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लखनऊ। सबके लिए आवास के संकल्प के साथ देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना का लक्ष्य दुर्बल आय वर्ग के लोगों को सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ उनके सपनों का घर उपलब्ध कराना है। आज उत्तर प्रदेश देश के अन्य राज्यों के मुकाबले गरीबों को आवास देने के मामले में अग्रणी है। प्रदेश को दो बार उक्त योजना में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है। प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के संचालन की जिम्मेदारी राज्य नगरीय विकास अभिकरण सूडा बाखूबी निभा रहा है। इस योजना से आच्छादित होकर लाखों परिवार आज अपने आवास में सुखमय व गरिमामय जीवन व्यतीत कर रहे हैं। कतिपय कारणों से ऐसा भी देखने में आया है कि कुछ पात्रों द्वारा उक्त योजना के तहत आर्थिक सहयोग मिलने के बाद भी आवास निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण इन लाभार्थियों को योजना के अंतर्गत प्राप्त होने वाली तीसरी किश्त में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर उक्त योजना के घटक एएचपी के आवंटी भी कुछ ऐसी ही परेशानियों का सामना कर रहे हैं। जिसके कारण पूर्ण हो चुके आवासों पर लाभार्थियों को कब्जा नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में इन पात्रों के लिए विशेष प्रावधानों पर ऋण उपलब्ध कराने का कार्य हाउसिंग फाइनेन्स कंपनियों द्वारा किये जाने से एक ओर जहां लाभार्थियों के गृह निर्माण का काम पूरा होने में मदद मिलेगी व इसके साथ ही उनको इस योजना की तृतीय किश्त का लाभ भी प्राप्त होगा। वहीं फाइनेंस कंपनियों द्वारा दुर्बल आय वर्ग के लोगों को ऋण उपलब्ध कराने से उनके व्यवसायिक ग्राफ में और ऊंचाई देखने को मिलेगी। उक्त बातें आज सूडा भवन में हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के प्रतिनिधियों के लिए आयोजित वर्कशॉप में निदेशक सूडा डा. अनिल कुमार ने कहीं।
अपने अध्यक्षीय भाषण में निदेशक सूडा ने कहा कि दुर्बल आय वर्ग के लाभार्थियों के मध्य कार्य कर रही विभिन्न हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों एवं अन्य हितधारकों के साथ कार्यशाला के आयोजन का मुख्य उद्देश्य यही है कि लाभार्थियों के सम्मुख आ रही दुश्वारियों का निदान कर उनके सपनों के घर का सपना पूरा किया जा सके।
कार्यक्रम में अपने स्वागत भाषण में अपर निदेशक सूडा श्री आनंद कुमार शुक्ला ने कहा कि विकसित राष्ट्र के सपने को साकार करने के लिए जरूरी है कि प्रदेश में कोई व्यक्ति खुले आसमान के नीचे जीवन व्यतीत करने को मजबूर न हो। इस संकल्प को सिद्धी की ओर ले जाने में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी दुर्बल आय वर्ग के लोगों के लिए वरदान बन गई है। आज इस कार्यशाला का आयोजन जिस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किया गया है, मुझे यकीन नहीं पूर्ण विश्वास है कि हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां इस दिशा में ठोस कदम उठाएंगी, जिससे पात्रों को लाभ मिलेगा।
कार्यशाला के दौरान कार्यक्रम अधिकारी श्री अतुल सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री आवास की महत्ता व उसके तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। श्री चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक बीएलसी व एएचपी के लाभार्थी कतिपय कारणों से या तो अपने हिस्से का अंशदान नहीं कर पा रहे हैं या फिर आवास का निर्माण पूर्ण न होने के कारण उनको अंतिम किस्त का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
ऐसे में विभाग के द्वारा इस कार्यशाला के माध्यम से हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के प्रतिनिधियों संग मंथन कर ऐसी व्यवस्था का निर्माण करना है, जिसके माध्यम से लाभार्थियों के सामने आ रही दुश्वारियों को कम किया जा सके। इसके साथ ही हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से राष्ट्र निर्माण इस कार्य में सहयोग की भावना अपेक्षित है।
इस कार्यशाला में एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड, आधार हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, आवास फाइनेंस लिमिटेड, गोदरेज फाइनेंस लिमिटेड, गृहम फाइनेंस लिमिटेड, आईएफएल होम लोन, इंडिया शेल्टर फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड, एलआईसी एचएफएल, महेन्द्रा होम फाइनेंस, टीएनबी हाउसिंग फिन लिमिटेड, वन्डर होम, उम्मीद हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, आईसीआईसीआई एचएफसी आदि के प्रतिनिधियों ने उक्त कार्यशाला में प्रतिभाग किया व अपने विचार व्यक्त किए। इसके साथ ही वित्त नियंत्रक सूडा श्री संजीव गुप्ता जी, समस्त जनपदों के सीलएटीसी इंजीनियर, परियोजना अधिकारी, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के प्रतिनिधि, आवास विकास परिषद विभाग के प्रतिनिधि, समस्त विकास प्राधिकरणों के प्रतिनिधियों ने इस कार्यशाला में प्रतिभाग किया।