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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली त्योहारों से पहले दिल्ली में पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। अदालत ने यह भी दोहराया कि पटाखों में बेरियम को रसायन के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। पटाखा निर्माता कंपनियों ने कोर्ट से इसकी मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि जिन राज्यों में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं है, वहां ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने शहर में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और फोडऩे पर व्यापक प्रतिबंध लगाने के दिल्ली सरकार के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा कि लोगों का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है। शीर्ष अदालत शुक्रवार को पटाखा निर्माता कंपनियों की बेरियम को रसायन के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति देने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने पहले दिल्ली पुलिस से किसी भी प्रकार के पटाखों की बिक्री और भंडारण के लिए अस्थायी लाइसेंस जारी नहीं करने को कहा था, और कहा था कि जब शहर सरकार ने सभी पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है तो इस आधार पर कोई अंतर नहीं किया जा सकता है कि वे हरे हैं या नहीं।
दिल्ली सरकार ने सर्दियों में प्रदूषण के स्तर को कम करने की कार्ययोजना के तहत राष्ट्रीय राजधानी में सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री, भंडारण और उपयोग पर फिर से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने यह जानकारी दी थी। राय ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली पुलिस को शहर में यह प्रतिबंध लागू करने के सख्त निर्देश जारी किए जाएंगे। दिल्ली सरकार पिछले दो साल से सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध लगाती आ रही है। राय ने सर्दी के मौसम में पटाखों के चलते बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर पडऩे वाले गंभीर खतरों पर प्रकाश डाला।