Breaking News

लखनऊ में थोड़े इंतजार के बाद…रात में कर सकेंगे जंगल की सैर

Getting your Trinity Audio player ready...

लखनऊ। क्या कभी भी दिन में जंगल की सफारी करते हुए आपके मन में ख्याल नहीं आया कि, ये जानवर रात में क्या करते होंगे..और अगर रात में जंगल घूमा जाए तो जंगल में कैसा माहौल होगा..कभी सोचा है ऐसा आपने? अगर नहीं सोचा है तो सोचना शुरू कर दीजिये..क्योंकि जल्द ही सूबे में नाईट सफारी शुरू होने वाली है।

जी हां,अभी तक भारत में नाईट सफारी का चलन नहीं था..मगर पर्यटक जल्द ही भारत के जंगल में नाईट सफारी का आनन्द ले सकेंगे। अगर आप से यह कहा जाए कि सिंगापुर जैसा नजारा आपको लखनऊ में ही देखने को मिल सकता है तो आप इसे ख्याली पुलाव ही कहेंगे। लेकिन हम आपको बता दें कि जनाब ये केवल ख्याली पुलाव नहीं है, ऐसा बहुत जल्द होना वाला है। सिंगापुर का नजारा अब आप लखनऊ में देख सकते हैं। जी हां…दुनिया में प्रसिद्ध सिंगापुर नाइट सफारी की तर्ज पर यूपी की राजधानी लखनऊ में भी नाइट सफारी बनाने का काम शुरु हो गया है। जल्द ही आपको सिंगापुर जैसा नजारा लखनऊ में भी देखने को मिलेगा।
दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को बड़ा उपहार दिया है। योगी सरकार सिंगापुर की तर्ज पर देश का पहला नाईट सफारी और जैव विविधता पार्क राजधानी लखनऊ में बनाएगी। देश में 13 ओपन डे सफारी हैं, लेकिन एक भी नाईट सफारी नहीं है।

मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने मीडिया को बताया कि सिंगापुर की विश्व की पहली नाईट सफारी की तर्ज पर 2027.46 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले कुकरैल वन क्षेत्र में 350 एकड़ में नाईट सफारी विकसित की जाएगी और 150 एकड़ में प्राणी उद्यान बनाया जाएगा। विश्व स्तरीय सुविधाओं के तहत नाईट सफारी में स्थानीय गाइड के साथ ट्रेन की सवारी और जीप की सवारी भी की जा सकेगी। इसके अलावा कैनोपी वाक, कैंपिंग गतिविधि, माउंटेन बाइक ट्रैक, दीवार पर्वतारोहण, ट्री टॉप रेस्टोरेंट, नेचर ट्रेल और फूड कोर्ट आदि सुविधाएं विकसित की जाएंगीं। नाईट सफारी में भव्य प्रवेश द्वार, व्याख्या केंद्र, बटरफ्लाई इंटरप्रिटेशन सेंटर बनाया जाएगा। इसके अलावा 75 एकड़ में तेंदुआ सफारी, 60 एकड़ में भालू सफारी और 75 एकड़ में टाइगर सफारी बनाने की योजना है। वन्य जीवों को बाड़े में न रखकर खुले आकाश में केटल ग्रिड में रखे जाएंगे। यह एक ओपन एयर निशाचर चिडिय़ाघर होगा, जो केवल रात में खुलेगा। सफारी में रात में जानवरों के लिए चंद्रमा की रोशनी की नकल करते हुए मंद प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी। दिन में पर्यटकों के लिए आधुनिक थीम पार्क बनाया जाएगा।
प्राणि उद्यान और नाईट सफारी की स्थापना में मौजूदा वनस्पति और जीवों को यथासम्भव प्रभावित न करते हुए, अधिक से अधिक ऐसे खुले क्षेत्र, जो वर्तमान में उपयोग में नहीं हैं, उनका ही प्रयोग किया जाएगा। कुकरैल वन क्षेत्र जहां-जहां बाहरी क्षेत्र और मार्ग से जुड़ा है, वहां चार लेन के मार्गों का निर्माण किया जाएगा, जिससे वहां आने वाले पर्यटकों को कोई असुविधा न हो। प्राणि उद्यान और नाईट सफारी की स्थापना के लिए मुख्य सचिव के स्तर पर बैठक कराकर इसकी प्रक्रिया का निर्धारण जल्द कराया जाएगा। कुकरैल नदी को चैनलाइज कर आकर्षक रिवर फ्रंट के रूप में विकसित किया जाएगा। प्राणि उद्यान और कुकरैल नाईट सफारी में पर्यटकों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। सीएम योगी प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सतत प्रयासरत रहे हैं। जिसका नतीजा है कि देश की पहली नाईट सफारी मूर्त रूप लेने जा रही है। वर्तमान में कुकरैल वन क्षेत्र में एक घडिय़ाल प्रजनन केंद्र, चिल्ड्रेन पार्क और एक वन विश्राम गृह है। इस क्षेत्र को नाईट सफारी और जैव-विविधता पार्क में परिवर्तित करने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यह सामान्य रूप से देश और विशेष रूप से प्रदेश के लोगों को विश्व स्तरीय ईको-पर्यटन की सुविधा देगा।

