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लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)। लखनऊ विश्वविद्यालय ने आत्मनिर्भर भारत, स्व-रोजगार और स्व-उद्यमिता का जश्न मनाने के लिए 21 अगस्त से 26 अगस्त तक एक उद्यमिता कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। उद्यमिता कॉन्क्लेव के समापन पर कॉन्क्लेव का समापन सत्र 26 अगस्त को मालवीय हॉल में आयोजित किया गया था। उद्यमिता कॉन्क्लेव का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय के 6 विभागों व संस्थानों के सामूहिक प्रयासों से किया गया था।
सत्र की शुरुआत कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय के साथ व्यापार प्रशासन विभाग की हेड प्रोफेसर संगीता साहू और वाणिज्य संकाय की डीन प्रोफेसर रचना मुज्जू द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इसके बाद प्रोफेसर संगीता साहू द्वारा स्वागत भाषण दिया गया, जहां उन्होंने उद्यमिता कॉन्क्लेव के पिछले 5 दिनों और उसमें सफलतापूर्वक आयोजित कार्यक्रमों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि पहले दिन की मेजबानी इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय द्वारा की गई थी, दूसरे दिन वाणिज्य विभाग द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था, तीसरे दिन पर्यटन अध्ययन संस्थान द्वारा एक उद्यमिता विरासत वॉक का आयोजन किया गया था, चैथे दिन की मेजबानी प्रबंधन विज्ञान संस्थान द्वारा की गई थी। एक कार्यशाला आयोजित की गई और अंत में कॉन्क्लेव के आखिरी दिन, पांचवें दिन अर्थशास्त्र विभाग द्वारा एक नए उद्यम के लिए वित्तपोषण विकल्पों पर एक सत्र आयोजित करके और व्यवसाय प्रशासन विभाग द्वारा सफल उद्यमियों के साथ एक शाम आयोजित करके मेजबानी की गई। इसके बाद कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय को कॉन्क्लेव विषय पर एक विशेष व्याख्यान के लिए आमंत्रित करने से पहले उनकी एकेडमिक यात्रा की एक संक्षिप्त झलक प्रस्तुत की गई। उनकी यात्रा एक संस्थान के विकास से परे सीमित सहयोग और नियति की एक सहानुभूति रही है। उनकी दृढ़ भावना के साथ, उनकी यात्रा ने विश्वविद्यालय में परिवर्तन को मान्यता दी। इसके बाद प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों और छात्रों को एक विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने सम्मेलन में शामिल लखनऊ विश्वविद्यालय के सभी विभागों और संस्थानों के सभी संकाय सदस्यों का आभार व्यक्त किया और उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा, कोई जो कर रहा है उस पर विश्वास होना बहुत जरूरी है, उन्होंने बताया कि कई समस्याओं का समाधान उद्यमिता में निहित है क्योंकि यह लोगों को दोबारा शुरुआत करने और अंततः जोखिम लेने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने छात्रों से जोखिम और अनिश्चितता के साथ-साथ व्यवसायी और उद्यमी के बीच अंतर करने को कहा क्योंकि उद्यमिता का अर्थ नवाचार भी है और जीवित रहने और बनाए रखने के लिए नवाचार करना महत्वपूर्ण है। अंत में, उन्होंने कहा कि उद्यमिता को अर्थव्यवस्थाओं तक पहुंचने और विकसित करने की एक इकाई के रूप में माना जाता है और परिपक्वता जीवन में सीमित प्राथमिकताओं में निहित है। इसके कई उदहारण देकर उन्होंने छात्रों को समझाया। विशेष व्याख्यान के बाद, विश्वविद्यालय के भीतर उभरते छात्र उद्यमियों की उद्यमशीलता मानसिकता को उनके करियर और जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने के लिए सम्मानित किया गया। व्यवसाय प्रशासन विभाग, प्रबंधन विज्ञान संस्थान, पर्यटन अध्ययन संस्थान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय, अर्थशास्त्र विभाग और कुछ अंतरराष्ट्रीय छात्रों को उनके उद्यमशीलता दृष्टिकोण के लिए सम्मानित किया गया। इसके बाद प्रो आलोक कुमार राय द्वारा उद्यमिता कॉन्क्लेव के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विभागाध्यक्षों को भी सम्मानित किया गया। इसमें प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह, डीन फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, प्रोफेसर राम मिलन, हेड वाणिज्य विभाग, प्रोफेसर पीयूष भार्गव और डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव, इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म स्टडीज, प्रोफेसर विनीता काचर, ओएसडी, इंस्टीट्यूट ऑफ प्रबंधन विज्ञान, प्रोफेसर विनोद सिंह, प्रमुख, अर्थशास्त्र विभाग, प्रोफेसर अरविंद अवस्थी डीन, कला संकाय और प्रोफेसर रचना मुजू, डीन वाणिज्य संकाय। समापन सत्र का समापन प्रोफेसर रचना मुज्जू के औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जहां उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को धन्यवाद दिया और अपनी बहुमूल्य उपस्थिति से इसे सफल बनाया। उन्होंने प्रो. आलोक कुमार राय को ऐसे प्रेरक व्याख्यान देने और विकसित करने के लिए धन्यवाद दिया। अंत में, उन्होंने यह कहकर निष्कर्ष निकाला कि प्रतिभाशाली उद्यमी बड़े पैमाने पर बेरोजगारी पर अंकुश लगा सकते हैं क्योंकि स्व-रोजगार ही इसका समाधान है।
प्रो0 अनूप भारती
उद्यमिता कांक्लेव पर समाजशास्त्र विभाग अध्यक्ष प्रो.अनूप भारती ने कहा कि यह शिक्षकों के लिए अत्यधिक उत्साहवर्धक रहा है। वहीं इस प्रकार के कार्यक्रमों से छात्रों में भी उद्यमशीलता का विकास होता है। श्री भारती ने कहा कि समय के साथ व्यसायपरक शिक्षा भी जरूरी है।
प्रो. अनिता तिवारी
वाणिज्य विभाग की प्रो. अनिता तिवारी ने कहा यह कांक्लेव नवोन्मेष को बढ़ावा देगा, इसके साथ ही इससे छात्रों को स्टार्ट अप के लिए प्रोत्साहित करने मे मदद मिलेगी जो की हमारे प्रधानमंत्री का भी विजन है और हम इसे पूरी तरह से साकार करने का प्रयास करेंगे।
प्रो. संजय मेधावी
बिजनेस मैनेजमेंट के प्रो. संजय मेधावी ने कहा इससे छात्रों को उद्यमों के प्रति प्रोत्साहित करने मे मदद मिलेगी। इसमें उद्यमी बनने से संबंधित संशयो को भी दूर करने का प्रयास किया गया साथ ही स्टार्ट अप करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया।