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सांगली। महाराष्ट्र में एक ही परिवार के 9 लोगों की सामूहिक आत्महत्या के मामले में नया मोड़ आ चुका है. एक साथ एक ही परिवार के 9 लोगों की मौत को शुरू में कर्ज की वजह से सामूहिक आत्महत्या माना गया, लेकिन जांच में पता चला कि एक तांत्रिक ने पूरे परिवार को चाय में जहर मिला दिया था. जिसकी वजह से सबकी मौत हुई. इतने बड़े पैमाने पर हत्याओं को सामूहिक आत्महत्या का रूप दिया जा सके, इसके लिए बाकायदा सुसाइड नोट लिखा गया और कई लोगों के नाम लिख कर कर्ज होने की बात कही गई. हालांकि अब सांगली पुलिस ने तांत्रिक समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर पूरे मामले का खुलासा कर दिया है.
बता दें बीते महीने 20 जून को सांगली के म्हैसल गांव के दो घरों में 9 लोगों के शव पाए गए थे. ये सभी लोग एक ही परिवार से थे, लेकिन डेढ़ किमी की दूरी पर अलग-अलग घरों में रहते थे. इसमें एक भाई शिक्षक था और दूसरा पशु चिकित्सक, जानकारी के मुताबिक, पोपट वनमोर, डॉ माणिक वनमोर समेत उनकी 74 साल की मां, पत्नियों समेत चार बच्चे अलग अलग घरों में मृत पाए गए थे. पुलिस को दोनों ही घरों से सुसाइड नोट मिले थे. लेकिन अब मामले का खुलासा होने के बाद सभी हतप्रभ हैं.
कोल्हापुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक मनोज कुमार लोहिया ने बताया कि तांत्रिक अब्बास ने वनमोर भाइयों के लिए गुप्त धन खोजने का वादा किया था और इसके एवज में उसने मोटी रकम (करीब 1 करोड़ रुपए) भी लिए थे. जब गुप्त धन नहीं मिला तो वनमोरे बंधु तांत्रिक से अपनी रकम वापस मांगने लगे. लेकिन अब्बास रुपए वापस नहीं करना चाहता था. दबाव बढ़ा तो उसने वनमोरे बंधुओं के पूरे परिवार को ही रास्ते से हटाने की योजना बनाई. और फिर एक एक करके उन्हें चाय में जहर मिला कर पिला दिया. सांगली जिले के एसपी दीक्षित गेदाम ने कहा कि मुख्य आरोपी अब्बास बागवान और सुरवासे को सोलापुर से गिरफ्तार कर लिया गया है. दोनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया है.