Getting your Trinity Audio player ready... |
लखनऊ। लाला रामस्वरूप शिक्षा संस्थान इंटर कॉलेज के स्थापना दिवस व वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर उपस्थित सरोजनती नगर के विधायक राजेश्वर सिंह ने आज न सिर्फ बच्चों के अभिभावक के तौर पर नजर आये बल्कि बच्चों को वह सीख दी जो उन्हें उनके आने वाले भविष्य को और बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने बच्चों को आज कई सफलता के मूलमंत्र दिये। उन्होंने कहा कि बच्चों को इतिहास, कानून व संविधान की जानकारी होनी चाहिए। कानून की पढ़ाई से आप अपने अधिकारों को जानेंगे। आप जितना संविधान पढ़ेंगे उतने ही सशक्त नागरिक बनेंगे।
सरोजनी नगर स्थित कॉलेज के स्थापना दिवस के मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व क्षेत्र के विधायक राजेश्वर सिंह ने कहा कि बच्चे अपनी क्षमता व योग्यता से देश व प्रदेश का नाम रौशन करें, यही मेरी अपेक्षा है। बच्चे पढ़ाई व खेलकूद में बेहतरीन प्रदर्शन करें इसके लिए मैं उन्हें हर प्रकार के संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत रहूंगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश व केंद्र सरकार निरंतर प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार ने 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करते हुए 1 लाख 4 हजार करोड़ का शिक्षा बजट किया। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने 20 प्रतिशत बढ़ाते हुए 80 हजार करोड़ का बजट रखा। ऑपरेशन कायाकल्प, समग्र शिक्षा अभियान, मिड डे मील स्कीम के माध्यम से बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा दिलाने के लिए सरकारें प्रतिबद्ध हैं। शिक्षा का स्तर को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निरंतर प्रयासरत हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि सरोजनीनगर के हर स्कूल, डिग्री कॉलेजों में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना के लिए मैं प्रयासरत हूं।
विधायक राजेश्वर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवाहन पर मैंने तीन स्कूल पहाड़पुर, अमौसी, लतीफ नगर के प्राथमिक विद्यालय गोद लिए हैं, सभी में हर आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराऊंगा। डिजिटल शिक्षा अति आवश्यक है। हर बच्चे को कंप्यूटर का ज्ञान हो, इसके लिए मैं हर स्कूलों व कॉलेजों में कंप्यूटर उपलब्ध करवा रहा हूं। पर्यावरण संरक्षण को लेकर बच्चों को जागरूक होना चाहिए, बिजली को बचाने व प्लास्टिक के उपयोग को लेकर जागरूक होना है। अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना है। इसको लेकर हमें संकल्पित होना है। उन्हांेने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विद्यार्थी जीवन किसी के भी जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। शिक्षा से सभी प्रकार की असमानता मिटाई जा सकती है। युवाओं को इस देश को आगे लेकर जाना है। आज के युवाओं की प्रतिस्पर्धा विश्वस्तरीय हो चुकी है जिसमें भारत के युवाओं को अग्रणी भूमिका निभानी है, इसके लिए विद्यार्थियों को निष्ठा, समर्पण, अनुशासन व दृढ़ संकल्प से खुद को तैयार करना होगा। डॉ. सिंह ने युवाओं के बीच नशे को एक गंभीर समस्या बताया। उन्होंने कहा कि नशा ना केवल एक व्यक्ति को खत्म करता है बल्कि पूरे परिवार व समाज को प्रभावित करता है। ये हम सबकी खासकर युवाओं की जिम्मेदारी है कि नशा के खिलाफ जागरूक हो व दूसरों को भी जागरूक करें। कार्यक्रम में इससे पूर्व लाला रामस्वरूप शिक्षा संस्थान इंटर कॉलेज के प्रबंधक अनिल जयसवाल ने डॉ. राजेश्वर सिंह का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। डॉ. राजेश्वर सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद मां सरस्वती की वंदना की गई। बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। बाल विवाह पर एक लघु नाटिका का मंचन भी किया गया। कार्यक्रम में डॉ. राजेश्वर सिंह ने हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के मेधावी विद्यार्थियों को मनोबल राशि देकर पुरस्कृत किया। साथ ही खेल-कूद प्रतियोगिताओं में विजेता प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट एवं मेडल देकर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में डॉ. राजेश्वर सिंह ने कंप्यूटर्स व खेल के संसाधन उपलब्ध कराने के लिए 5 लाख की धनराशि देने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने कॉलेज में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की बात कही। विद्यालय के एक युवा खिलाड़ी, जो राजकीय स्तर पर क्रिकेट के लिए चयनित हुआ, को क्रिकेट किट उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। इतना ही नहीं उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की भी घोषणा की जहां उन्हें पढ़ाई से संबंधित सभी स्टडी मटेरियल उपलब्ध होंगें। वहीं मीडिया की सुर्खियों में बने श्रद्धा हत्याकांड का जिक्र करते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि ऐसे अपराधियों के विरुद्ध कड़े से कड़े कानून बनने चाहिए ताकि दोबारा इसकी पुनरावृत्ति ना हो। डॉ सिंह ने बताया कि उन्होंने सीएम योगी को पत्र लिखकर लव जिहाद कानून में संशोधन की मांग की है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में फांसी की सजा का प्रावधान होना चाहिए। इस तरह के मामलों की जांच 60 दिन में पूरी होनी चाहिए तथा मुकदमा दर्ज होने के 60 दिन के भीतर ट्रायल भी पूरा होना चाहिए। इसके अलावा बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराध के लिए केवल मृत्युदंड का प्रावधान होना चाहिए।