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लखनऊ। चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा आज प्री-इन्वेस्टर मीट का राजधानी के एक होटल में किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एवं विशिष्ट अतिथि राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह व प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग आलोक कुमार, सचिव महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा श्रीमती श्रुति सिंह व अन्य लोग उपस्थित थे। ज्ञात हो कि प्रदेश में आगामी 10 से 12 फरवरी तक होने वाली ‘‘उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023‘‘ का आयोजन होने जा रहा है।
जानकारी के अनुसार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की प्रस्तावना के रूप में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें राज्य के अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ चिकित्सा, नर्सिंग, पैरामेडिकल और संबद्ध चिकित्सा शिक्षा के बुनियादी ढांचे व इस क्षेत्र के विकास को और गति देने को लेकर विचार- विमर्श हुआ। इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए प्रमोशनल वीडियो का प्रस्तुतीकरण किया गया। उत्तर प्रदेश में निवेश व विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न राज्यों से निवेशक ऑनलाइन एवं व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2017 से चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से गुणात्मक वृद्धि हो रही है। पूरे प्रदेश के 75 जनपदों में मेडिकल कॉलेज खोले जाने के मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में आज 65 मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हैं और पढ़ाई भी प्रारंभ हो गई है। इसके अलावा 14 मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन है। आने वाले कुछ दिनों में भारत सरकार के सहयोग से 6 मेडिकल कॉलेज और बनाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। श्री पाठक ने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई गुणवत्ता परक हो, सरकार इस पर विशेष जोर दे रही है। प्रदेश सरकार द्वारा चिकित्सकों के साथ-साथ पैरामेडिकल स्टाफ एवं नर्सिंग स्टाफ को भरे जाने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है। प्रदेश सरकार ने एमबीबीएस की सीटों की संख्या को दोगुना किया गया है। पूरे प्रदेश में वर्तमान में कुल 11 नर्सिंग कॉलेज सरकारी क्षेत्र में काम कर रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कोर्स चलाए जाए जाने की योजना बनाई जा रही है। श्री पाठक ने कहा कि प्रदेश सरकार निवेशकों के साथ पूरी प्रतिबद्धता के साथ खड़ी रहेगी और निवेशकों द्वारा दिए गए सुझाव के आधार पर उनके लिए और भी अनुकूल नीतियां बनाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि आगामी फरवरी में आयोजित होने वाले इन्वेस्टर्स समिट में बड़ी संख्या में निवेशकों ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में निवेश की रुचि दिखाई है। चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में निर्धारित लक्ष्य से अधिक निवेश के प्रस्ताव अब तक मिल चुके हैं। कार्यक्रम में राज्य मंत्री मयंकेश्वर सिंह ने कहा कि अपार सम्भवाना वाले और विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहे निवेश अनुकूल उत्तर प्रदेश में सभी निवेशको का स्वागत है। प्रदेश सरकार निवेशकर्ताओं को हर संभव मदद करेगी। उत्तर प्रदेश भरपूर संभावनाओं वाला प्रदेश है। जहां निवेशकों के अनुकूल माहौल है। उन्होंने निवेशको से आग्रह करते हुये कहा कि शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी निवेश करें। उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेजों के अतिरिक्त चिकित्सकीय उपकरण सम्बन्धी उद्यमों में भी निवेश करें जिससे प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा। प्रमुख सचिव ने कहा कि प्रदेश मे महौलगत परिर्वतन के कारण चिकित्सा शिक्षा विभाग में निवेश के लिए अब तक लगभग पन्द्रह हजार करोड़ रूपये से अधिक के आशय प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की प्रोग्रेसिव पॉलिसी के कारण निवेशको द्वारा प्रदेश में निवेश के लिए काफी रूचि दिखाई हैं।