Getting your Trinity Audio player ready... |
नई दिल्ली। उदयपुर हत्याकांड को लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं. इस मामले में जांच में बड़े आतंकी नेटवर्क का पता लगा है. इंटेलिजेंस ब्यूरों (आईबी) से जुड़े सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान ने दावत-ए-इस्लामी की मदद से देश में 2500 से ज्यादा लोगों का एक स्लीपर सेल खड़ा किया है. यह देश में आतंक का सबसे बड़ा नेटवर्क है. उदरपुर में कन्हैयालाल की हत्या के आरोपी रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद भी इसका भाग हैं. स्लीपर सेल के अधिकतर लोग राजस्थान, यूपी, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल, एमपी, बिहार, गुजरात और केरल के बताए जा रहे हैं.
इस नेटवर्क के तार सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) से भी हैं. ये पीएफआई का राजनीतिक फ्रंट माना जाता है. इसका खुलासा रिआज और गौस की काल डिटेल से पता चलता है. पाकिस्तान के 18 नंबरों की जांच की गई तो पता चला कि इन नंबरों से देश के 25 राज्यों के 300 लोगों की बीते कई सालों लगातार बातचीत जारी है. इनकी खोजबीन के बाद पता चला कि 2500 से अधिक ऐसे लोगों की पहचान हुई है, जिनकी गतिविधियां संदिग्ध मानी गई है.
आईबी के अनुसार आतंक के इस नेटवर्क से पीएफआई भी जुड़ा हुआ है. यह सियासी मुद्दों को लेकर सक्रिय भूमिका निभाता है. नूपुर शर्मा के खिलाफ एसडीपीआई ने पूरे देश में प्रदर्शन किए थे. कन्हैयालाल की हत्या के मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी 2019 में इस संगठन का हिस्सा बना था. इस मामले में एनआईए ने एक शख्स फरहाद मोहम्मद शेख को गिरफ्तार किया है. यह एसडीपीआई का सदस्य है. खुफिया एजेंसी की माने तो दावत-ए-इस्लामी धार्मिक शिक्षा के नाम पर भारत में हर वर्ष दस लाख लोगों को कट्टरता का पाठ पढ़ाता है. यह काम ऑनलाइन व ऑफलाइन भी किया जाता है. ऐसे लोगों को चुना जाता है, जिनका आसानी से ब्रेनवॉश किया जा सकता है. ऐसे लोगों को कई स्तरों पर आगे प्रशिक्षण दिया जाता है.