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इन तरीकों को अपना कर… कभी नहीं होगें साइबर क्राइम का शिकार

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लखनऊ। जिस तरह से हर अपराध के साथ साइबर क्राइम की संलिप्त्ता बढ़ती जा रही है, साइबर क्राइम करने के लिए अपराधी नित नये नये हथकंडो का इस्तेमाल कर रहे हैं, उससे निपटने के लिए पुलिस महकमे का साइबर सेल भी अहम रोल अदा कर रहा है, साइबर सेल के आंकड़ो की माने तो प्रत्येक वर्ष साइबर अपराध से पीड़ित लोगों की शिकायतों का 70 प्रतिशत निपटारा किया जाता है, तो वहीं रिकवरी ऑफ मनी की दर 25 प्रतिशत बतायी जा रही है। उधर बढ़ते हुये साइबर क्राइम को रोकने की लिए एसपी साइबर क्राइम प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह भी काफी चिंतित हैं, उनकी कोशिश है कि साइबर अपराधों को शत प्रतिशत रोकना, वह इसके लिए रणनीति के तहत काम भी कर रहे हैं। श्री सिंह ने बताया कि साइबर अपराधों को रोकने के लिए नवीनतम टेक्नालॉजी के साथ साइबर एक्सपर्ट की टीम काम कर रही है।
गोमतीनगर स्थित विभूति खंड स्थित साइबर थाने में बाकी थानों से एकदम अलग महौल देखने को मिला, यहां पर साइबर एक्सपर्टो की एक बढ़ी टीम अपने अपने टारगेट पर काम करने में जुटी थी। बीते वर्ष 2016 में राजधानी मंे खुले इस साइबर थाने में मौज्ूादा समय जितनी तेजी से मुकद्मों का ग्राफ बढ़ा है, उसी तरह से केस भी वर्क आउट हुये हैं, साइबर सेल की टीमों ने प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में विदेशी नागरिकों द्वारा साइबर क्राइम को अंजाम देने वाले अपराधियों को भी दबोच कर जेल में डाला है तो वहीं आर्थिक अपराध के मामलों में पीड़ितों की रकम भी वापस दिलवाने में सफलता पायी है। बकौल साइबर थाने के निरीक्षक अजीत कुमार यादव ने बताया कि साइबर क्राइम एक सोच है, अपराधी की सोच से आगे की सोच रख कर केस को वर्कआउट करने की जिद रखनी पड़ती है, तब जाकर पीड़ित को न्याय मिलता है और अपराधी जेल मंे होता है। साइबर क्राइम फेक ई-मेल द्वारा, लोन दिलाने के नाम पर, वैवाहिक साइटों व सेक्स टॉर्सन, जॉब के नाम पर, लकी कूपन के नाम पर, व सामाजिक प्रतिष्ठा धुमिल करने सहित अन्य माध्यमों से किया जाता है। साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि इससे बचाव का एक ही तरीका है, संयम और सावधानी। किसी को भी ओटपी पासवर्ड शेयर न करें। कोई अंजान लिंक पर क्लिक मत करें। सोशल साइट्स पर अंजान लोगों से दोस्ती मत करें, इन नियमों का पालन करके साइबर क्राइम से बहुत हद तक बचा जा सकता है। झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, उड़ीसा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, नागपुर, सीतापुर व लखीमपुर जैसे जिले साइबर काइम की नजर से हॉट स्पॉट बने हुये हैं। साइबर एक्सपर्ट की टीमें लगातार इन ठगों पर नजर बनाये रहती हैं। तो वहीं कुछ ऐसे भी मामले आये हैं जिसमें नाइजीरिया व चीन जैसे देशों के नागरिक दिल्ली मंे रहकर संगठित गिरोह चलाकर साइबर क्राइम को अंजाम दे रहे हैं, हाल ही में ऐसे कई विदेशी नागरिकों को पकड़ कर जेल भेजा जा चुका है।

एसपी साइबर क्राइम प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह

उधर बढ़ते हुये साइबर क्राइम को रोकने की लिए एसपी साइबर क्राइम प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह भी काफी चिंतित हैं, उनकी कोशिश है कि साइबर अपराधों को शत प्रतिशत रोकना, वह इसके लिए रणनीति के तहत काम भी कर रहे हैं। श्री सिंह ने बताया कि साइबर अपराधों को रोकने के लिए नयी नयी टेक्नालॉजी के साथ साइबर एक्सपर्ट की टीम काम कर रही है, सिपाहियों को नयी तकनीकि पर काम में दक्ष बनाने के लिए बकायदा उनकी ट्रेनिंग करवायी जाती है। वहीं आवश्यकतानुसार साइबर अपराध को रोकने के लिए खाली पदों को भरने व रिक्त पदों भर्तियों की कवायद भी शासन स्तर पर चल रही है।

साइबर ठगी के हॉट स्पॉट क्षेत्र

झारखंडमें जामताड़ा, धनबाद, धुमका व रांची का कुछ क्षेत्र।
बिहार में नवादा, मधुबनी, जमुई, पुर्णिया का क्षेत्र।
पश्चिम बंगाल में माल्दा टाउन, चौबिस परगना।
असम में धुबरी, दिसपुर सहित अन्य क्षेत्र।
उड़ीसा में गंजाम।
महाराष्ट्र में नागपुर, सोलापुर, पूना व मुम्बई।
उत्तर-प्रदेश में मथुरा ( मेवात क्षेत्र जो भरतपुर राजस्थान की सीमा के पास), लखीमपुर, सीतापुर, नोएडा।

गोमती नगर साइबर थाने की कार्यवाही

साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए गोमती नगर साइबर थाने की स्थापना 2016 में हुयी थी, साइबर थाने के निरीक्षक की माने तो 2016 में साइबर थाने में तब सिर्फ 3 मुकदमें दर्ज हुये थे। 2017 में 5 मुकद्मे दर्ज हुये। 2018 में 10 मुकदमें दर्ज हुये। साल 2019 में 3 मुकद्में दर्ज हुये। 2020 में 15 मुकदमें दर्ज हुये। वर्ष 2021 में 50 मुकदमें दर्ज हुये। वहीं अप्रैल 2022 तक 8 मुकद्में दर्ज किये जा चुके हैं। इसके अलावा दूसरे थाने से भी 32 विवेचनाए साइबर थाने को ट्रांसफर की गयी हैं।

साइबर थाने के निरीक्षक अजीत कुमार यादव

साइबर एक्सपर्ट की माने सलाह

साइबर एक्सपर्ट की माने सलाह, कभी नहीं होगें ठगी का शिकार
कोई अंजान लिंक पर क्लिक मत करें।
अपनी जीमेल या ईमेल आईडी का पासवर्ड कही पर ना लिखे और ना ही कोई मोबाइल नोटपैड ऐप पर लिखें। आईडी पासवर्ड हमेशा याद रखें।
समय समय पर अपनी आईडी का पासवर्ड बदलते रहे।
लॉगिन यूजरनेम और पासवर्ड भी गोपनीय रखे।
मोबाइल फोन और लैपटॉप में एंटीवायएस रखें जो समय समय पर ऑटोमैटिक वायरस को नष्ट करता रहता है।
मोबाइल या कंप्यूटर किसी दूसरे व्यक्ति को बेचने से पहले गुगल एकाउंट मे जाकर अपनी आईडी रिमूव जरूर करें।
अनजान मैसेज लिंक या मोबाइल पर आए नोटिफिकेशन पर बिना जानकारी के क्लिक ना करे उसे रीमूव कर दे।
मनी ट्रांसफर एप जैसे एसबीआई नेटबैंकिंग, फोन-पे, गुगल-पे व अन्य जो भी आप उपयोग करते हो काम होने पर तुरंत लॉगआउट करे।
सोशल साइट्स पर अंजान लोगों से दोस्ती न करें।
साइबर नियम और संयम से काम लें।

