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नई दिल्ली। सबको हंसाने वाले मशहूर हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं. नई दिल्ली के एम्स में बुधवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली. 10 अगस्त को कार्डियक अरेस्ट आने के बाद से ही राजू एम्स में वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे. 42 दिनों से वह मौत से जंग लड़ रहे थे, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था और इस लंबी लड़ाई के बाद मौत राजू से जीत गई. एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि राजू श्रीवास्तव को कार्डियक अरेस्ट आने के बाद से ही उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी. सभी प्रकार की दवाएं और विश्व स्तरीय इलाज देने के बाद भी उनकी जान नहीं बच सकी.
राजू श्रीवास्तव का ब्रेन सही से काम नहीं कर रहा था. पिछले 42 दिनों में उन्हें होश भी नहीं आया था. केवल एक या दो बार हल्का बॉडी मूवमेंट हुआ था. बीच में एक दो बार उनकी सेहत में हल्का सुधार देखा गया था, लेकिन पिछले पांच दिनों से उन्हें तेज बुखार भी था और बॉडी में इंफेक्शन हो गया था. इंफेक्शन की वजह से परिवार को किसी सदस्य को उनके पास जाने की इजाजत नहीं थी. पिछले दो दिनों से बुखार बढ़ रहा था. राजू के हार्ट में तो काफी सुधार हो गया था, लेकिन ब्रेन सही काम नहीं कर रहा था. इस बीच उनके पेट में भी इंफेक्शन शुरू हो गया था. मंगलवार रात से ही उनकी तबीयत बिगडऩे लगी थी और डॉक्टरों की काफी कोशिश के बाद भी राजू की जान नहीं बच सकी.
राजू श्रीवास्तव की मौत के कारण के बारे में डॉक्टर चिन्मय गुप्ता ने ञ्ज19 भारतवर्ष से बातचीत में बताया कि राजू की मौत गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रेक्ट में इंटरनल ब्लीडिंग की वजह से हुई है. पेट, छोटी आंत, बड़ी आंत और रेक्टम वाले पूरे हिस्से को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रेक्ट कहते हैं. इस समस्या के होने पर कई बार बीपी कंट्रोल में नहीं रखता है और हार्ट रेट भी तेजी से बढऩे लगता है. किसी ट्रामा की वजह से भी ये परेशानी हो जाती है.
डॉ गुप्ता बताते हैं कि राजू की मौत का प्राथमिक कारण कार्डियक अरेस्ट है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रेक्ट में इंटरनल ब्लीडिंग की वजह से उनकी हालत गंभीर हो गई थी. इससे पहले उन्हें तेज बुखार भी आया था और बॉडी का रिस्पांस कम हो रहा था. इससे पहले राजू की हार्ट की सर्जरी भी की गई थी. हार्ट फंक्शन सही हो गए थे. लेकिन ब्रेन सही से काम नहीं कर रहा था और इस बीच जीआई ब्लीडिंग भी हो गई थी.