Breaking News

हमेशा जिंदा रहेगा पद्मभूषण डा. कल्बे सादिक का नाम

Getting your Trinity Audio player ready...

लखनऊ। पद्मभूषण स्व. डा. कल्बे सादिक साहब ने शिक्षा रूपी जो दिया जलाया था, आज उसकी रौशनी घर-घर में पहुंच रही हैं, अपनी पूरी जिंदगी में उन्होंने तालीम को बहुत अहमियत दी, यह उनकी ही सोच थी, कि मुसलमान दीनी तालीम हासिल करने के साथ, माडर्न एजुकेशन में परागंत हो। शायद यही कारण है कि आज मदरसों में भी दीनी तालीम के साथ-साथ मॉडर्न एजुकेशन पर जोर दिया जा रहा है, जिससे आने वाली युवा पीढ़ी शिक्षित होकर एक सभ्य समाज का निर्माण करें। कुछ इसी तरह के विचारों को आज विद्वानों ने साझा किया। उनकी याद में आयोजित एक सेमिनार में प्रोफेसर, चिकित्सा, पत्रकारिता, समाजसेवा से जुड़ी हस्तियों ने उनके जिंदगी से जुड़े पहलुओं पर खुलकर विचार रखें। कार्यक्रम में युनिटी कॉलेज के मेधावी छात्र-छात्राओं ने भी विचार साझा किये।
राजधानी के निशात गंज स्थित कैफी आज़मी अकादमी में आज पद्मभूषण स्व. डा. कल्बे सादिक साहब की याद में सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. कल्बे सिब्तैन नूरी ने कहा कि सादिक साहब एक महान शख्सियत थे, उनके शैक्षिक संस्थान के बच्चे, कामयाबी की बुलंदियों को चूम रहे हैं। श्री नूरी ने कहा कि सादिक साहब की जिंदगी का पहला सबक यही था कि खामोशी के साथ अपनी मंजिल पाने के लिए कार्य करते रहो, दुनिया पहले विरोध करती है, जब आप एक सफल और कामयाब इंसान बन जाते हैं, तो यही दुनिया आपको सरआंखों पर बैठाती है। नूरी ने कहा कि वह हमेशा इल्म पर फोकस करते थे, वह अपने हर कार्यक्रम में तालीम को प्रेरित करते थे, डा सादिक कहते थे कि जो कौम शिक्षा में पीछे रह जायेगी, वह कभी इज्जत हासिल नहीं कर पायेगी। वह हिन्दु-मुस्लिम एकता की मिशाल थे, उन्होंने अपना पूरा जीवन बेहद सादगी के साथ गुजारा। श्री नूरी ने कहा कि उनके जीवन पर आधारित हिन्दी और अंग्रेजी में एक पुस्तक भी लोगों के बीच बहुत जल्द आने वाली है। वहीं कार्यक्रम में प्रो. साबिरा हबीब ने कहा कि डा.कल्बे सादिक का नाम कभी खत्म नहीं होगा, क्योंकि उनके काम जिंदा हैं। प्रो. हबीब ने उनके जिंदगी से जुड़े हर पहलुओं पर प्रकाश डाला। सेमिनार में डा. असद अब्बास ने कार्यक्रम में आये हुये छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि अगर जिंदगी में कामयाब होना है तो लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत के साथ धैर्य व वक्त का पाबंद होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इंसान को इंसान की समझ होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदार रहे और जब तक सफल न हो जाये, रूके नहीं। वहीं कार्यक्रम में एरा मेडिकल यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर डा. फरजाना मेंहदी ने कहा कि डा. सादिक साहब हम सबके लिए एक रहनुमा थे। उन्होंने युवा पीढ़ी को संदेश देते हुये कहा कि जब तक सीखने का समय है, जी भर के सीखो, जब कमाने का समय आये तो खूब कमाओं, और जब काबिल बन जाओ तो जिस समाज ने तुमको पहचान दी है, उस समाज के लिए और कमजोर तबकों के लिए ईमानदारी पूर्वक काम करो, हर इंसान के मन में पे-बैक टू सोसाइटी का भाव जरूर रहना चाहिए। कार्यक्रम में समाजसेवी मुरली मनोहर आहुजा कहा कि डा.सादिक देश की शान थे, हमंे उनके उसूलों पर चलना चाहिए, वह जहां जहां जाते थे, शान्ति का पैगाम देते थे। कार्यक्रम में ज़मा ग्रुप के अध्यक्ष एस.एन.लाल ने कहा कि डा.सादिक साहब का कहना था कि सही मायने में वह ही शिक्षित व्यक्ति है, जो सबको जोड़ने की बात करें,सबको साथ लेकर चलने की बात करे और इंसान के काम आये,वरना आदमी दुनियाबी तौर पर शिक्षित होकर भी जाहिल है। कार्यक्रम मंे डा.असद अब्बास, संदीप पाण्डेय,फरजाना मेंहदी, नदीम मुर्ताज़ा, एसएम हिलाल हसन, बज्मी युनूस, राजशेखर साहित अन्य लोगों पद्मभूषण डा. कल्बे सादिक एवार्ड से सम्मानित किया गया, सम्मानित लोगों को एवार्ड, मोमेन्टो, व अंगवस्त्र भेंट किये गये। वहीं यूनिटी कॉल्ेाज के मेधावी छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया, जो कि हाईस्कूल और इंटर की परीक्षाओं में अच्छे अंक लाकर कॉलेज का मान बढ़ाया। सम्मानित हुये छात्र-छात्राओं में बतूल उज्मा, मो. आकिब, तौसीफ हसन रिजवी, मो. यसार अब्बास रिजवी, इन्नमा रिजवी, आफरीन बानों, महक मिर्जा, सामाना फातिमा, अजरा फातिमा, कल्बे हैदर, तन्जीम जैदी व लायबा हैदरी शामिल थीं। वहीं कार्यक्रम का संचालन लखनऊ विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. नैय्यर जलालपुरी ने किया।

 

 

Check Also

पसंदीदा पर्यटन स्थल बताये और ईनाम पाये

Getting your Trinity Audio player ready... लखनऊ,(माॅडर्न ब्यरूोक्रेेसी न्यूज)ः उत्तर प्रदेश में आम आदमी से …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *