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लखनऊ। हेल्प यू एजुकेशनल एंड चौरिटेबल ट्रस्ट द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की चतुर्थ पुण्य तिथि बेहद अनूठे तरीके से मनायी गयी, ट्रस्ट द्वारा जहां अटल जी के द्वारा रचित कविताओं को गायकी के माध्यम से पेश करके उनको श्रद्धांजलि दी गयी तो वहीं संस्था द्वारा सोशल मीडिया के सहारे में ऑनलाइन श्रद्धांजलि देने के लिए व्यवस्था की गयी।
पुष्पांजलि व ऑनलाइन कार्यक्रम श्रद्धांजलि संध्या का आयोजन संस्था के कार्यालय सेक्टर 25, इंदिरा नगर में किया गया। हेल्प यू एजुकेशनल एंड चौरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल व न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल व ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने अटल जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दीं। कार्यक्रम में प्रदीप अली, ग़ज़ल गायक ने अपनी मधुर आवाज में गीतों व अटल जी की कविताओं से उन्हें साँस्कृतिक श्रद्धांजलि दी। गिटार पर उनका साथ गोपाल गोस्वामी व तबला पर नितीश भारती ने दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ अल्का द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सत्यम शिवम सुंदरम गीत के साथ हुई तथा उसके बाद प्रदीप ने, है प्रीत जहाँ की रीत सदा, ऐ मेरे प्यारे वतन, तुम मुझे यूं भुला न पाओगे, अटल की कविताएं दूर कही कोई रोता है, आओ फिर से दिया जलाएं गयी तथा अंत में रामधुन प्रस्तुत की गयी। ट्रस्टी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने अटल जी को याद करते हुए कहा कि वह भारतीय राजनीति का एक चमकता हुआ सितारा थे और हमेशा रहेंगे। भारत देश के लिए किए गए उनके प्रयासों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनका संपूर्ण व्यक्तित्व ही हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि हेल्प यू एजुकेशनल एंड चौरिटेबल ट्रस्ट की ओर से ऐसे महान राजनीतिज्ञ को कोटि कोटि नमन। इस अवसर पर डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि देश की बात हो, क्रांतिकारियों की या फिर उनकी अपनी कविताओं की, अटल बिहारी वाजपेई की बराबरी कोई नहीं कर सकता। वह एक महान राजनेता होने के साथ-साथ एक महान लेखक भी थे। उन्हें कविताएं लिखने का बहुत शौक था। अपनी कविताओं से ही उन्होंने विरोधियों का मुंह बंद कर दिया था। श्रीमती अग्रवाल ने कहा कि उनकी कविताएं युवाओं के लिए एक ऐसी प्रेरणा स्रोत हैं जो उन्हें शौर्य व पराक्रम से भर देती हैं।