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नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए की ओर से गैंगस्टर टेरर फंडिंग मामले में उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश में एक साथ छापेमारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि कुल 70 ऐसे लोकेशन हैं जहां पर एनआईए की छापेमारी चल रही है। यह छापेमारी गैंगस्टर और उनके करीबियों के ठिकाने पर हुई है।
जानकारी के मुताबिक, एनआईए की यह छापेमारी लॉरेंस बिश्नोई जैसे गैंगस्टर और तमाम राज्यों में फैले उनके सिंडिकेट को लेकर की जा रही है। एनआईए की ओर से इससे पहले पिछले साल के आखिर में भी दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई राज्यों में एक साथ छापेमारी हुई थी। यूपी में जिन जगहों पर छापेमारी चल रही है उसमें लखनऊ, पीलीभीत और प्रतापगढ़ भी शामिल है।
जांच एजेंसियों ने गैंगस्टर के वसूली के धंधे की जब गहराई से तफ्तीश की तो यह भी पता चला यह वसूली सट्टेबाजों फाइनेंसर, दर्जी मॉल ओनर। क्रेशर कारोबारी और प्रॉपर्टी डीलर तक से की जाती थी। लॉरेंस और उसके गैंगस्टरों का कच्चा चि_ा का राज 75 मोबाइल फोन में छिपा हुआ है जो पिछले 3 महीने में जांच एजेंसियों ने अलग-अलग गैंगस्टरों के यहां छापेमारी के दौरान जब्त किए हैं। आज चल रही छापेमारी का यही आधार है।
जांच एजेंसी ने बकायदा उन लोगों की पहचान की जिससे लॉरेंस और उसके गैंग ने पैसा उगाही का धंधा शुरू किया था, यह लोग आम इंसान हैं और इसमें बिजनेसमैन, सिंगर, डॉक्टर, अवैध माइनिंग करने वाले, शराब का धंधा करने वाले हथियार का धंधा करने वाले और ड्रग नेटवर्क चलाने वाले लोग हैं। लॉरेंस और उस जैसे गैंगस्टर के हथियार नेटवर्क के भी बारे में जांच एजेंसियों ने पूरा ब्यौरा तैयार किया है।। ऐसे ही खुर्जा के पास दो करोड़ के हथियार खरीद का जिक्र है।
पंजाब में गैंगस्टरों के उगाही धंधे से पैसों से एक ओर तो हथियार खरीदा जाता है और दूसरी ओर हवाला के जरिए विदेश में बैठे उनके सहयोगियों को यह रकम पहुंचाई जाती है। उगाही का धंधा 3 तरीके से काम करता है, पहला हर महीने इन गैंगस्टर के टारगेट को पैसा देना होता है, दूसरा एक साथ इनके टारगेट को पैसा देना तीसरा कुछ किश्तो में पैसा देना।। यह रकम 1 लाख से लेकर 50 लाख तक की है।
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, नीरज बवाना, टिल्लू ताजपुरिया और गोल्डी बराड़ पहले से ही एनआईए की रडार पर हैं। इस मामले एनआईए कई गैंगस्टरों से पूछताछ भी कर चुकी है। पिछले साल अक्टूबर में आतंकवाद विरोधी एजेंसी एनआईए ने उत्तर भारत और दिल्ली में 50 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद एजेंसी ने एक गैंगस्टर और वकील को गिरफ्तार भी किया था।