Breaking News

आप भी पाना चाहते हैं ईडब्लूएस आरक्षण का लाभ तो इन बातों का रखें ध्यान

Getting your Trinity Audio player ready...

नई दिल्ली। देश की शीर्ष अदालत ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्र सरकार के फैसले को वैध करार दिया है. पीठ ने कहा कि यह आरक्षण संविधान के मूलभूत सिद्धांतों और भावना का उल्लंघन नहीं करता है. भले ही यह नीति वर्षों पहले लागू की गई थी, फिर भी समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों को पात्रता और लाभ के बारे में कुछ भ्रम है. अब इस पर कोई रुकावट नहीं रह गई है. बता दें कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने भारतीय संविधान में 103 वां संशोधन लाकर 2019 में ईडब्ल्यूएस कोटा लाया था. कोटे का प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 15 के खंड 6 और अनुच्छेद 16 में जोड़ा गया था. यह खंड शैक्षणिक संस्थानों और नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को आरक्षण प्रदान करता है.


संशोधन के अनुसार, यह आरक्षण निजी सहित किसी भी शैक्षणिक संस्थान द्वारा भी लागू किया जा सकता है, हालांकि अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को संशोधन से छूट दी गई है. बता दें कि ईडब्ल्यूएस का फुल फार्म इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन अर्थात आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग है. ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बिल्कुल इनकम सर्टिफिकेट के समान होता है, जो किसी भी व्यक्ति की आय की स्थिति को दर्शाता है.
ईडब्ल्यूएस कोटा जाति और वर्ग के आधार पर आरक्षण के विपरीत आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की सामान्य श्रेणी को आरक्षण प्रदान करता है. एक सामान्य श्रेणी से संबंधित व्यक्ति ईडब्ल्यूएस के अंतर्गत आता है, यह उसके परिवार की वार्षिक आय पर निर्भर करता है. ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत आने वाले व्यक्ति के लिए उसके या उसके परिवार की आय 8 लाख रुपये से कम होनी चाहिए. आय के स्रोत में कृषि, व्यवसाय और अन्य व्यवसाय भी शामिल हैं.
ईडब्ल्यूएस कोटे के अन्तर्गत आने वाले लोगों के लिए कुछ अनिवार्य शर्तें भी हैं. इस श्रेणी के तहत एक व्यक्ति के पास 5 एकड़ से कम कृषि भूमि होनी चाहिए. इसके साथ ही उनका रिहायशी फ्लैट 200 वर्ग मीटर या इससे ज्यादा का नहीं होना चाहिए. यदि कोई आवासीय फ्लैट 200 वर्ग मीटर से अधिक का है तो वह नगर पालिका के अंतर्गत नहीं आना चाहिए.
ईडब्ल्यूएस आरक्षण सरकारी नौकरियों में और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए आवेदन करने में छूट प्रदान करता है, शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में प्रवेश के लिए ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत 10 फीसदी आरक्षण होगा.
किसी व्यक्ति को यह साबित करने के लिए कि वह समाज के ईडब्ल्यूएस से संबंधित है, उसके पास आरक्षण का दावा करने के लिए ‘आय और संपत्ति प्रमाणपत्र’ होना चाहिए. विशेष रूप से, प्रमाण पत्र केवल तहसीलदार या उससे ऊपर के रैंक के राजपत्रित अधिकारियों द्वारा जारी किया जाना चाहिए. यह आय प्रमाण पत्र एक वर्ष के लिए वैध होता है. ईडब्ल्यूएस लाभार्थियों को हर साल अपने प्रमाणपत्रों का नवीनीकरण कराना होता है.

आवश्यक दस्तावेज

आधार कार्ड
पहचान पत्र या पैन कार्ड
हाईस्कूल या ग्रेजुएशन की अंक तालिका
परिवार की वार्षिक आय का प्रमाण पत्र
मूल निवास प्रमाण पत्र
बैंक पासबुक
शपथ पत्र
आवेदक का पासपोर्ट साइज फोटो

Check Also

 नाम पर संग्राम? अब बॉलीवुड सेलिब्रिटी और पॉलिटिशियन के बीच बयानबाजी शुरू

Getting your Trinity Audio player ready... लखनऊ, (माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः बीते दिनों मुजफ्फरनगर प्रशासन ने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *