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लखनऊ। रौशनी के त्यौहार दीपावली के बाद से ही राजधानी में प्रदूषण की स्थिति भी बद से बदतर हो चली है। लखनऊ की हवा बुधवार की सुबह से ही जहरीली मापी जा रही है। एयर क्वालिटी इंडेक्स में प्रदूषण का स्तर बुधवार की सुबह 251 पर दर्ज हुआ। लखनऊ में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा छह अलग-अलग जगहों पर प्रदूषण मापक यंत्र लगाए गए हैं जिसके पल-पल बदलते आंकड़े चेताने वाले हैं।
वायु गुणवत्ता सूचकांक के मापक यंत्र में दर्ज अंकों के आधार पर शहर में हवा की स्थिति का अंदाजा लगाया जाता है। इन अंको के अनुसार, शून्य से 50 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को गाढ़े हरे रंग से अच्छा, 51 से 100 को हल्के हरे रंग से संतोषजनक, 101 से 200 को पीले रंग से मध्यम, 200 से 300 को नारंगी रंग से खराब, 301 से 400 को लाल रंग से बहुत खराब और 401 से 500 को गाढ़े लाल या मैरून रंग से गंभीर जता कर माना जाता है। राजधानी स्थित अलीगंज के केंद्रीय विद्यालय, रायबरेली रोड स्थित बाबा भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी, तालकटोरा डिस्ट्रिक्ट इंडस्टरीज सेंटर, गोमती नगर और कुकरैल पिकनिक स्पाट पर प्रदूषण मापक यंत्र लगाए हैं। दीपावली के बाद से ही इनमें वायु प्रदूषण की स्थिति 200 अंक से ऊपर मापी जा रही है जो खराब की श्रेणी में आता है। बुधवार को दोपहर 12 बजे एक्यूआइ का स्तर लाल बाग में 274, भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में 246, तालकटोरा डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रीज सेंटर में 278, अलीगंज में 270, गोमती नगर में 236 और कुकरैल पिकनिक स्पाट-एक में 201 पर दर्ज किया गया है। बढ़ते हुए प्रदूषण के स्तर से अस्थमा, हृदय रोग और सांस संबंधी रोगों से ग्रस्त लोगों को कई परेशानियां हो सकती हैं। इसके अलावा सामान्य व्यक्ति भी यदि लंबे समय तक प्रदूषण के इस स्तर पर खुली हवा में सांस लेता है तो उसे श्वसन रोग संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इन सबके साथ गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और स्कूल कालेज जाने वाले बच्चों को भी सांस लेने में समस्या देखी जा सकती है। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर अंकित कुमार बताते हैं कि सबसे जरूरी उपाय यह है कि जरूरी न हो तो घर से न निकलें और निकलना पड़ रहा हो तो मास्क जरूर लगाएं।
बढ़ते प्रदूषण से रहे सावधान
1- बहुत जरूरी न हो तो घर से न निकलें।
2- सुबह व शाम के समय टहलने, व्यायाम और योग आदि के लिए घर के बाहर जाने के बजाए बजाए घर के अंदर ही इन्हें पूरा करने की कोशिश करें।
3- अगर बाहर निकलना ही पड़े तो निकलने के समय पतले कपड़े का मास्क लगाएं। इसे आप घर में भी बना सकते हैं। सूती कपड़े के मास्क सबसे बेहतर होंगे।
4-बढ़ते प्रदूषण के स्तर से बचाव के लिए घर के खिड़की-दरवाजे आदि बंद रखें।
5-यदि चाहें तो घर में एयर प्यूरीफायर भी लगवा सकते हैं।
6-अस्थमा, सीओपीडी और सांस संबंधी मरीज चिकित्सक से मिलकर अपना ट्रीटमेंट एक्शन प्लान ले लें ताकि प्रदूषण बढ़ने पर या इस दौरान कोई समस्या होने पर प्राथमिक चिकित्सा के रूप में उपचार मिल सके।
7-गाड़ी चलाते समय धूप वाले चश्मे और मास्क का प्रयोग अवश्य करें।
8- कार चलाते समय शीशे चारों तरफ से बंद रखें।