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मार्क्सवाद मेहनतकशों का अमृत पुस्तक का हुआ विमोचन,विद्धानों ने रखे विचार

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लखनऊ। नागरिक अधिकार परिषद के तत्वाधान में उ.प्र. प्रेस क्लब लखनऊ में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय ’’नागरिक अधिकार और कर्तव्य’’ था। गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रुप में लखनऊ बार एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष सुरेश पाण्डेय एडवोकेट व विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में अनुराग त्रिवेदी एडवोकेट उपस्थित थे। गोष्ठी में एम. लाल और डी.के. यादव रचित पुस्तक ’’मार्क्सवाद मेहनतकशों का अमृत’’ का भी विमोचन किया गया।
इस अवसर पर लखनऊ बार एसोएिशन के अघ्यक्ष सुरेश पाण्डेय ने कहा कि समाज से हर प्रकार का भेदभाव समाप्त होना चाहिए। सभी वर्गो को साथ में मिलजुलकर रहना चाहिए घ्णा फैलाने वालों से दूरी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज के सभी लोगों का सम्मान करते हैं और अधिवक्ताओं सहित सभी के हितों एवं अधिकारों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।

कार्यक्रम में नागरिक अधिकार परिषद के अध्यक्ष रफी अहमद ने कहा कि नागरिक अधिकार या मानव अधिकार प्रत्येक व्यक्ति के एक मानव के रूप में जीवित रहने के लिए जरूरी हैं ये अधिकार सम्पन्न लोगों से अधिकार विहीन लोगों के अधिकारों और हितो की रक्षा करते हैं अधिकारों की लड़ाई उतनी ही पुरानी है जितनी की मानव सभ्यता। नागरिक अधिकार आम लोगों को राज्य के ही विरूद्ध प्राप्त होते हैं राज्य के विरूद्ध अधिकार प्राप्त होने का मतलब यह नहीं है कि सरकार ही अधिकारों का अतिक्रमण करती है अधिकतर होता यह है कि राज्य की मशीनरी अर्थात जो सरकारी कर्मचारी होते है उसके अधिकारों के दुरूपयोग के कारण आम जनता के अधिकारों का हनन होता है। नागरिक अधिकार परिषद की ओर से मांग है कि लोकतंत्र के सभी स्तम्भों द्वारा सभी नागरिकों के हितों और अधिकारों की रक्षा की जाए। आर.टी.आई. की तरह नागरिकों को अन्य अधिकार प्रदान किए जाएं। भ्रष्ट आचरण से जनता को परेशान करके सरकार की छवि धूमिल करने वाले सरकारी कर्मचारियों की सर्विस बुक में प्रतिकूल प्रविष्टि करने का जनता को अधिकार दिया जाए। सभा को संबोधित करते हुए हिंदी-उर्दू साहित्य अवार्ड कमेटी के सचिव अतहर नबी एडवोकेट ने कहा कि नागरिक अधिकार परिषद लंबे समय से नागरिकों के अधिकारों की लड़ाई लड़ता रहा है उसने नागरिकों के सशक्तिकरण के लिए अनेकों प्रयास किए हैं सरकारी विभाग में भ्रष्टाचार से सरकार की छवि धूमिल होती है उससे जनता को मुक्ति दिलाने का प्रयास करता रहा है। उम्मीद करते हैं कि नागरिक अधिकार परिषद आगे भी इसी तरह काम करता रहेगा। मुख्य वक्तव्य सलाउद्दीन शीबू एडवोकेट ने दिया उन्होने संविधान में नागरिकों को दिये गये अधिकारों और कर्तव्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। सभा को मुख्य अतिथि लखनऊ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश पांडेय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग त्रिवेदी, हिंदी उर्दू साहित्य अवार्ड कमेटी के सचिव अतहर नबी एडवोकेट, राष्ट्रीय भागीदारी आंदोलन के अध्यक्ष पी. सी. कुरील, एकता मंच के अध्यक्ष डी.के. यादव, जनहित संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष हाजी फहीम सिद्दीक़ी, नागरिक अधिकार परिषद के अध्यक्ष रफी अहमद, उपाध्यक्ष अली मुशीर जैदी, महासचिव ज़ियाल्लाह सिद्दीक़ी, प्रदेश अध्यक्ष शहाबुददीन श्हाब, संयुक्त सचिव असजद मलिक, एम. लाल, आनंद मिश्रा एडवोकेट सहित कई अन्य लोगो ने भी संबोधित किया। वहीं इस अवसर पर परिषद के कुछ नव नियुक्त पदाधिकारियों को पदभार भी ग्रहण कराया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से मो0 शहाबुद्दीन शहाब को प्रदेश अध्यक्ष, सुख सागर हंस एडवोकेट को परिषद का उपाध्यक्ष, अचिंत कुमार को परिषद का सचिव असजद मलिक को संयुक्त सचिव मनोनीत किया गया और उनके नामों की घोषणा की गई। कार्यक्रम में मुख्य रूप से नागरिक अधिकार परिषद के अध्यक्ष रफी अहमद, उपाध्यक्ष अली मुशीर जैदी, महासचिव जियाउल्ला सिद्दीकी, विशिष्ट अतिथि अतहर नबी एडवोकेट, पी.सी. कुरील, डी.के. यादव, फहीम सिद्दीकी, सलाहुद्दीन शीबू एडवोकेट, एम. लाल, आनंद मिश्रा एडवोकेट, अंिचंत कुमार,, शहाबुददीन सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।

 

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