगर जांच किसी अदालत के आदेश पर हो रही है तब सीबीआई कहीं भी जा सकती है। पूछताछ और गिरफ्तारी भी कर सकती है। करप्शन के मामलों में अफसरों पर मुकदमा चलाने के लिए भी सीबीआई को उनके डिपार्टमेंट से भी अनुमति लेनी होती है। वहीं नेशनल इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी यानी एनआईए को बनाने की कानूनी ताकत एनआईए एकट 2008 से मिलती है। यह एजेंसी पूरे देश में काम कर सकती है, लेकिन उसका दायरा केवल आतंक से जुड़े मामलों तक सीमित है।
इससे उलट मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की ताकत से लैस ईडी केंद्र सरकार की अकेली जांच एजेंसी है, जिसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में नेताओं और अफसरों को तलब करने या उन पर मुकदमा चलाने के लिए सरकार की अनुमति की जरूरत नहीं है। ईडी छापा भी मार सकती है और प्रॉपर्टी भी जब्त कर सकती है। हालांकि, अगर प्रॉपर्टी इस्तेमाल में है, जैसे मकान या कोई होटल तो उसे खाली नहीं कराया जा सकता। मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में जमानत की 2 सख्त शर्तें हैं। पहली-आरोपी जब भी जमानत के लिए अप्लाई करेगा तो कोर्ट को सरकारी वकील की दलीलें जरूर सुननी होंगी।
दूसरी- इसके बाद कोर्ट अगर इस बात को लेकर संतुष्ट होगा कि जमानत मांगने वाला दोषी नहीं है और बाहर आने पर ऐसा कोई अपराध नहीं करेगा, तभी जमानत मिल सकती है। यानी जमानत केस की सुनवाई से पहले ही अदालत को ये तय करना पड़ेगा कि जमानत मांगने वाला दोषी नहीं है।
इस कानून के तहत जांच करने वाले अफसर के सामने दिए गए बयान को कोर्ट सबूत मानता है, जबकि बाकी कानूनों के तहत ऐसे बयान की अदालत में कोई वैल्यू नहीं है।

वो कांग्रेसी नेता जो हैं ईडी की लिस्ट में

नेशनल हेराल्ड मामला: सोनिया और राहुल गांधी

सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था। अगस्त 2014 में ईडी ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। दिसंबर 2015 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को जमानत दे दी। अब ईडी ने इसी मामले की जांच के लिए सोनिया और राहुल को समन जारी किया। साथ ही ईडी ने सोमवार और मंगलवार को राहुल से इस मामले में पूछताछ की है।

पंचकुला लैंड केस: भूपिंदर सिंह हुड्डा

ईडी ने 26 अगस्त को हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा और कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा के खिलाफ एजेएल मामले में चार्ज शीट दायर की थी। हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने 64.93 करोड़ रुपए का प्लॉट एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड को 69 लाख 39 हजार रुपये में दिया था। पंचकुला स्थित इस भूखंड को 2018 में कुर्क कर लिया था। एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करता था।

आय से अधिक संपत्ति: डीके शिवकुमार

3 सितंबर 2019 को ईडी ने कांग्रेस नेता और कर्नाटक के पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार को टैक्स चोरी और आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया था। इससे पहले उनसे 2 दिन तक पूछताछ हुई थी।

आईएनएक्स मीडिया: पी. चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम

आईएनएक्स मीडिया मामला भी इसका एक उदाहरण है। पी. चिदंबरम पर न केवल विदेशी निवेश के लिए आईएनएक्स मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से मंजूरी दिलाने में रिश्वत लेने का आरोप लगा बल्कि सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार भी किया। ईडी ने चिदंबरम से पूछताछ भी की थी। इसी मामले में चिदंबरम के बेटे कार्ति भी गिरफ्तार हो चुके हैं।

जमीन खरीद घोटाला: रॉबर्ट वाड्रा

2007 में रॉबर्ट वाड्रा ने स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक कंपनी शुरू की थी। रॉबर्ट और उनकी मां मौरीन इसके डायरेक्टर थे। आरोप है कि इस कंपनी के नाम पर वाड्रा ने बीकानेर में कौडिय़ों के भाव में जमीन खरीदी, फिर ऊंचे दाम पर बेच दी। ईडी ने वाड्रा पर लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। इस मामले में रॉबर्ट वाड्रा से अब तक 11 से ज्यादा बार पूछताछ हो चुकी है।

स्टर्लिंग बायोटेक बैंक धोखाधड़ी: फैसल पटेल

गुजरात के कारोबारी चेतन और नितिन संदेसरा के खिलाफ स्टर्लिंग बायोटेक बैंक धोखाधड़ी मामले में ईडी ने कांग्रेस नेता अहमद पटेल के बेटे फैसल और दामाद इरफान सिद्दीकी से पूछताछ की थी।

अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशाोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत से फर्टिलाइजर घोटाले में ईडी ने 2021 में पूछताछ की थी। 2020 में ही ईडी ने अग्रसेन गहलोत के खिलाफ केस दर्ज किया था।

सुरेश कलमाड़ी

ईडी ने कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला मामले में सुरेश कलमाडी के खिलाफ केस दर्ज किया था।

कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी

ईडी ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी पर हवाला ऑपरेटरों की मदद से प्रॉपर्टी जुटाने के आरोप में केस दर्ज किया है। ईडी ने इस मामले में रतुल को गिरफ्तार भी किया था।

क्या होती है मनी लॉन्ड्रिंग

मनी लॉन्ड्रिंग बड़ी मात्रा में अवैध पैसे को वैध पैसा बनाने की प्रक्रिया है। सीधे शब्दों में कहें तो ब्लैक मनी को वाइट करने को मनी लॉन्ड्रिंग कहते हैं। ब्लैक मनी वो पैसा है, जिसकी कमाई का कोई स्रोत नहीं होता, यानी उस पर कोई टैक्स नहीं दिया गया है। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ऐसा लगता है कि पैसा किसी लीगल सोर्स से आया है, लेकिन वास्तव में पैसे का मूल सोर्स कोई आपराधिक या अवैध गतिविधि होती है। धोखेबाज इस प्रोसेस का इस्तेमाल अवैध रूप से इक_ा पैसे को छिपाने के लिए करते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो मनी लॉन्ड्रिंग पैसे के सोर्स को छुपाने की प्रोसेस है, जो अक्सर अवैध गतिविधियों जैसे ड्रग्स की तस्करी, भ्रष्टाचार, गबन या जुए से मिलता है। यानी अवैध तरीके से मिले पैसे को एक वैध स्रोत में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को ही मनी लॉन्ड्रिंग कहते हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए ड्रग डीलर से लेकर बिजनेसमैन, भ्रष्ट अधिकारी, माफिया, नेता करोड़ों से लेकर अरबों रुपए तक के फ्रॉड करते हैं।

 

Check Also

 नाम पर संग्राम? अब बॉलीवुड सेलिब्रिटी और पॉलिटिशियन के बीच बयानबाजी शुरू

Getting your Trinity Audio player ready... लखनऊ, (माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः बीते दिनों मुजफ्फरनगर प्रशासन ने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *