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लखनऊ। कानपुर के बिकरू कांड में शुरू हुई विभागीय जांच में फंसे डीआईजी अनंत देव तिवारी को बड़ी राहत मिली है। डीआईजी रेलवे आनंद देव तिवारी को विभागीय जांच में क्लीन चिट मिली है। बिकरू कांड से पहले कानपुर में एसएसपी रहे अनंत देव तिवारी को एसआईटी रिपोर्ट के बाद नवंबर 2020 में सस्पेंड किया गया था।
इसके बाद अक्टूबर 2022 में बहाल हुए अनंत देव तिवारी वर्तमान में डीआईजी रेलवे प्रयागराज है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद अनंत तिवारी को एसटीएफ से अटैच किया गया था। अब बिकरू कांड में निलंबन खत्म होने के बाद अनंत देव तिवारी को विभागीय जांच में भी क्लीन चिट मिल गई है। यानी उन्हें बड़ी राहत मिली है।
बिकरू कांड के जांच अधिकारी ने एसएसपी कानपुर रहते हुए अनंत देव तिवारी को थानों का आकस्मिक निरीक्षण करने में लापरवाही बरतने का आरोपी माना था। फिलहाल इस मामले की जांच कर रहे आईजी नीलाब्जा चौधरी ने अनंतदेव को जांच में क्लीन चिट दी है। अहम बाद ये है कि इसी साल दिसंबर में अनंतदेव तिवारी का रिटायर होने वाले हैं।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अनंत देव 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। फतेहपुर के रहने वाले अनंत देव 1991 में पुलिस सेवा में आए थे और लंबे समय तक एसटीएफ में एएसपी के पद पर तैनात रहे थे। वह कुख्यात ददुआ और ठोकिया को मुठभेड़ में मार गिराने वाली एसटीएफ टीम का हिस्सा रहे हैं।
2013 में एसपी गोरखपुर के पद पर तैनात रहने के दौरान एक सपा नेता के बेटे की पिटाई के मामले में अनंत देव तिवारी का नाम सुर्खियों में आया था। तब उन्हें निलंबित किया कर दिया था। दो महीने तक सस्पेंड रहने के बाद वह बहाल हुए थे। अनंत देव एसएसपी कानपुर रहते हुए डीआईजी के पद पर पदोन्नत हुए थे।