Getting your Trinity Audio player ready... |
भारत के तवांग सेक्टर में पीएलए जवानों को खदेड़े जाने के बाद से चीन बौखलाया हुआ है. भारतीय जवानों ने चीन के सैनिकों को यहां से खदेड़ बाहर किया था. 9 दिसंबर को हुई इस झड़प में चीन के कई जवान बुरी तरह घायल हुए थे और भारतीय जवानों को भी हल्की-फुल्की चोटें आई थीं. खबर है कि इसके अगले ही दिन यानी 10 दिसंबर को तिब्बत के शीगत्से एयरबेस पर चीन ने कई बड़े हथियार तैनात किए हैं.
अमेरिकी रक्षा वेबसाइट वॉर जोन की तरफ से ट्वीट कर सैटेलाइट तस्वीर से यह खुलासा हुआ है. तस्वीरों में चीन के नापाक मंसूबों की झलक साफ-साफ दिख रही है. सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर वॉरजोन ने बताया है कि शीगत्से एयरबेस पर चीन ने फाइटर जेट्स, ड्रोन, रि-फ्यूलर्स, अर्ली वॉर्निंग सिस्टम और अन्य कई हथियारों की तैनाती की है. एलएसी के दूसरी तरफ चीनी सेना की जो तैयारियां हैं, उनसे उसकी युद्ध की मंशा का पता चलता है.
शीगत्से पीस एयरपोर्ट भारतीय सीमा के काफी नजदीक पड़ता है. यह तिब्बत के दूसरे सबसे बड़े शहर शीगत्से में पड़ता है. चीनी शहर ल्हासा से शीगत्से करीब 220 किमी दूर है. तिब्बत का यह पांचवां एयरपोर्ट है. इस एयरपोर्ट का निर्माण 1968 में शुरू हुआ था और यह 1973 में बनकर तैयार हुआ था.
वर्ष 2010 तक इसका इस्तेमाल केवल सैन्य अभ्यासों और जरूरतों के लिए किया जाता था. 30 अक्टूबर 2010 को यह एयरपोर्ट शुरू हुआ. फिर काफी सारा पैसा खर्च कर इसका विस्तार किया गया. और फिर इसका सैन्य और असैन्य, दोनों तरीके से इस्तेमाल होने लगा. अब चीन इसका इस्तेमाल अपने नापाक मंसूबो के लिए करना चाहता है.
अमेरिकी रक्षा वेबसाइट वॉर जोन ने चीन के नापाक मंसूबे दिखाती कुछ तस्वीरें शेयर की हैं. वॉर जोन ने ट्वीट कर बताया है कि चीन ने एलएसी (भारत-चीन सीमा) के दूसरी तरफ तिब्बत के शीगत्से एयरबेस पर कई हथियार तैनात कर रखे हैं.
वॉरजोन ने सैटेलाइट तस्वीरें जारी कर बताया है कि शीगत्से एयरबेस पर चीन ने फाइटर जेट्स, एयरक्राफ्ट, ड्रोन वगैरह तैनात किए हैं. एयरस्पेस सर्विलांस से लैस इस एयरबेस पर चीन ने पिछले कई सालों से लड़ाकू विमान रखे हैं. आशंका जताई जा रही है कि चीन इनके जरिये भारत के खिलाफ दबाव बनाना चाहता है.