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पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में फिर से जांच शुरू कर दी है। यह मामला रेलवे प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। वहीं, सीबीआई की इस कार्रवाई से राष्ट्रीय जनता दल के नेता भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर गए हैं। जिससे बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि अगर उनके पिताजी बीजेपी से हाथ मिला लेते तो ऐसी कार्रवाई नहीं होती। तेजस्वी ने ट्वीट किया, ‘अगर लालू जी बीजेपी से हाथ मिला लेते तो वो आज हिंदुस्तान के राजा हरीशचंद्र होते। तथाकथित चारा घोटाला दो मिनट में भाईचारा घोटाला हो जाता।’
सीबीआई ने साल 2018 में रेलवे प्रोजेक्ट के आवंटन में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू की थी। लेकिन, तीन साल बाद साल 2021 में जांच बंद कर दी गई थी। आरोपियों में तेजस्वी यादव और लालू की बेटियां चंदा यादव और रागिनी यादव का नाम भी शामिल है। बता दें कि हाल ही में बिहार की राजनीति में काफी उलटफेर देखने को मिला है। जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता तोडक़र राजद के साथ गठबंधन कर लिया है। आरजेडी नेता सीबीआई की कार्रवाई को बदले की कार्रवाई मान रहे हैं।
सीबीआई ने आरोप लगाया गया है कि लालू यादव ने रियल एस्टेट प्रमुख डीएलएफ ग्रुप से रिश्वत के रूप में दक्षिण दिल्ली की एक संपत्ति प्राप्त की थी, जो मुंबई में रेल भूमि पट्टा प्रोजेक्ट और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के डेवलपमेंट में रुचि रखती थी। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन्हीं आरोपों को लेकर सीबीआई ने अपनी जांच फिर से शुरू की है।
बता दें कि राजद नेता केंद्र की भाजपा सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगा चुके हैं। तेजस्वी यादव ने हाल ही में कहा था कि ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियां केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही हैं। बता दें कि हाल ही में लालू प्रसाद यादव का सिंगापुर के एक अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट का सफल ऑपरेशन हुआ है। उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने पिता को किडनी डोनेट की है। डॉक्टरों ने बताया है कि दोनों लोग स्वस्थ हैं।