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इस आईपीएस ने किया ऑनलाइन ड्रग डीलिंग करने वाले गैंग का भंडाफोड़

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लखनऊ/गोण्डा। जिस तेजी से विज्ञान तरक्की कर रहा है, उसी तेजी से नई टेक्नालॉजी का प्रयोग अपराधी भी कर रहे हैं। ऐसे में इन हाईटेक अपराधियों पर लगाम कसना पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। लेकिन गोण्डा पुलिस ने हाईटेक अपराधियों पर भी लगाम कसनी शुरु कर दी है। गोण्डा पुलिस ने ऑनलाइन नशे का कारोबार करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से बड़ी मात्रा नशीली दवाओं के साथ ही ऑन लाइन कारोबर में इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुएं भी बरामद की हैं।

आपको बताते चलें कि मादक पदार्थों के विरूद्ध चलाये जा रहे राज्यव्यापी अभियान के तहत पुलिस अधीक्षक गोण्डा आकाश तोमर द्वारा जनपद के समस्त क्षेत्राधिकारीगण/ समस्त थाना प्रभारियों व साइबर/सर्विलांस सेल को अपर पुलिस अधीक्षक जनपद गोण्डा के निर्देशन में अभियान चलाकर मादक पदार्थ तस्करों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिया गया था। इसी क्रम में साइबर/सर्विलांस सेल व कोतवाली नगर पुलिस को नशीली गोलियों के अन्तर्राष्ट्रीय साइबर अपराधियों के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त होने पर गोण्डा लखनऊ रोड स्थित महिन्द्रा एजेन्सी के पास बीती रात्रि करीब 12.30 बजे हुण्डई वरना कार से अब्दुल हादी, अब्दुल बारी, विशाल श्रीवास्तव को नशीली गोलियों व लैपटॉप तथा मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन व्यापार करते गिरफ्तार किया गया। इस ऑपरेशन में पुलिस को अब्दुल हादी के पास से नशीली गोलियों की बड़ी खेप मिली है। जिसे हादी बतौर सैम्पल अपने पास रखकर उनकी फोटो अपने ग्राहकों को भेजता था। अब्दुल हादी के पकड़े जाने से नशीली गोलियों के अन्तर्राष्ट्रीय साइबर रैकेट की कार्य प्रणाली व अन्य कई जानकारी प्रकाश में आयी है जिसके सम्बन्ध में अपर पुलिस अधीक्षक गोण्डा के द्वारा पुलिस अधीक्षक निर्देशानुसार अग्रिम प्रभावी कार्यवाही के लिए प्रयास किया जा रहा है।

यूं चलता था ऑनलाइन नशे का कारोबार

पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार अभियुक्त अब्दुल हादी द्वारा अमेरिका व यूरोपीय देशों में प्रतिबंधित नशीली दवाओं के बिक्री के लिए स्द्म4श्चद्ग ्रश्चश्च पर अपना अकाउण्ट बनाकर ड्रग्स बायर और पिल्स प्रोवाइडर से सम्पर्क कर यह ऑनलाइन साइबर क्राइम प्रारम्भ किया गया था। अभियुक्तगण द्वारा 3 वर्ष में ही लगभग 5 करोड़ रूपये का प्रतिबंधित नशीली दवाओं की बिक्री आनलाइन तरीके से की गई है और करीब 2 करोड़ रूपये का लाभ प्राप्त किया गया । पुलिस के अनुसार अभियुक्तगण द्वारा विभिन्न ऐप्स से वर्चुअल नम्बर क्रिएट कर अपने मूल पहचान को छिपाते हुए उन वर्चुअल नम्बरों से व्हाट्सएप एकाउंट बनाकर व्हाइट पेज वेबसाइट से विदेशी कस्टमर्स का डेटा प्राप्त करते थे ।

प्राप्त डेटा के माध्यम से कस्टमर्स/प्रोवाइडर से चैट कर मांग के अनुसार लोकल वेण्डर्स से कस्टमर को प्रतिबंधित नशीली गोलियों की सप्लाई वहाँ के स्थानीय वेण्डर्स से कराते थे । इस तरह से ये आरोपी पिछले डेढ़ वर्षों में ऐसे विदेशी नागरिकों व लोकल वेण्डर्स जिनका प्रतिबंधित नशीली दवाओं का स्टाक अमेरिका में उपलब्ध था उनका डाटाबेस तैयार कर लिया गया था और वे अभियुक्तगण के नियमित ग्राहक व विक्रेता बन गये थे जिससे प्रतिबंधित नशीली दवाओं का ऑनलाइन व्यापार व्यापक रूप से चल रहा था । विदेशी कस्टमर्स द्वारा अभियुक्तगणों को क्कड्ड4क्कड्डद्य, रूशठ्ठद्ग4त्रह्म्ड्डद्व ,ङ्खद्गह्यह्लद्गह्म्ठ्ठ ठ्ठद्बशठ्ठ एवं क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भारत में स्थित अभियुक्तगण के खातों में करते थे ।

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