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फाइनेन्सिंग ऑप्शन फार ए न्यू वेंचर के पहलुओं को छात्रों ने बारीकी से जाना

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लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के संरक्षण में चल रहे उद्यमिता कॉन्क्लेव के अंतर्गत, अर्थशास्त्र विभाग ने 25 अगस्त को कौटिल्य सभागार में फाइनेन्सिंग ऑप्शन फार ए न्यू वेंचर (नए उद्यम के लिए वित्तपोषण विकल्प) विषय पर एक दिवसीय सत्र का आयोजन किया। सत्र के अतिथि सत्य प्रकाश सिंह (मुख्य महाप्रबंधक और वर्टिकल प्रमुख, सिडबी), किरण चोपड़ा (सीएमडी, चोपड़ा रीटेक), और मुकुल श्रीवास्तव (उप महाप्रबंधक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया) थे।
कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख प्रोफेसर विनोद सिंह द्वारा अतिथियों का स्वागत कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके अलावा, प्रो. अरविंद अवस्थी ने छात्रों को एक मजबूत वैल्यू सिस्टम विकसित करने और स्व-रोजगार की दिशा में प्रयासरत रहने की प्रेरणा देते हुए कार्यक्रम का एजेंडा तय किया। सत्र के पहले वक्ता के रूप में मुकुल श्रीवास्तव ने उन विभिन्न माध्यमों की बात की जिनसे युवा उद्यमी वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते है। उन्होंने एंजेल निवेशकों की अवधारणा और उस प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया जिसके द्वारा उद्यमशीलता गतिविधियों के लिए मुद्रा ऋण प्राप्त किया जा सकता है। वहीं दूसरे वक्ता सत्य प्रकाश सिंह ने सफल उद्यमशीलता एवं उद्यमियों की सफलता के अनुभवों को साझा करके छात्रों को प्रेरित किया। उन्होंने नवाचार समर्थित स्टार्ट-अप के महत्व पर प्रकाश डाला, जहां नवाचार का मतलब समाज में किसी समस्या का अवलोकन करना और फिर समस्या को हल करने के लिए कौशल विकसित करना होना चाहिए। उन्होंने छात्रों के साथ विभिन्न वित्तीय अवसरों को साझा किया, जिन्हें दूरदर्शी दृष्टिकोण से प्राप्त किया जा सकता है। वहीं किरण चोपड़ा ने अपने स्वयं के उद्यमशीलता से प्राप्त व्यक्तिगत अनुभव और सबक साझा किए। उन्होंने एक अच्छा श्रोता होने, अच्छे संचार कौशल रखने और मजबूत बाजार अनुसंधान द्वारा समर्थित एक विचार विकसित करने के महत्व पर जोर दिया। उनका व्याख्यान एक सफल उद्यमी बनने के लिए दो प्रमुख लक्षण विकसित करने पर केंद्रित था निरंतरता और दूरदर्शिता। कार्यक्रम के अंत में, एक संक्षिप्त परिचर्चा सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों ने वक्ताओं के साथ बातचीत की और उनसे नया उद्यम शुरू करने के बारे में अपने प्रश्न पूछे। इसके बाद प्रो.अरविंद मोहन द्वारा कार्यक्रम का संक्षिप्तीकरण किया गया। उन्होंने नए उद्यमों के लिए प्रमुख वित्तपोषण विकल्पों की उपलब्धता पर छात्रों को संबोधित करने के लिए तीनों वक्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन सुश्री उर्वशी सिरोही (सहायक प्रोफेसर, अर्थशास्त्र विभाग) द्वारा किया गया।

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