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इस नीलामी में सातवें दिन सरकार की झोली में आए 1.5 लाख करोड़

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नई दिल्ली। 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी सातवें दिन खत्म हो गई. इसके साथ ही सरकार की झोली में स्पेक्ट्रम बिक्री से 1.5 लाख करोड़ रुपये आए. यह राशि उम्मीद से अधिक है क्योंकि सरकार ने इस रिकॉर्ड कमाई का अंदाजा नहीं लगाया था. हालांकि नीलामी की आधिकारिक घोषणा सरकार की ओर से होना अभी बाकी है और सूत्रों के हवाले से ही यह खबर निकल कर आई है. सातवें दिन स्पेक्ट्रम नीलामी खत्म हुई और सरकार को इससे 1,50,173 करोड़ की कमाई हुई है. यह कमाई स्पेक्ट्रम बिक्री से मिली है. यानी सरकार ने 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि के स्पेक्ट्रम मोबाइल कंपनियों को बेचे हैं.
लगभग इन 7 दिनों में कुल 40 राउंड स्पेक्ट्रम की नीलामी चली जिनमें टेलीकॉम कंपनियों ने जोर शोर से बोलियां लगाईं. सरकार को डेढ़ लाख करोड़ रुपये की आय हुई है. सरकार की यह कमाई उसके अनुमान से ज्यादा है. साथ ही पिछले साल की बोलियों से भी ज्याजा इस बार रिकॉर्ड कमाई दर्ज की गई. सरकार को 80000 करोड़ की आय का अनुमान था. बोलियां पूरी होने के बाद कंपनियों को अब 10 दिन के अंदर रकम चुकानी है.
बोलियां लगाने वाली मोबाइल कंपनियों को 7500 करोड़ रुपये की रकम चुकानी है. इसके बाद सरकार कंपनियों को 15 अगस्त से पहले स्पेक्ट्रम का आवंटन करेगी. कंपनियां सितंबर-अक्टूबर तक 5जी सेवाओं की शुरुआत कर सकती हैं. जिन कंपनियों ने स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए बोलियां लगाईं, उनमें मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो, सुनील मित्तल की भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और गौतम अडाणी की अडाणी एंटरप्राइजेज शामिल हैं.
शनिवार को स्पेक्ट्रम मांग में नरमी के बाद यूपी पूर्वी सर्किल, जिसमें लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, गोरखपुर और कानपुर शामिल हैं, ने 1800 मेगाहर्ट्ज के लिए एक बार फिर से बोली लगाने में तेजी देखी गई. यूपी पूर्वी सर्किल में 10 करोड़ से अधिक मोबाइल ग्राहक हैं. माना जा रहा है कि इस दौरान रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी कंपनियों के बीच स्पेक्ट्रम के लिए कड़ा मुकाबला देखा गया.
नीलामी के बारे में टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले दिनों कहा था कि 5जी नीलामी इस बात को दर्शाती है कि मोबाइल उद्योग विस्तार करना चाहता है और विकास के चरण में प्रवेश कर गया है. उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम के लिए निर्धारित रिजर्व प्राइस उचित है और यह नीलामी के परिणाम से साबित होता है.
नीलामी खत्म होने के बाद मोबाइल कंपनियों को अपनी बोलियों का पैसा जमा कराना होगा. इसके बाद जिन-जिन एयरवेव्स के लिए कंपनियों को स्पेक्ट्रम मिला है, सरकार उसका आवंटन करेगी. इसके बाद कंपनियां सर्विस शुरू करेंगी. मोबाइल कंपनियां इसकी टेस्टिंग पहले से ही कर रही हैं. हालांकि एक साथ पूरे देश में 5जी सर्विस नहीं मिलेगी क्योंकि जहां-जहां टेस्टिंग की गई है, वहां यह सर्विस शुरू हो जाएगी. इस लिस्ट में देश के 13 प्रमुख शहरों के नाम हैं. टैरिफ आदि की घोषणा भी उसी के बाद होगी.

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