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धरना दे रहे पहलवानों के खिलाफ एफआईआर

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नई दिल्ली। दिल्ली के जंतर-मंतर पर पिछले काफी दिनों से धरने पर बैठे पहलवानों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई। दिल्ली पुलिस ने रविवार देर शाम पहलवानों के खिलाफ एफआईर दर्ज कर ली। पहलवानों पर ड्यूटी पर तैनात सुरक्ष कर्मियों के साथ हाथापाई करने, उनके काम में बाधा डालने और दंगा करने का आरोप लगाया गया है। दिल्ली पुलिस ने बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
इसके अलावा प्रदर्शन के आयोजकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। वहीं दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर धरने वाली जगह को भी खाली कर दिया। यहां पहलवान पिछले एक महीने से धरने पर बैठे थे। इस पूरे बवाल पर पुलिस का बयान सामने आया है। पुलिस ने बताया कि काफी अनुरोध के बाद भी पहलवानों ने कानून का उल्लंघन किया, इसलिए उनका धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया।
दिल्ली पुलिस की पीआरओ सुमन नलवा ने कल की घटना पर ञ्जङ्क9 भारतवर्ष से बातचीत में कहा कि पहलवानों ने दो बैरिकेडिंग को हटाते हुए तीसरे बैरिकेडिंग को भी तोडऩे का प्रयास किया जिसके बाद हमने उन्हें कहा कि डिटेन किया जाएगा। वो एथलीट हैं उनसे उम्मीद थी कि कोआपरेट करेंगे लेकिन वो सहयोग करने की बजाय रेसिस्ट करने लगे। वो पहलवान हैं और उन्होंने ऐसी स्थिति पैदा की जिसके बाद कई पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई। बाद में उन्हें हिरासत में लिया गय।
उन्होंने कहा, कल नये संसद भवन का उद्घाटन हमारे लिये भी बड़ा दिन था और हमारे ऊपर सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी थी, ऐसे में पहलवानों ने जब संसद मार्च का आवाह्न किया तो हमने उनसे बातचीत कर उन्हें समझाने की कोशिश की थी लेकिन वो अपने ज़िद पर अड़े रहे। इससे पहले भी एक दिन उन्होंने पैदल मार्च और कैंडल मार्च भी निकाला था जिसमें हमने सहयोग किया लेकिन कल सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए उन्हें किसी भी हाल में आगे बढऩे की अनुमति नहीं दी जा सकती थी इसलिये हिरासत में लेना पड़ा पहलवानों का आरोप गलत है कि उनके साथ किसी तरह की ज़्यादती हुई है। इजाजत न होने के बावजूद भी दिल्ली पुलिस की तरफ से उन्हें तमाम सुविधाएं दी जा रही थी लेकिन उनका कंडक्ट कल सही नहीं था।
पुलिस ने कहा कि अगर भविष्य में पहलवान धरने पर बैठने के लिए एप्लीकेशन देते हैं तो जंतर-मंतर के अलावा उन्हें कोई और उचित जगह उपल्ब्ध करवा दी जाएगी। दिल्ली पुलिस ने साफ कह दिया है पहलवानों को दोबारा जंतर-मंतर पर लौटने नहीं दिया जाएगा।
इससे पहले रविवार को दिल्ली पुलिस ने 700 लोगों को हिरासत में लिया। इसके अलावा जंतर-मंतर से 109 लोगों को हिरासत मे लिया गया था जिनमें तीन पहलवना भी शामिल थे। हालांकि शाम को सभी महिला प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया गया। इमें विनेश फोगट, साक्षी मलिक भी शामिल थीं।
वहीं दिल्ली पुलिस की पीआरओ सुमन नलवा ने कहा कि रविवार के प्रदर्शन को लेकर पहलवानों से बातचीत की गई थी लेकिन उन्होंने कुछ भी सुनने से इनकार कर दिया। उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से हिरासत में लिया गया। अगर पहलवान कहीं और प्रदर्शन की इजाजत मागेंगे दो इजाजत दी जाएगी।
दरअसल ये पूरा बवाल उस वक्त शुरू हुआ जब पहलवानों ने नई संसद तक मार्च निकाला। पहलवानों ने मार्च निकालने की घोषणा पहले ही कर दी थी। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी क्योंकि रविवार को कई नई संसद का उद्घाटन होना था।
पहलवानों ने मार्च निकाला तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। लेकिन पहलवान नहीं माने तो बवाल मच गया। पूरे हंगामे के बाद दिल्ली पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जंतर-मंतर पर धरने वाली जगह को भी खाली कर दिया।

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