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इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं सीआरपीएफ के शौर्य और बलिदान की कहानियां- महानिरीक्षक सतपाल रावत

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लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)। राजधानी के विभूति खण्ड, गोमती नगर स्थित मध्य सेक्टर, सीआरपीएफ कार्यालय के प्रांगण में 15 अगस्त को देश की आजादी के 76 वर्ष पूरे होने के पुनीत अवसर पर 77 वां स्वतंत्रता दिवस समारोह पूरे जोश, हर्षोल्लास एवं उत्साह पूर्वक मनाया गया।
सीआरपीएफ के उप महानिरीक्षक सुनील गुप्ता ने बताया कि महानिरीक्षक सतपाल रावत ने ध्वाजारोहण किया तथा बल के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों एवं जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और हर घर पर अपनी आन-बान- शान के साथ देश की सम्प्रभुता का प्रतीक तिरंगा लहराया जा रहा है। यह हम सभी के लिए बड़े गर्व का पल हैं। श्री रावत ने कहा कि, सीआरपीएफ सबसे पुराना संगठन होने के साथ-साथ विश्व का सबसे बड़ा केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल भी है तथा हमें देश की आंतरिक सुरक्षा एवं शांति को सुनिश्चित करने का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के शौर्य तथा बलिदान की कहानियाँ इतिहास के पन्नों में अंकित हैं। भारत सरकार के साथ – साथ देश की जनता भी इस बल पर पूरा भरोसा एवं विश्वास करती है। दुनिया में ऐसा और कोई बल नहीं है जो इतना बहुआयामी है। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल देश में शांति, एकता और अखण्डता को बनाये रखने में आजादी से लेकर आज तक अग्रणी भूमिका निभा रहा है। श्री रावत ने कहा कि वर्तमान में सीआरपीएफ जम्मू एवं कश्मीर, नक्सल क्षेत्र एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र में सक्रिय रूप से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही है साथ ही इसके विभिन्न सक्रिय कार्य दलों जैसे रैपिड एक्शन फोर्स, कोबरा, स्पेशल ड्यूटी ग्रुप एवं महिला बटालियनों ने अपनी व्यावसायिक दक्षता से देश की हर चुनौतियों का पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ सामना करते हुए अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है। बल के सदस्य के रूप में उन्होंने सभी अधिकारियों एवं जवानों को संकल्प लेने का आह्वान किया कि देश की स्वतंत्रता, एकता अखंडता तथा सामाजिक सद्भाव के रास्ते में जो भी बाधाएं आएंगी उसका डटकर मुकाबला करेंगे तथा असामाजिक तत्वों को उनके मंसूबों में कभी भी कामयाब नहीं होने देंगे।

श्री रावत ने कहा कि स्वतंत्रता का अर्थ विभिन्न क्षेत्रों में स्वतंत्रता से है जैसे आर्थिक स्वतंत्रता, अर्थात जब तक हम पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर नहीं होंगे तब तक हमें आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं होगी। आर्थिक आत्मनिर्भरता से ही हम देश को विकसित कर सकेंगे। इसके लिए आवश्यक है कि हम सभी स्वदेशी वस्तुओं का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें, अर्थात अपने देश की बनी हुई वस्तुओं को ही हर संभव उपयोग में लाएं ताकि इसका फायदा देश के छोटे-छोटे उद्योगों और देश के कामगारों को मिल सके। उन्होंने याद दिलाया कि भारत सरकार ने हाल ही में मिलेट्स अर्थात मोटे अनाजों को उपयोग में लाने के लिए आह्वान किया था। हम सभी जानते हैं कि मोटा अनाज हमारे स्वास्थ्य के लिए तो अच्छा है ही साथ ही इसके प्रयोग करने से इसकी खपत बढ़ेगी तथा इसका सीधा लाभ उन छोटे किसानों को मिलेगा जिनकी पूंजी कम है। एक तरफ देखा जाए तो यह स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाएगा तथा जो छोटे किसान हैं उनको आर्थिक रूप से और मजबूत करने का कार्य करेगा। हमें स्वयं समझने की जरूरत है कि हम देश को आर्थिक रूप से स्वतंत्र एवं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर कैसे बनाएंगे। इस पर हम सभी को ध्यान देने की आवश्यकता है। श्री रावत ने आगे यह भी बताया कि सभी केन्द्रीय पुलिस बलों को इस बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कुल 34 वीरता के लिये पुलिस पदक तथा 01 वीरता के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किया गया है जिसमें से अकेले सीआरपीएफ को 27 वीरता के लिये पुलिस पदक तथा 01 वीरता के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किया गया। इसके साथ ही 05 विशिष्ट सेवाओं के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदक तथा 56 सराहनीय सेवाओं के लिये पुलिस पदक भी प्रदान किया गया। श्री रावत ने विशेष रूप से यह भी जानकारी दी कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 04 वीरों को मरणोपरांत शांतिकाल के सबसे बड़े पुलिस सम्मान कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया तथा बल के 01 वीर को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। इससे हमें स्वतः ही सीआरपीएफ की कार्य दक्षता, वीरता, कर्तव्यनिष्ठा, अदम्य साहस एवं देश पर बलिदान होने के जज्बे की अनुभूति होती है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी गृह मंत्रालय एवं महानिदेशालय के निर्देश पर सेक्टर के अधीन सभी कार्यालयों के प्रचालनिक एवम् प्रशासनिक क्षेत्रों के हर घर तिरंगा का सफल अभियान चलाया गया। इस अभियान से प्रोत्साहित होकर सीआरपीएफ परिवार के सभी सदस्यों के साथ-साथ स्थानीय लोगों ने भी अपने-अपने घरों पर देश की आन- बान और शान के प्रतीक तिरंगे को लहराया तथा पांच प्रण की शपथ के साथ इस देश की मिट्टी अपने हाथों में लेकर अपनी सेल्फी को भी भारत सरकार के वेबसाइट मेरी माटी मेरा देश पर अपलोड किया। सोशल मीडिया के माध्यम से भी इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाने का सफल प्रयास किया गया। अंत में श्री रावत ने पदक से अलंकृत किये गए बल के वीर सदस्यों के नाम पढ़े तथा कहा कि यह अत्यंत गर्व का पल है कि सीआरपीएफ को सबसे अधिक पुलिस पदकों से नवाजा गया है। उन्होंने पदक से नवाजे गए बल के सभी सदस्यों को और उनके परिवार के सदस्यों को बधाई दी तथा उनके उज्जवल भविष्य की भी कामना की। इस अवसर पर ज्ञानेन्द्र कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक, एच० के० कनौजिया, पुलिस उप महानिरीक्षक, सुनील कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक सहित अन्य राजपत्रित अधिकारी व अधीनस्थ अधिकारी सहित अन्य सैनिक उपस्थित थे।

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