कृत्रिम चांदनी में देख सकेंगे जानवर, इंग्लैंड के विशेषज्ञ करेंगे यह काम

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित कुकरैल वन क्षेत्र में प्रस्तावित देश की पहली नाइट सफारी में चंद्रमा जैसी मंद रोशनी की व्यवस्था की जाएगी। कृत्रिम मूनलाइट की व्यवस्था इंग्लैंड के विशेषज्ञ करेंगे। सिंगापुर नाइट सफारी में भी इसी तरह की रोशनी की व्यवस्था की गई है। नाइट सफारी में ऐसी रोशनी का इंतजाम इसलिए किया जाता है ताकि रात के समय जानवर परेशान न हों।
यह नाइट सफारी एक ओपन एयर निशाचर चिडिय़ाघर होगा जो केवल रात के समय ही खुलेगा। इसलिए यहां चंद्रमा जैसी रोशनी की व्यवस्था की जाएगी। यानी यहां चांदनी रात जैसी रोशनी में जानवरों के दीदार हो सकेंगे। दिन में पर्यटकों के लिए आधुनिक थीम पार्क की योजना बनाकर मौजूदा सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा। नाइट सफारी में करीब 2200 कारों की बड़ी पार्किंग बनाई जाएगी ताकि सैलानियों को कोई दिक्कत न हो। यहां पर बनने वाले बटरफ्लाई, हर्बल व कैक्टस पार्क भी पर्यटकों को खूब लुभाएंगे। वन विभाग ने नाइट सफारी का जो खाका तैयार किया है उसमें यहां कुल 30 अलग-अलग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किए जाएंगे। एंट्रेंस प्लाजा, ओपेन जिम, योगा सेंटर, किड्स प्ले एरिया, फूड कोर्ट, कलाकृतियों का प्रदर्शन, एडवेंचर स्पोर्ट्स, कैंपिंग, फ्लोरल पाथ, बांस के खेत, स्मृति वन, बोटिंग लेक, नेचर्स ट्रेल, ग्रीन हाउस, एंफीथिएटर, कैनोपी वाक आदि आकर्षण का केंद्र रहेंगे।

नाइट सफारी बनाने के लिए टाइम लाइन भी तय

सरकार ने नाइट सफारी बनाने के लिए एक टाइम लाइन भी तय की गई है। सफारी के लिए सलाहकार एवं कार्यकारी एजेंसी का पैनल तय करने के लिए 90 दिन की समय सीमा रखी गई है। विभिन्न तरह की अनुमति लेने के लिए चार से छह माह का समय रखा गया है। केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण से अनुमति के लिए तीन माह व डिजाइन व ड्राइंग के अनुमोदन के लिए दो माह का समय तय किया गया है।
इस तरह शिफ्ट होगा लखनऊ चिडिय़ाघर
वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह ने बताया कि केरल के त्रिशूर चिडिय़ाघर को शहर से बाहर शिफ्ट किया जा रहा है। इसी तर्ज पर लखनऊ चिडय़िाघर भी शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय चिडय़िाघर प्राधिकरण के साथ ही वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

71.66 एकड़ में स्थित है लखनऊ प्राणि उद्यान

वर्ष 1921 में स्थापित लखनऊ प्राणी उद्यान 71.66 एकड़ में बना हुआ है। इसमें 61.31 एकड़ भूमि प्रिंस आफ वेल्स ट्रस्ट के नाम पर है जबकि 10.35 एकड़ भूमि लामार्टीनियर ट्रस्ट द्वारा लीज पर है। यहां पर कुल 126 बाड़े हैं। इनमें 13 ओपेन बाड़े भी हैं। रात्रिचर बाड़ों की संख्या 10 है जबकि एक मछलीघर व थ्री-डी हाल व अन्य सुविधाएं यहां मौजूद हैं। वर्तमान चिडिय़ाघर की भूमि किस उपयोग में लाई जाएगी, इस पर वन विभाग के अफसर चुप्पी साधे हुए हैं।

