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लखनऊ,(माॅडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्ययन संकाय ने उत्तर प्रदेश उद्यमिता विकास संस्थान के सहयोग से उद्यमिता जागरूकता और कौशल विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला मिशन शक्ति चरण 5 के तहत उद्यमिता को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित थी और इसमें नवोदित उद्यमियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यशाला में छात्रों को अमूल्य जानकारियां, वास्तविक अनुभव और उद्यमिता के अवसरों से अवगत कराया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रबंधन अध्ययन संकाय की डीन प्रोफेसर संगीता साहू ने महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने और इस पहल को मिशन शक्ति के उद्देश्यों से जोड़ने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने नेटवर्किंग को उद्यमिता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए कहा, हम अपने छात्रों को लखनऊ के उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि उन्हें अधिक अनुभव और व्यावहारिक अंतर्दृष्टि प्राप्त हो सके। प्रमुख वक्ताओं में, कीरोस फूड्स की संस्थापक श्रीमती सिमरन साहनी ने आत्मनिर्भरता की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा, स्वयं अपने बॉस बनें और व्यापार में आने वाली सबसे बुरी परिस्थितियों का सामना करने के लिए खुद को तैयार करें।
उन्होंने अपने अनुभव और चुनौतियों से निपटने की रणनीतियों को साझा किया। जूट फॉर लाइफ की संस्थापक श्रीमती अंजलि सिंह ने अपनी 12 वर्षों की अद्भुत सफलता की यात्रा साझा की। उन्होंने अपने व्यवसाय को बढ़ाने और कई महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने में अपनी दृढ़ता और एक सरकारी अनुदान को श्रेय दिया। उनकी कहानी उद्यमिता में दृढ़ता और सरकारी सहायता के महत्व को दर्शाती है। अल्फा इंजीनियर्स के प्रबंध निदेशक और इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अदनान दानिश सिद्दीकी के साथ एक इंटरएक्टिव सत्र में छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। उन्होंने व्यावहारिक सुझाव दिए और व्यवसाय चलाने की चुनौतियों और लाभों का वास्तविक दृष्टिकोण साझा किया। उत्तर प्रदेश उद्यमिता विकास संस्थान की वरिष्ठ फैकल्टी श्रीमती ममता चैहान ने उद्यमियों के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी और प्रतिभागियों को अपने व्यवसायिक सपनों को साकार करने के लिए इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। वहीं लखनऊ विश्वविद्यालय के इनक्यूबेशन सेल की सदस्य डॉ. आस्था शर्मा ने छात्रों को उद्यमिता समर्थन और संसाधनों के बारे में बताया। उन्होंने कहा, हमारा इनक्यूबेशन सेल नवोन्मेषी विचारों को व्यावसायिक रूप में बदलने और अगली पीढ़ी के उद्यमियों को पोषित करने के लिए समर्पित है,जिससे छात्रों को उद्यमिता की दिशा में पहला कदम उठाने की प्रेरणा मिली। कार्यशाला समन्वयक प्रोफेसर संजय मेधावी ने कार्यशाला की मुख्य उपलब्धियों का सारांश प्रस्तुत किया और मुख्य वक्ताओं, पैनलिस्ट, प्रतिभागियों, मीडिया और आयोजन दल का धन्यवाद व्यक्त किया। आयोजन समिति के सदस्य डॉ. शिल्पी सिंह और डॉ. राम सिंह भी उपस्थित रहे और कार्यक्रम की सफलता में योगदान दिया। इस कार्यशाला में 270 छात्रों ने सक्रिय भागीदारी की और यह एक गतिशील और समृद्ध अनुभव साबित हुआ। कार्यक्रम का समापन एक ऊर्जावान नेटवर्किंग सत्र के साथ हुआ, जिसने प्रतिभागियों को प्रेरित और उद्यमिता की राह पर बेहतर तरीके से सक्षम किया।