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योगीराज में समाज कल्याण विभाग तैयार कर रहा ब्यूरोक्रेट्स की नई पौध

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लखनऊ। सूबे की सत्ता में दोबारा आई योगी सरकार ने तेजी से काम करना शुरू कर दिया था। इसी के तहत सभी विभागों को मुख्यमंत्री की ओर से सौ दिनों का लक्ष्य दिया गया था। यूपी में योगीराज 2.0 के सौ दिन पूरे होने पर सभी विभाग सौ दिनों अपनी हासिल की गई उपलब्धियों का ब्योरा दे रहे हैं। इसी क्रम में समाज कल्याण विभाग की ओर से समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरूण आज लोकभवन के मीडिया सेन्टर में विभाग की 100 दिन की उपलब्धियों की जानकारी दी।

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले परीक्षार्थियों को अब अपने सपनों को पूरा करने के लिए बड़े शहरों की ओर पलायन नहीं करना होगा। उनके सपनों को साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना शुरू की है। जिसके अंतर्गत प्रतियोगी छात्र-छात्राओं को उनके जिला मुख्यालय पर ही मुफ़्त कोचिंग की सुविधा समाज कल्याण विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जा रही है। ये बातें प्रदेश के समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरूण ने आज लोकभवन के मीडिया सेन्टर में विभाग की 100 दिन की उपलब्धियों की जानकारी दी। श्री अरुण ने बताया की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निदेशों के क्रम में 100 दिन में 57 जनपदों में अभ्युदय कोचिंग का सफलता पूर्वक संचालन शुरू हो गया है। विभाग का इस बात पर फ़ोकस है कि ऑनलाइन व्यवस्था के माध्यम से परीक्षार्थियों को उनके घर पर ही उच्चकोटि का टीचिंग मैटेरियल उपलब्ध कराया जा सके। ताकि समाज के हर वर्ग से छात्र-छात्राएँ अपने सपनों को पूरा कर सकें।
विभाग ने पहले 100 दिन के लिए अनुसूचित जाति के 500 मेधावी छात्रों को संपूर्ण शिक्षण शुल्क, मेस व छात्रावास के खर्च के लिए 30 करोड़ की व्यवस्था और छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिप्यूट की राष्ट्रीय स्तर की 250 व उत्तर प्रदेश की उत्कृष्ट संस्थाओं के चिन्हीकरण का लक्ष्य तय किया था। इस संबंध में प्रस्ताव व आदेश तैयार हो चुका है।
वहीं दूसरी ओर समाज कल्याण विभाग की योजनाएं जैसे वृद्धा अवस्था पेंशन, छात्रवृत्ति आदि योजनाओं में प्रयोगकर्ता के काम को आसान करने के लिए आईटी सेल का गठन किया गया है। जो प्रयोगकर्ताओं से लगातार फ़ीडबैक लेकर वेबसाइट को सुधारेगी। भ्रष्टाचार पर ज़ीरो टॉलरन्स की नीति अपनाईं गयी है। भ्रष्टाचार की सम्भावनाओं को समाप्त करने के लिए डीबीटी, आईटी और आधार लिंकिंग जैसी व्यवस्थाओं को प्रयोग किया गया है। भविष्य में इनका प्रयोग और बढ़ाया जाएगा।
श्री अरूण ने बताया कि उप्र किन्नर कल्याण बोर्ड उभयलिंगी समुदाय के वरिष्ठ जनों के लिए वृद्धाश्रम की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इसके सापेक्ष विभाग द्वारा संचालित वृद्धाश्रमों में किन्नरों को प्रवेश दिये जाने के लिए 13 जून, 2022 को आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है। समाज कल्याण निदेशालय में एक कांटैक्ट सेंटर स्थापित किया जा रहा है। योजनाओं के लाभार्थी/आवेदकों को कोई समस्या आती है तो यहाँ सीधे फ़ोन, ईमेल या अन्य माध्यमों से सम्पर्क कर सकते हैं। कांटैक्ट सेंटर से सहायता लेने वालों की समस्याओं का निराकरण या सही सलाह दी जाएगी।

 

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