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लखनऊ। रामपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता एवं विधायक आजम खां को भडक़ाऊ भाषण देने के मामले में दोषी करार देते हुए तीन साल कैद और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. अदालत के इस फैसले के कारण खान की विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो सकती है क्योंकि नियमानुसार एमपी/एमएलए को दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर उसकी सदन की सदस्यता समाप्त हो जाती है. कोर्ट ने धारा 125, 505 व 153ए के तहत दोषी पाए जाने पर सजा सुनाई है.आजम खान के वकील विनोद यादव ने कोर्ट की सुनवाई के बाद बताया कि आजम खान को अपील दायर करने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है.
शासकीय अधिवक्ता अजय तिवारी ने बताया कि भडक़ाऊ भाषण देने के मामले में रामपुर से सपा विधायक आजम खां के खिलाफ दर्ज मुकदमे में रामपुर की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने उन्हें भारतीय दण्ड विधान की धारा 153-क (धार्मिक भावनाएं भडक़ाना), 505-क (विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से असत्य कथन) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 (चुनाव के सिलसिले में विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य बढ़ाना) के तहत दोषी करार देते हुए उन्हें तीन साल कैद और 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी है.
मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने और वकीलों की बहस खत्म हो जाने के बाद आजम खान दोषी करार दिए गए थे और उनकी सजा के लिए आज यानी 27 अक्टूबर की तारीख तय की गई थी. इस मामले को लेकरपहले से ही यह आशंका जताई जा रही थी कि अगर आजम खान को इस मामले में दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई गई तो उनको विधायकी से भी हाथ धोना पड़ सकता है. अब जब उन्हें 3 साल की सजा सुनाई गई है ऐसे में उनकी विधायकी का जाना तय माना जा रहा है.
दरअसल, यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़ा है. जानकारी के मुताबिक, आजम खान ने रामपुर की मिलकर विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भडक़ाऊ टिप्पणियां की थी. इस भाषण को लेकर रामपुर के मिलक थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. जिसके बाद रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी.
साल 2019 में रामपुर की मिलक विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान आजम खान ने तत्कालीन डीएम, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं. उस समय इस बात की शिकायत बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने पुलिस में की थी.
अदालत के इस फैसले के कारण खान की विधानसभा सदस्यता भी खत्म हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक अगर किसी भी विधायक या सांसद को किसी भी मामाले में दो वर्ष से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उनकी विधायकी या सांसदी रद्द हो जाती है. दरअसल, साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई के दौरान ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. इस फैसले के मुताबिक जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 (4) को निरस्त कर दिया गया था.
मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक आजम खान के खिलाफ 93 केस वर्तमान में चल रहे हैं. भडक़ाऊ भाषण प्रकरण में आजम खान को धारा 125, 505 व 153ए के तहत दोषी ठहराया गया है जिसमें अधिकतम तीन वर्ष की जेल हो सकती है, इसके साथ जुर्माने का भी प्रावधान है. ऐसे में आशंका है कि आजम को तीन साल की जेल हो सकती है.