साइबर क्राइम के लिए इन हथकंडो का इस्तेमाल करते है साइबर ठग

किसी बैंक में लोन दिलाने के नाम पर।
वैवाहिक साइट्स पर शादी के नाम पर झांसा देकर।
मोबाइल या कंप्यूटर में इंटरनेट के माध्यम से पैसे ठगना, आर्थिक साइबर अपराध की श्रेणी में आता है।
आपके कंप्यूटर में रखे डाटा को चोरी करने या नुकसान पहुंचाने के उदेदश्य से वायरस को पहुंचाना।
मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर में स्टोर की गयी जानकारी को बिना आपको बताए उसका गलत इस्तेमाल करना जो गैरकानूनी हो।
फेक ईमेल या स्पैम में जिस पर क्लिक करते ही, आपकी सूचनाएं या आपके एकांउट से पैसे निकल जाये, यह भी साइबर अपराध की श्रेणी में आता है।
सोशल साइट्स पर गैर कानूनी फोटो या ऐसी भ्रांतियां फैलाना से भी साइबर क्राइम हो सकता है।
मोबाइल फोन में किसी बैंक के नाम से मैसेज में कोई फर्जी लिंक शेयर करना भी साइबर अपराध होता है।
किसी फर्जी वेबसाइट द्वारा असली वेबसाइट्स से मिलता जुलता नाम रख ऑनलाइन फ्राउड करना भी साइबर क्राइम कहलाता है।
किसी बैंक के नाम से आपके पास कोई मैसेज या कॉल के द्वारा आपके अकाउंट में कोई जानकारी परिवर्तन करने के नाम से या कोई सरकारी योजना के नाम से की आपके अकाउंट में पैसा आया है अगर आप लेना चाहते है तो आपसे आपके। एटीएम नंबर लेना या सीवीवी नंबर मांग कर आपके बैंक अकाउंट से पैसा गायब कर सकते हैं। उक्त गैर कानूनी तरीके से किया गया कार्य भी साइबर अपराध है।
फेसबुक, ट्विटर, वाट्सअप, मैसेन्जर व इंस्टाग्राम पर फर्जी नाम या फर्जी आईडी बना कर पैसे मांगना या सोशल साइट्स से डाटा चुराना भी साइबर क्राइम की श्रेणी में आता है।
गैर कानूनी तरीके से किया गया ऐसा कार्य जो आपको आर्थिक छती या आपके आईडी को हैक करने का प्रयास या आपके चाट पर कोई ऐसी लिंक सेंड करना जो आपके डाटा चुराने या आपके डाटा को नुकसान पहुंचाने का कार्य करे। इस तरह इंटरनेट द्वारा किया गया कृत्य भी साइबर अपराध कहलाता है।
फोन-पे, गुगल-पे, पेटीएम का इस्तेमाल करते है तो आपके पास फर्जी पेमेंट नोटिफिकेशन भेज कर आपको आर्थिक चोट पहंुचाई जा सकती है। इस प्रकार गैर कानूनी तरीके से भेजे गए नोटिफिकेशन साइबर अपराध की श्रेणी में आते हैं।

आशीष कुमार
मैनेजर डिजीटल (एसबीआई बैंक)

समय के साथ साइबर क्राइम की कार्यशैली भी बदल रही है, साइबर क्रिमनल नित नये पैतरे अपना रहे हैं, साइबर एक्सपर्ट की माने तो साइबर क्राइम का नया पैतरा इजात कर लिया है साइबर अपराधियों ने, वह अब आइडेन्टटिटी थ्रेप्ट (पहचान चोरी) तरीके से साइबर क्राइम की घटना को अंजाम दे रहे हैं।

– आइडेन्टीटी थ्रेप्ट(पहचान की चोरी)
क्ेस-1 सनी लियोन और राजकुमार राव इनकी सोशल साइट्स से जानकारियां चुरा कर 20 हजार के लोन ले लिया। यह घटना अभी प्रकाश में आयी थी।
हैकर सोशल साइट्य पर युजर्स को काफी बारीक तरह से फॉलो कर उनका डाटा एकत्र करते हैं, फिर मोबाइल नम्बर, आधार कार्ड, जन्मतिथि आदि के जरिए उनकी आइडेन्टिडी थ्रेप्ट कर लेते हैं।
-फोटोकॉपी की दुकान, छोटे दुकानदार, वेंडर, ई सुविधा केन्द्र, यह सब डाटा कल्ेाक्शन चोरी सोर्स हैं।

– इन सबसे से क्रेडिट कार्ड, लोन ले सकता है, एटीएम जारी करवा सकता हैं।
-इंटरनेट पर कभी भी अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड का डिटेल शेयर मत करें। कभी भी आधार कार्ड, या पैन कार्ड को मोबाइल पर फोटो के द्वारा आदान प्रदान मत करें।
– अपना डाटा इनक्रिप्शेन फार्म मंे ही रखे। सोशल साइट्स पर निजी जानकारियां बिल्कुल भी साझा न करे।

एसबीआई बैंक में डिजीटल मैनेजर पद पर तैनात आशीष कुमार कहते हैं कि साइबर क्राइम दो तरह की परिस्थितियों में ही संभव हैं। पहला-डर और दूसरी वजह-लालच। श्री कुमार ने कहा कि इन दो वजहों से ही साइबर क्राइम की घटना घटित होती है।

डर की वजह- कभी कभी साइबर ठग एटीएम बंद हो जाने के नाम पर डरा कर उसका पिन पूछ लेते हैं तो कभी मोबाइल पर मैसेज भेज कर कि आप मैसेज में दिये गये नम्बर पर तुरंत फोन करिये वरना आपके फोन की आउटगोइंग सुविधा समाप्त कर दी जायेगी। ऐसे स्थिति में इंसान हड़बड़ा कर बिना कुछ सोचे समझे अनजाने में अपनी डिटेल साइबर ठगों को भेज देत हैं और फिर वह ठगी का शिकार बन जाते हैं।

लालच की वजह -इस परिस्थिती में साइबर ठगों द्वारा मोबाइल पर लकी ड्रा कूपन के मैसेज भेज कर,

 

 

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