सिंगापुर सा नजार दिखेगा लखनऊ में

यूपी की राजधानी लखनऊ में सिंगापुर की तर्ज पर देश का पहला नाईट सफारी और जैव विविधता पार्क बनने जा रहा है। देश में 13 ओपन डे सफारी हैं, लेकिन एक भी नाईट सफारी नहीं है। मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में यह बड़ा फैसला लिया गया है। इस बारे में पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि सिंगापुर की विश्व की पहली नाईट सफारी की तर्ज पर 2027.46 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले कुकरैल वन क्षेत्र में 350 एकड़ में नाईट सफारी विकसित की जाएगी और 150 एकड़ में प्राणी उद्यान बनाया जाएगा। विश्व स्तरीय सुविधाओं के तहत नाईट सफारी में स्थानीय गाइड के साथ ट्रेन की सवारी और जीप की सवारी भी की जा सकेगी। इसके अलावा कैनोपी वाक, कैंपिंग गतिविधि, माउंटेन बाइक ट्रैक, दीवार पर्वतारोहण, ट्री टॉप रेस्टोरेंट, नेचर ट्रेल और फूड कोर्ट आदि सुविधाएं विकसित की जाएंगीं।
75 एकड़ में तेंदुआ सफारी, 60 एकड़ में भालू सफारी और 75 एकड़ में टाइगर सफारी
नाईट सफारी में भव्य प्रवेश द्वार, व्याख्या केंद्र, बटरफ्लाई इंटरप्रिटेशन सेंटर बनाया जाएगा। इसके अलावा 75 एकड़ में तेंदुआ सफारी, 60 एकड़ में भालू सफारी और 75 एकड़ में टाइगर सफारी बनाने की योजना है। वन्य जीवों को बाड़े में न रखकर खुले आकाश में केटल ग्रिड में रखे जाएंगे। यह एक ओपन एयर निशाचर चिडिय़ाघर होगा, जो केवल रात में खुलेगा। सफारी में रात में जानवरों के लिए चंद्रमा की रोशनी की नकल करते हुए मंद प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी। दिन में पर्यटकों के लिए आधुनिक थीम पार्क बनाया जाएगा। प्राणि उद्यान और नाईट सफारी की स्थापना में मौजूदा वनस्पति और जीवों को यथासम्भव प्रभावित न करते हुए, अधिक से अधिक ऐसे खुले क्षेत्र, जो वर्तमान में उपयोग में नहीं हैं, उनका ही प्रयोग किया जाएगा। कुकरैल वन क्षेत्र जहां-जहां बाहरी क्षेत्र और मार्ग से जुड़ा है, वहां चार लेन के मार्गों का निर्माण किया जाएगा, जिससे वहां आने वाले पर्यटकों को कोई असुविधा न हो। प्राणि उद्यान और नाईट सफारी की स्थापना के लिए मुख्य सचिव के स्तर पर बैठक कराकर इसकी प्रक्रिया का निर्धारण जल्द कराया जाएगा। कुकरैल नदी को चैनलाइज कर आकर्षक रिवर फ्रंट के रूप में विकसित किया जाएगा। प्राणि उद्यान और कुकरैल नाईट सफारी में पर्यटकों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। योगी प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सतत प्रयासरत रहे हैं। जिसका नतीजा है कि देश की पहली नाईट सफारी मूर्त रूप लेने जा रही है। वर्तमान में कुकरैल वन क्षेत्र में एक घडय़िाल प्रजनन केंद्र, चिल्ड्रेन पार्क और एक वन विश्राम गृह है। इस क्षेत्र को नाईट सफारी और जैव-विविधता पार्क में परिवर्तित करने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यह सामान्य रूप से देश और विशेष रूप से प्रदेश के लोगों को विश्व स्तरीय ईको-पर्यटन की सुविधा देगा।

क्या कहते हैं विभागीय मंत्री

वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. अरूण कुमार सक्सेना

वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. अरूण कुमार सक्सेना ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ के कारण देश की पहली नाइट सफारी मूर्त रूप लेने जा रही है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब विश्व स्तरीय अनुभवी कंसल्टेन्ट की तलाश की जा रही है। कुकरैल को जोड़ने वाली सड़कों के चौड़ी करण का काम शुरू किया जा रहा है। इसके साथ ही सभी विभागों से एनोसी ली जा रही है। विभागीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान में कुकरैल वन क्षेत्र में एक घड़ियाल प्रजनन केन्द्र, चिल्ड्रेन पार्क और एक वन विश्राम गृह है। इस क्षेत्र को नाइट सवारी और जैव विविधता पार्क मंे परिवर्तित करने से पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही यहां आने वाले दर्शकों को रूमांच का अनुभव करायेगा। केरल के त्रिशुल चिड़ियाघर को शहर से बाहर शिप्ट किया जा रहा है, इसी तर्ज पर लखनऊ चिड़ियाघर को भी शिप्ट किया जायेगा। इसके लिए चिड़ियाघर प्राधिकरण के साथ ही वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

 

 

Check Also

 नाम पर संग्राम? अब बॉलीवुड सेलिब्रिटी और पॉलिटिशियन के बीच बयानबाजी शुरू

Getting your Trinity Audio player ready... लखनऊ, (माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः बीते दिनों मुजफ्फरनगर प्रशासन ने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *