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लखनऊ,(मॉडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेष के विभिन्न सरकारी विभागांे, उपक्रमों व निगमों व अस्पतालांे मंे कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखते हुये उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम’ (यू0पी0सी0ओ0एस0) के गठन के निर्देश दिए हैं। प्रायः सेवाप्रदाता कंपनियों द्वारा कर्मचारियों के वेतन और उनके अधिकारों के प्रति षोषण की तमाम षिकायतंे षासन स्तर पर आती रहती हैं। इस व्यवस्था से सेवाप्रदाता कंपनियों की मनमानी पर अंकुष लगेगा। इस संबध मंे उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम’ (यू0पी0सी0ओ0एस0) के गठन के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री के समक्ष एक प्रस्तुतिकरण भी दिया गया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कार्यरत आउटसोर्सिंग कार्मिकों की सेवा, श्रम अधिकारों एवं पारिश्रमिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम’ (यू0पी0सी0ओ0एस0) के गठन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग कर्मियों द्वारा विभिन्न जनहित के कार्य सम्पादित किये जा रहे हैं। राज्य सरकार उनके श्रम का सम्मान करती है और उनकी सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर ‘उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम’ (यू0पी0सी0ओ0एस0) के गठन के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतिकरण का अवलोकन कर रहे थे। ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार के वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में इस निगम के गठन के सम्बन्ध में घोषणा की गयी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों के वेतन में कटौती, समय से भुगतान न होना, ई0पी0एफ0 व ई0एस0आई0 जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ न मिल पाना, पारदर्शी चयन प्रक्रिया का अभाव, उत्पीड़न आदि शिकायतें प्राप्त होती हैं। ऐसे में इस व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन किया जाना आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित निगम के स्वरूप पर चर्चा करते हुए निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी कर्मचारी को सेवा प्रदाता एजेंसी द्वारा तब तक सेवा से नहीं हटाया जाए, जब तक कि सम्बन्धित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति न हो। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक माह की 05 तारीख तक सभी कार्मिकों के बैंक खाते में पूरा पारिश्रमिक जमा हो जाए। साथ ही, ई0पी0एफ0 व ई0एस0आई0 की राशि भी समय से जमा हो। नियमों के उल्लंघन पर एजेंसियों पर ब्लैकलिस्टिंग, डिबार, पेनाल्टी व वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। निगम का गठन करते हुए इस सम्बन्ध में स्पष्ट प्रावधान किये जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि आउटसोर्सिंग निगम के माध्यम से होने वाली सभी नियुक्तियों में नियमानुसार आरक्षण प्रावधानों का पालन किया जाए। इसी प्रकार, मेडिकल सुविधा, मातृत्व अवकाश, दुर्घटना बीमा, पेंशन एवं पारिवारिक पेंशन सहित सभी लाभ निगम के माध्यम से सुनिश्चित किये जाएं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बनने जा रहे इस निगम के माध्यम से तीन पक्षीय समझौते के तहत विभाग, निगम व आउटसोर्सिंग एजेंसी के बीच समन्वित रूप से सभी प्रक्रियाएं संचालित होंगी। पारदर्शी चयन प्रक्रिया, जेम पोर्टल से एजेंसियों का चयन, मेरिट आधारित भर्ती, आधुनिक तकनीक का प्रयोग, ई0पी0एफ0/ई0एस0आई0 की समयबद्ध जमा व निगरानी तथा आरक्षण नियमों का पालन सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि निगम एक सुगठित ढांचा के तहत कार्य करेगा, जिसमें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, सलाहकार समिति, राज्य व जिला स्तरीय कमेटियाँ गठित होंगी। जेम पोर्टल द्वारा तीन वर्षों के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन किया जाना उचित होगा, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यरत वर्तमान कार्मिकों की सेवाएं बाधित न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी कार्मिकों की गरिमा, सुरक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है। यह निगम न केवल प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाएगा, बल्कि लाखों आउटसोर्सिंग कार्मिकों के जीवन में स्थायित्व व भरोसा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर यथाशीघ्र प्रस्तुत किया जाए।