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नई दिल्ली। शहरी विकास मंत्रालय की सरकारी पहल आजीविका मिशन में नौकरी लगवाने के नाम पर बड़े पैमाने पर ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि आरोपी अब तक 500 से ज्यादा युवक-युवतियों से ठगी कर चुके हैं।
आरोपी फर्जी सरकारी वेबसाइट बनाकर कॉल सेंटर के जरिये फर्जीवाड़ा कर रहे थे। नई दिल्ली जिले की साइबर थाना पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश कर सरगना गजेंद्र उर्फ राज मेहरा, वेब डिजाइनर राहुल सैनी और चार युवतियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 11 मोबाइल फोन, तीन डेबिट कार्ड व दो लैपटॉप बरामद किए गए हैं।
शहरी विकास मंत्रालय से शिकायत मिली थी कि जनता को ठगने के लिए किसी ने सरकारी पहल आजीविका मिशन के नाम से फर्जी वेबसाइट बना रखी है। कथित वेबसाइट के माध्यम से इच्छुक उम्मीदवारों को पंजीकरण शुल्क के रूप में 1625 रुपये जमा करवाए जा रहे हैं। आरोपी आजीविका मिशन में विभिन्न पदों पर नौकरी लगवाने का झांसा दे रहे हैं।
नई दिल्ली जिला पुलिस उपायुक्त प्रवण तायल ने बताया कि 17 मार्च को मामला दर्ज कर साइबर थाना प्रभारी विजय पाल की देखरेख में एसआई विपिन त्यागी, मंजीत सिंह, अमित कुमार व हवलदार संदीप वर्मा की टीम ने जांच शुरू की। पुलिस टीम ने उन बैंक खातों की डिटेल खंगाली जिनमें ठगी का पैसा जमा कराया गया था।
इंस्पेक्टर विजय पाल की टीम ने 21 मार्च को लक्ष्मी नगर में दबिश दी तो आरोपी जोहरी, दिल्ली निवासी गजेंद्र कुमार (28) कॉल सेंटर चला रहा था। यहां चार लड़कियां काम कर रही थी। ये लड़कियां पीडि़तों को फोन करती थीं। पुलिस ने गजेंद्र कुमार व चारों युवतियों को गिरफ्तार कर लिया। उसने बताया कि वह कॉल सेंटर चलाकर पहले इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने के नाम पर ठगी करता था। जल्दी पैसा कमाने के लिए उसने जालसाजी करना शुरू कर दिया था।
राहुल सैनी से बनवाई थी फर्जी वेबसाइट
आरोपी गजेंद्र ने वेब डेवलपर राहुल सैनी से आजीविका मिशन की वेबसाइट से मिलती-जुलती फर्जी वेबसाइट बनवाई। ये फर्जी वेबसाइट के जरिये युवक-युवतियों को नौकरी दिलाने के नाम पर 1625 रुपये जमा कराने लगे। इंस्पेक्टर विजय पाल की टीम ने गजेंद्र कुमार से पूछताछ के बाद गांव सरावा हापुड़, यूपी निवासी राहुल सैनी (25) पुत्र महेंद्र सैनी को गिरफ्तार कर लिया।
पांच महीने में आए थे 25 से 30 लाख रुपये
पुलिस अधिकारियों के अनुसार आरोपियों के बैंक खातों की डिटेल खंगालने पर पता लगा कि इनके बैंक खातों में पिछले पांच महीने में 25 से 30 लाख रुपये आए हैं। यह भी पता लगा कि 400 से 500 युवकों ने रजिस्ट्रेशन नाम के फीस जमा कराई थी। पुलिस और पीडि़तों की तलाश कर रही है।
इस तरह देते थे वारदात को अंजाम
10वीं पास गजेंद्र ने राहुल सैनी से आजीविका मिशन से मिलती-जुलती वेबसाइट बनवाई और उस पर आजीविका मिशन के नाम पर फर्जी सरकारी नौकरी निकाल दीं। आरोपियों ने जस्ट डायल से नौकरी के लिए आवेदन करने वालों को डाटा लिया। इसके बाद ये पीडि़तों को बताते थे कि आजीविका मिशन में वेकेंसी निकली हैं और उसके लिए आवेदन कर दो। पीडि़त रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर 1625 रुपये जमा करा देता था। गजेंद्र वर्ष 2016 में जैसलमेर, राजस्थान में गिरफ्तार हुआ था। राहुल ने कंप्यूटर साइंस में डिप्लोमा किया हुआ है। वह वेब डिजाइनर है।