Breaking News

पायनियर स्कूल के बच्चों ने समझी एयर ट्रैफिक कंट्रोल की कार्यप्रणाली

Getting your Trinity Audio player ready...

लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः पायनियर माण्टेसरी स्कूल की विकास नगर शाखा में बच्चों के लिए आज का दिन बेहद खास रहा, स्कूल में आज हवाई जहाज उड़ाने वाले पायलट व इसे निर्देशित करने वाली टीम यानि एयर ट्रैफिक कंट्रोल के उच्च अधिकारियों ने पाठशाला लगायी। दरअसल पायनियर स्कूल में आज एयर ट्रैफिक जागरूकता अभियान को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों को हवाई जहाज के उड़ाने से लेकर एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (एटीसी) की जानकारी दी गयी। इस मौके पर अधिकारियों द्वारा बच्चों की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया, वहीं बच्चों को इस क्षेत्र में भी बेहतर कैरियर की संभावनाओं के बारे विस्तृत जानकारी दी गयी। पायनियर माण्टेसरी स्कूल के बच्चों को एयर ट्रैफिक कंट्रोल की अनूठी जानकारी देने के लिए एटीसी के डीजीएम संजय कुमार सिंह की महती भूमिका रही, उनके सहयोग से इस पूरे जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आपको बता दे कि आगामी 20 अक्टूबर को अन्तर्राष्ट्रीय वायु यातायात नियंत्रक दिवस मनाया जाता है, इसी क्रम में पायनियर स्कूल में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

पायनियर माण्टेसरी स्कूल की विकास नगर शाखा में आज एयर ट्रैफिक जागरूकता अभियान की श्रृंखला में सी०पी० मिश्रा (एजीएम एटीसी) ने बच्चों को बताया कि एयर ट्रैफिक सिस्टम आखिर होता है क्या है और यह कैसे काम करता है। उन्होंने बताया कि बिना एटीसी के निर्देशों के न तो विमान टेकऑफ कर सकता है और न ही अनुमति के बिना लैंड हो सकता है। मतलब विमान का सुचारू संचालन कराना ही एटीसी का जिम्मा है। बच्चों को पावर प्वाइंट प्रोजेक्ट के माध्यम से विधिवत रूप से यह बताया गया कि एक सुरक्षित हवाई यात्रा और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एटीसी कैसे काम करता है। इस मौके पर आर०पी० सिंह, प्रेसीडेन्ट आफ एअर ट्रैफिक कन्ट्रोलर, सी०पी० मिश्रा (एजीएम एटीसी), अंकित गोयल (प्लीट इंजीनियर) , डी०के० सिंह (एसएम एटीसी), पुष्पेन्द्र सिंह (एएम एटीसी, इंडीगो), कैप्टन आशुतोष राय, कैप्टन सार्थक कुमार सिंह ने वायु यातायात नियंत्रक दिवस व हवाई यातायात नियंत्रण की महत्वपूर्ण जानकारी छात्रों को प्रदान की।

 

 

कार्यक्रम में आशुतोष राय ने बताया कि पायलट बनने के लिए क्या अर्हताएं होनी चाहिए। वहीं सी०पी० मिश्रा ने हवाई उड़ान और लैंडिंग के मध्य की नियंत्रण सम्बन्धी समस्याओं से अवगत कराया। वहीं पायलट सार्थक कुमार सिंह ने बच्चों के द्वारा पूछे गए समस्यात्मक प्रश्नों का समाधान किया। इस शिक्षाप्रद कार्यक्रम से छात्रों के साथ शिक्षक भी लाभान्वित हुए। उन्होंने कहा कि वास्तव में एयरट्रैफिक सिस्टम एक ऐसा गवर्मेंट सेक्टर है, जो खराब मौसम एवं आपातकालीन स्थिति में दिशा निर्देश देता है और हवाई संचालन को सुगम बनाता है। आपको बता दे कि अन्तर्राष्ट्रीय वायु यातायात नियंत्रक दिवस 20 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस अवसर पर विद्यालय की डायरेक्टर श्रीमती शर्मीला सिंह ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम न केवल छात्रों को कैरियर सम्बन्धी जानकारी देते हैं बल्कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के योगदान से भी परिचित कराते हैं। प्रधानाचार्या डा०अर्चना सिंह ने कहा कि आज इस जागरूकता कार्यक्रम में विद्यालय के बच्चों को विशेषज्ञों द्वारा अनूठी जाकनारी दी गयी, जो अवश्य ही बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

