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नई दिल्ली। सपा के गढ़ आजमगढ़ और पार्टी के संस्थापकों में से एक आजम खान के रामपुर को जीतने के बाद उत्साहित भाजपा अब 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्ष को पूरी तरह से धाराशाही करने में लगी है. देश के मुख्य विपक्षी पार्टी की अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के गढ़ में अब सेंधमारी की कोशिश हो रही है. सोनिया गांधी अब तक सभी चुनाव में यहां से अजेय रही हैं. वहीं सक्रिय राजनीति से दूर रहने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव का आज भी बड़ा जनाधार है. आज भी उनेक नाम पर उनके बेटे अखिलेश यादव को वोट मिलता है. सोनिया गांधी वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लोकसभा सांसद हैं. रायबरेली को नेहरू-गांधी परिवार का गढ़ कहा जाता है. वहीं मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से लोकसभा सांसद हैं. प्रदेश की राजनीति में मैनपुरी यादव परिवार की सबसे सुरक्षित सीट है. भाजपा अब सोनिया गांधी और मुलायम सिंह यादव को उनके ही घर में जाकर चुनाव में हराने की योजना बना रही है.
दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी में राहुल गांधी की हार और हाल ही में आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में यादव परिवार के धर्मेंद्र यादव की हार ने भाजपा को इस ओर सोचने पर मजबूर किया है. पार्टी का मनना है कि लगतार सक्रिय रहकर बड़े नेताओं को भी हराया जा सकता है. अब पार्टी इसी रणनीति को लेकर रायबरेली और मैनपुरी में भी विस्तार देने की योजना बना रही है.
ऐसा कहा जा रहा है कि गांधी परिवार और यादव परिवार के इन गढ़ों को गिराकर भाजपा राष्ट्रीय स्तर से लेकर बूथ स्तर तक कई योजना बना रही है. इन दोनों संसदीय क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर मजबूत इन दलों के नेताओं को साथ लेकर क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों को साधने का प्रयास हो रहा है. रायबरेली में कांग्रेस की विधायक रहीं अदिति सिंह को बीते वर्ष भाजपा में शामिल करवाना, इसी रणनीति का एक हिस्सा रहा है. इसको अब तेजी से अमल में लाने की कोशिश हो रही है.