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जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में कांग्रेस की कलह सतह पर आ गई है। जहां पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठ गए हैं। पायलट के अनशन शुरू करने से पहले कई बड़े संकेत दिए हैं जहां कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के अनशन को पार्टी विरोधी गतिविधि करार दिए जाने के बावजूद पायलट ने अनशन शुरू कर दिया है। पायलट के अनशन के लिए शहीद स्मारक पर मंच बनाया गया है जहां महात्मा गांधी की फोटो लगाई गई है और मंच पर पायलट अकेले ही बैठे हैं।
बताया जा रहा है कि पायलट 11 बजे से शाम 4 बजे तक धरना देंगे। वहीं शहीद स्मारक पर पायलट के समर्थकों का जमावड़ा लगा हुआ है। वहीं शहीद स्मारक पर पायलट के लिए बनाए गए मंच पर लगे पोस्टरों से राहुल गांधी और सोनिया की के साथ ही किसी भी कांग्रेसी नेता की तस्वीर नहीं है।
मालूम हो कि पायलट ने रविवार को अपने कार्यकर्ताओं के साथ मंगलवार को अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठने का ऐलान किया था जहां उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे की भ्रष्टाचार को लेकर साठगांठ होने के संगीन आरोप लगाए थे। वहीं पायलट ने कहा था कि सीएम रहते हुए गहलोत ने राजे सरकार के घोटालों पर कोई भी एक्शन नहीं लिया।
इधर, धरनास्थल पर पायलट के मंच से कई तरह के पोस्टर लगाए गए हैं जिनमें राहुल-सोनिया के साथ ही किसी भी कांग्रेसी नेता की फोटो नहीं लगी है। वहीं उनके मंच पर केवल महात्मा गांधी की फोटो लगाई गई है। इस बीच पायलट से बात करने के लिए जयपुर आ रहे प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का जयपुर दौरा रद्द हो गया है। अब बताया जा रहा है कि वह बुधवार को जयपुर पहुंच सकते हैं।
इसके अलावा राज्य प्रभारी रंधावा द्वारा पायलट के धरने को पार्टी विरोधी गतिविधि बताने के बाद भी पायलट अनशन पर बैठ गए हैं। ऐसे में जानकारी मिली है कि रंधावा अपनी रिपोर्ट आलाकमान और अनुशासन समिति को सौंपेंगे। इसके बाद अनुशासन समिति प्रभारी की रिपोर्ट का इंतजार करेगी और उसके आधार पर सचिन को नोटिस भेजने पर फैसला लिया जाएगा।
वहीं पायलट के अनशन में शामिल होने के लिए प्रदेश भर से उनके समर्थक जयपुर के शहीद स्मारक पहुंचे हैं जहां मंच पर पायलट के आस पास कुछ पूर्व विधायक और युवा चेहरे दिखाई दे रहे हैं। वहीं बताया जा रहा है कि पायलट शाम 4 बजे अनशन खत्म करने के बाद अपने अगले दांव पर तस्वीर साफ कर सकते हैं।
जानकारों का कहना है कि पायलट अनशन के बाद अपनी सियासी लाइन साफ करने को लेकर चुप्पी तोड़ कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं। मालूम हो कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर वसुंधरा राजे के साथ मिलीभगत के आरोपों पर पार्टी आलाकमान ने पायलट का साथ छोड़ दिया है और आलाकमान की ओर से अनशन को पार्टी विरोधी गतिविधि बताया है।