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अच्छी शिक्षा के साथ छात्रों का चरित्र निर्माण भी शिक्षकों की जिम्मेदारी- बृजेंन्द्र सिंह

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लखनऊ,(मॉडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)। शिक्षक का लक्ष्य छात्र के मस्तिष्क में सिर्फ ज्ञान भरना ही नहीं अपितु उनके सर्वांगीण विकास के साथ चरित्र का निर्माण भी है जिसे उन्हें नहीं भूलना चाहिए। यह बातें पायनियर मोंटेसरी स्कूल के प्रबंधक बृजेंन्द्र सिंह ने शिक्षकों के लिए आयोयित एक कार्यशाला में कही।
पायनियर मोंटेसरी इंटर कॉलेज, बंगला बाजार के पूरन सिंह मेमोरियल ऑडिटोरियम में समस्त शाखाओं के लगभग 300 से अधिक शिक्षकों के लिए एक एनईपी(नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020) व एनएफसी एवं आर्ट इंटीग्रेटेड संबंधित कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की रिसोर्स पर्सन ट्रेनर मृदुल जैन जो मधुबन पब्लिकेशन से थी। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक इंजीनियर बृजेंद्र सिंह ने सभी शिक्षकों से कहा कि शिक्षक का लक्ष्य छात्र के मस्तिष्क में सिर्फ ज्ञान भरना ही नहीं अपितु उनके सर्वांगीण विकास के साथ चरित्र का निर्माण भी है जिसे उन्हें नहीं भूलना चाहिए। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अंतर्गत नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क में छात्रों की शिक्षा एवं शिक्षण कार्य किन उद्देश्यों पर निर्धारित होनी चाहिए इसके विषय में विस्तृत चर्चा की गई। ट्रेनर मृदुल जैन ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2023 के पंचपदीय प्रणाली के बारें में विशेष टैनिंग सेशन लिया। वहीं शिक्षकों को वीडियो फिल्म एवं प्रत्येक विषय से सम्बन्धित एक्टिविटी के माध्यम से शिक्षण कार्य को कैसे प्रभावी बनाया जा सकता है इसे सिखाया गया। उन्होंने कहा कि शिक्षण कार्य का लक्ष्य छात्र के अंदर जिज्ञासा उत्पन्न करने के साथ साथ, मोटिवेशन , दिलचस्पी, दूसरे बच्चों के साथ ज्ञान का आदान प्रदान करना, स्वयं ग्रहण करने की क्षमता का विकास होना चाहिए। वर्कशॉप में सभी शिक्षकों ने अत्यंत उत्साहपूर्वक प्रतिभाग लिया।

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