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हर चुनावी मौसम में हमें कुछ नया नजारा देखने को मिलता है अपने देश में…अब जब कुछ राज्यों में निकाय चुनाव से लेकर प्रदेश की विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं तो ऐसे चुनावी माहौल में एक महाठग की एंट्री हुई है। ठग भी कोई ऐसा वैसा नहीं…उसके ठगी के हुनर के कायल कई लोग हैं…अब इस महाठग ने एक नेता पर पचास करोड़ डकारने का आरोप लगाया है। ये नेता जी इन दिनों खासे चर्चा में हैं। कोई भी ऐसा दिन नहीं होता है जब इनकी खबरें मीडिया की सुर्खियां न बनती हों…लेकिन महाठग ने जो लेटर बम फोड़ रखा है उससे सियासी भूचाल आ गया है…आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल निकला है….
एक ठग के मुकाबले सभी अपने आपको ईमानदार साबित करने का प्रयास कर रहे हैं और तर्क दे रहे हैं…लेकिन क्या हमारे माननीयों को यह नहीं सोचना चाहिए कि एक ठग के आरोपों को आम जनता कितना गंभीरता से लेगी? इस ठग का जमीर भी ऐन चुनाव वक्त में जागा है…उसको हर तरफ करप्शन दिख रहा है और वह खुद को पीडि़ता बताकर माननीयों की नींद उड़ा रहा है…खैर ठग प्यारे की इस चुहल ने सबको सकते में डाल दिया है। खैर इस मामला का परिणाम चाहे जो हो लेकिन उस ठग को याद रखना चाहिए कि उसने राजनीति की दुनिया में लेटर बम के जरिए दखल देने की कोशिश की है…यहां पर वो लोग नहीं है जो उसकी एक कॉल पर पैसे देने सिर के बल चल कर आते थे…अब इस महाठग के टैलेंट की अग्नि परीक्षा है…
उपरोक्त लाइनों का संबंध किसी से भी नहीं है…कृपया कोई इसको अपने दिल और दिमाग में जगह न दे। हमारा मकसद किसी का महिमा मंडन करना या फिर दिल दुखाना नहीं भाई….ये तो बस चकल्लस है चकल्लस