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लखनऊ। भारतीय बैंकों के ग्राहकों पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इसलिए ज्यादातर बैंकों ने अपने ग्राहकों को सतर्क रहने को कहा है। बैंकों ने ग्राहकों से कहा है कि वे आधिकारिक ऐप स्टोर के अलावा कहीं से भी ऐप डाउनलोड करने से बचें। इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) ने कहा है कि भारतीय बैंक ग्राहकों को नए सोवा एंड्रॉइड ट्रोजन द्वारा लक्षित किया जा रहा है। इसमें मोबाइल बैंकिंग को टारगेट किया जा रहा है. इस मैलवेयर का नया संस्करण उपयोगकर्ताओं को धोखा देने के लिए नकली एंड्रॉइड एप्लिकेशन के साथ खुद को प्रच्छन्न करता है। इसके बाद यह क्रोम, अमेजऩ, एनएफटी जैसे लोकप्रिय ऐप्स के लोगो के साथ दिखाई देता है. इससे बचने का एक ही तरीका है कि यूजर्स किसी ऐप को आधिकारिक ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें।
यह 200 से अधिक मोबाइल एप्लिकेशन को लक्षित करता है। एचडीएफसी बैंक, आईडीबीआई बैंक और करूर वैश्य बैंक समेत सभी बैंकों ने अपने ग्राहकों को इस मैलवेयर के बारे में अलर्ट कर दिया है। अन्य सभी बैंक भी ग्राहकों को अलर्ट भेजने की योजना बना रहे हैं। यूजर्स को किसी भी थर्ड पार्टी वेबसाइट से ऐप्स बिल्कुल भी डाउनलोड नहीं करनी चाहिए, इसके अलावा यूजर्स को अपने एंड्राइड डिवाइस को लेटेस्ट पैच, के साथ नियमित रूप से अपडेट करना चाहिएज्.. किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करना से बचें। यह मैलवेयर एसएमएस के जरिए भेजा जाता है। जैसे ही यह फर्जी ऐप मोबाइल फोन में इंस्टॉल हो जाता है। यह फोन में पहले से डाउनलोड किए गए सभी ऐप्स को कॉपी करता है और वित्तीय एप्लिकेशन को अपना लक्ष्य बनाता है। इसलिए, लोगों को सलाह दी गई है कि किसी एंड्रॉइड डिवाइस पर एप्लिकेशन डाउनलोड करने से पहले उस ऐप के सभी विवरणों की सावधानीपूर्वक समीक्षा करें। इसका डाउनलोड नंबर चेक करें। उपयोगकर्ता समीक्षाएं पढ़ें। उनकी टिप्पणियों की जाँच करें और अतिरिक्त जानकारी अनुभाग में एक नजऱ डालें। यह मैलवेयर कीस्ट्रोक्स को इक_ा करने, कुकीज चुराने, मल्टीफैक्टर ऑथेंटिकेशन को इंटरसेप्ट करने, स्क्रीनशॉट लेने और वेबकैम से रिकॉर्डिंग करने में सक्षम है। यह ऐप आपके मोबाइल को एन्क्रिप्ट कर सकता है। और संवेदनशील ग्राहक डेटा को जोखिम में डाल सकता है और साथ ही बड़े पैमाने पर आपके साथ वित्तीय धोखाधड़ी भी कर सकता है। बैंकों ने अपने ग्राहकों से कहा है कि वे बैंक खाते में किसी भी तरह की असामान्य गतिविधि की सूचना तुरंत अपने बैंक को दें ताकि उस पर आगे की कार्रवाई की जा सके. इसके अलावा बैंकों ने अपने सभी ग्राहकों को अपने मोबाइल फोन में एंटी-वायरस और एंटीस्पायवेयर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने की भी सलाह दी है।