 

क्या है एटीसी, और कैसे काम करता है यह

एटीसी एक विमान की आंख, नाक, कान और उससे भी बढ़कर ऑक्सीजन की तरह है। बिना एटीसी के निर्देशों के न तो विमान टेकऑफ कर सकता है और न ही अनुमति के बिना लैंड हो सकता है। मतलब विमान का सुचारू संचालन कराना ही एटीसी का जिम्मा है। विमान से अक्सर यात्रा करने वाले लोगों ने कभी-न-कभी एयर ट्रैफिक सिस्टम यानि एटीसी का नाम सुना होगा, लेकिन यह है क्या? और यह किस प्रकार काम करता है? एटीसी यानी एयर ट्रैफिक कंट्रोल, यह विमान के लिए बिल्कुल ऑक्सीजन की तरह है जिस प्रकार इंसान ऑक्सीजन के बिना दम तोड़ देता है ठीक उसी प्रकार एटीसी के बिना विमान का सही ढंग से संचालन मुमकिन नहीं है। एटीसी की मदद से आसमान में उड़ रहे विमानों का सुचारू ढंग से संचालन सुनिश्चित होता है। यह विमान को आसमान में रास्ता बताते हैं। टेक ऑफ से लेकर लैंडिंग तक विमान के लिए एटीसी काफी अहम है। पायलट अमूमन हर एक चीज की जानकारी एटीसी को मुहैया कराता है। दिन के समय पर सूर्य की रोशनी की वजह से आसमान में ज्यादा विमान नहीं दिखते हैं, लेकिन रात के समय आसमान में विमान की लुपलुपाती हुई लाइट जरूर दिखाई देती है। आसान शब्दों में कहें तो आसमान में विमानों के ट्रैफिक को कंट्रोल करने का जिम्मा एटीसी का होता है। एटीसी विमानों को रास्ता बताता हैं। इसके अलावा बिना एटीसी की अनुमति के कोई भी विमान न तो उड़ान भर सकता है और न ही लैंड हो सकता है। एटीसी की गाइडलाइंस को नहीं मानने पर पायलट को लाइसेंस तक गंवाना पड़ सकता है। दरअसल, एटीसी के दिशा-निर्देशों की जानबूझकर अनदेखी करने पर पायलट का कमर्शियल पायलट लाइसेंस निरस्त हो सकता है। एटीसी पायलटों की आंख और कान दोनों है। विमान कब उड़ान भरेगा और कब उतरेगा इसकी पूरी जानकारी वो रखता है। इसके अलावा एटीसी पायलट से विमान का प्रस्तावित रास्ता, ऊंचाई और स्पीड की उड़ान योजनाओं के बारे में जानकारी लेता है। वहीं, एयर ट्रॉफिक, मौसम और अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए एटीसी उडा़न योजनाओं को संशोधित भी कर सकता है। इन तमाम आंकड़ों के आधार पर एटीसी यह सुनिश्चित करता है कि विमान एक-दूसरे से टकराए नहीं और वह सुरक्षित दूरी पर उड़ान भरें। इसके लिए एटीसी रडार और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल करता है। एटीसी एयर ट्रैफिक की निगरानी करता है। साथ ही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए काम करता है और आपातकालीन स्थितियों में मदद मुहैया करता है।

वायु यातायात नियंत्रकों को समर्पित है यह दिन

अंतरराष्ट्रीय वायु यातायात नियंत्रक दिवस हर साल 20 अक्टूबर को मनाया जाता है. यह दिन, अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात नियंत्रकों की संस्था IFATCA की स्थापना की याद में मनाया जाता है. IFATCA की स्थापना 20 अक्टूबर, 1961 को एम्स्टर्डम में हुई थी. इस दिन को मनाने का मकसद, वायु यातायात नियंत्रकों के काम और पेशे के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उनका सम्मान करना भी है. वायु यातायात नियंत्रकों का काम बहुत कठिन होता है. उन्हें पायलटों और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम करना होता है. खराब मौसम और आपातकालीन स्थितियों में भी उन्हें विमानों को निर्देशित करना होता है. इस काम के लिए, उन्हें गहन एकाग्रता और विशेष मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण की ज़रूरत होती है।

Check Also

मिशन मोड में बैंक कराएं लाभार्थियों की समस्याओं का निस्तारण: निदेशक सूडा

Getting your Trinity Audio player ready... लखनऊ। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लाभार्थियों व स्वयं सहायता …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *