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यूपी को नितिन गडकरी ने दी 7000 करोड़ रुपये के परियोजनाओं का तोहफा

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले करीब 26 माह में सडक़ निर्माण पर 5 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने यूपी के लिए परियोजनाओं की बड़ी सौगात दी है। उन्होंने प्रदेश में 7 हजार करोड़ रुपये की पथ निर्माण परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाए जाने की घोषणा की। करीब 26 माह यानी वर्ष 2024 तक उन्होंने यूपी के रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को अमेरिका के बराबर किए जाने का दावा किया। शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इंडियन रोड कांग्रेस के 81वें संस्करण का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री ने यह घोषणा की। इस दौरान मंच पर सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने तमाम योजनाओं के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि शाहाबाद बाईपास-हरदोई बाईपास की योजना को मंजूरी दे दी गई है। इस पर 1212 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। शाहजहांपुर से शाहाबाद बाईपास तक करीब 35 किलोमीटर सडक़ निर्माण के लिए 950 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है। वहीं, मुरादाबाद से काशीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण 2007 करोड़ और गाजीपुर से बलिया के बीच 1708 करोड़ रुपये की लागत से सडक़ का निर्माण होगा। गडकरी ने कहा कि प्रदेश में 13 रेल ओवर ब्रिज की 1000 करोड़ रुपये की परियोजना मंजूर की गई है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2024 तक उतर प्रदेश का रोड बुनियादी ढांचा अमेरिका के बराबर होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्देश है कि भारत की 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था को नंबर पांच से नंबर 1 पर लाना है। उसके लिए रोड का निर्माण अति आवश्यक है। गडकरी ने कहा कि जरुरी नहीं है कि हमारे पास सबकुछ ‘बेस्ट’ ही हो। समय की मांग है कि ‘वेस्ट’ का प्रयोग कर उतर प्रदेश में वातावरण को बिना नुकसान पहुंचाए सडक़ का निर्माण किया जाए। उन्होंने कहा कि ईकोनामी,ईकोलाजी के साथ पर्यावरण और परिवेश पर भी ध्यान देना होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत विकासशील देश है। यहां निर्माण की कीमत अधिक है। इसलिए, हमें ध्यान रखना होगा कि निर्माण की कीमत को कम और गुणवत्ता को बढ़ाया जाए। गडकरी ने जनता से अपील की डीजल-पेट्रोल की जगह एथेनाल, मेथेनाल, बिजली और सीएनजी के वाहन प्रयोग करें। इससे किराया भी सस्ता होगा। आज हम पराली से एक लाख लीटर बायो एथनॉल बना रहे हैं। साथ ही, हम इससे बायो सीएनजी बनाने पर भी काम कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य की जरूरत करार देते हुए कहा कि अगर हमारे देश के 117 आकांक्षी जिलों में अगर इस तकनीक पर काम किया जाएं, तो उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत होने में पूरी मदद मिलेगी। इससे देश में रोजगार सृजन भी होगा। आईसीसीएसए का मानना है कि नेट जीरो के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जो तकनीकी रोडमैप पेश किया जा रहा है, वह ट्रिपल ई (इकोनमी, एनवायरमेंट व इकोलॉजी) की अवधारणा पर आधारित है। इसके लिए सबसे ज्यादा ग्रीन हाउज गैस उत्सर्जन करने वाले जिन पांच सेक्टरों को चुना गया है, उनमें तेल व प्राकृतिक गैस, कृषि व पशुपालन, लैंडफिल एडं वेस्ट, कोयला खनन और परिवहन प्रमुख हैं।

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