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नई दिल्ली। कोलकाता में ई-नगेट ऑनलाइनगेम धोखाधड़ी मामले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने फिर छापेमारी की. एजेंसी का कहना है कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों का कहना है कि क्रिप्टो करेंसी की तलाशी लिए अभियान चलाया है, जिसमें पीएमएलए, 2002 के तहत 22.82 करोड़ रुपये के बराबर 150.22 बिटकॉइन को फ्रीज कर दिया गया है. बता दें कि दो दिन पहले ई-नगेट ऑनलाइन धोखाधड़ी मामले में आरोपी आमिर खान के एक अन्य सहयोगी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. आरोपी का नाम विक्रम सिंह गांधी है.
पुलिस ने बुधवार रात करीब साढ़े दस बजे बेलेघाटा के एक फ्लैट से गिरफ्तार किया था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी विक्रम पूरे ऑनलाइन धोखाधड़ी मामले में मध्यस्थ का काम करता था.
सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने ऑनलाइन ठगी के मास्टरमाइंड आमिर के करीबी रुमेन अग्रवाल से पूछताछ कर आरोपी विक्रम के बारे में सारी जानकारी जुटाई थी. पुलिस का यह भी मानना है कि विक्रम के जरिए दो करोड़ रुपये ऑनलाइन निवेश किए गए थे. सूत्रों के मुताबिक आमिर ने विक्रम को कई करोड़ रुपए नकद दिए थे. विक्रम ने वह पैसा आरोपी रुमेन को दे दिया. रुमेन ने बाद में उस पैसे को वापस क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया. विक्रम सिंह से माध्यम से मिली जानकारी के आधार पर ही ईडी ने यह रेड चलाई थी.
बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 10 सितंबर को मोबाइल गेमिंग ऐप के माध्यम से वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों की जांच के लिए गार्डनरिच के शाही स्टेबल लेन, पार्क स्ट्रीट, मोमिनपुर के बंदर क्षेत्र, न्यूटाउन सहित शहर के छह स्थानों पर छापेमारी शुरू की थी. उस छापेमारी में जांच अधिकारियों ने आमिर के घर के पलंग के नीचे से काफी नकद बरामद हुए थे. आमिर के ठिकाने से कुल 17.32 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे.
बाद में आरोपी आमिर को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया था. धोखाधड़ी के इस मामले में शामिल सहयोगी रुमेन को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. इस बीच केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने रमन अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में आरोप लगे थे कि अमीर खान का दुबई सहित देश के अन्य राज्यों में भी अवैध गेमिंग ऐप का कारोबार फैला हुआ था. इस मामले में ईडी जांच कर रही है और कई गिरफ्तारियां भी हो चुकी है.