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नई दिल्ली। इंसानों को गलतियों का पुतला कहा जाता है, लेकिन कई दफा इंसान ऐसी गलतियां कर जाता है जिसके बारे पता चलने पर उसके पास पछताने के सिवा कुछ नहीं रहता. कई बार इंसान बिना सोचे समझे या फिर नादानी में ऐसे काम कर जाता है, जिस कारण उसे बाद में पछताना पड़ता है. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो गलत काम कर देते है या फिर गलत फैसला ले लेते हैं और इसके बारे में उन्हें तब तक पता नहीं चलता, जब तक कोई उन्हें न बताए.ऐसी ही गलती इन दिनों दुनियाभर में चर्चा का विषय बनी हुई है. जहां एक आईटी इंजीनियर ने 1400 करोड़ रुपए कूड़े में फेंक दिए थे, जिसका खामियाजा वो आज तक भुगत रहा है.
मामला यूके के वेल्स का है जहां रहने वाले जेम्स हॉवेल्स आईटी इंजीनियर पिछले दस सालों से अपने गुम गुए करोड़ों रुपए के 8000 बिटक्वाइन ढूढऩे में जुटे हुए है. 10 साल पहले यह बिटक्वाइन उन्होंने एक हार्डड्राइव में रखे थे जो उन्होंने गलती से कूड़े में फेंक दी थी और अब वो हार्ड ड्राइव को कूड़े के ढेर से हर हाल में निकालने में जुट गए हैं.
जेम्स का कहना है अगर उनकी ये हार्ड-डिस्क उन्हें मिल जाए तो वो इसका 10 फीसदी वो न्यूपोर्ट (वेल्स) में क्रिप्टो हब बनाने में खर्च करेंगे. इस बारे में न्यूपोर्ट के काउंसिल का कहना है कि अगर हार्ड डिस्क खोजने के लिए लैंडफिल के साथ कोई छेड़छाड़ की गई तो पर्यावरण को काफी नुकसान होगा, लेकिन जेम्स का मानना है कि इतने सालों बाद भी उनकी हार्ड-डिस्क आज भी वहीं पड़ी होगी.
इसको खोजने के लिए वह प्रशासनन से कई गुहार लगा चुके हैं वहीं काउंसिल जेम्स के प्रस्ताव को कई बार अस्वीकार कर चुकी है और हर बार काउंसिल ने इसे अस्वीकार करने के पीछे पर्यावरण का तर्क दिया है. जेम्स को जब पता चला कि उनके पास जो बिटक्वाइन था वो आज काफी महंगा हो चुका है. आज एक बिटक्वाइन की कीमत 18,28,395 रुपए है. उनके पास 8000 बिटक्वाइन थे. उनकी कीमत आज की तारीख में देखें तो यह कीमत 14627160000 (1400 करोड़) रुपए होती है. अब वो हार्ड ड्राइव को कूड़े के ढेर से हर हाल में निकालने में जुट गए हैं.