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लखनऊ। सपा मुखिया अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच हुई मुलाकात ने एक बार फिर से सियासी गलियारों में यह चर्चा तेज कर दी है कि सपा अब युवा जोश और राजनीतिक अनुभव दोनों का सही इस्तेमाल करते हुए प्रदेश में नए सियासी समीकरण तैयार कर सकती है। जिस तरह से सपा प्रमुख ने शिवपाल यादव का कद लगातार बढ़ाते जा रहे हैं उससे साफ है कि आने वाले दिनों में वह विपक्षियों को घेरने के अपने मंसूबों को और अधिक मजबूत कर रहे हैं साथ ही वह य संदेश भी देना चाहते हैं कि जो लोग यह आरोप लगाते रहें हैं कि सपा में अंदरखाने में कुछ भी ठीक नहीं है उनको तक भी मैसेज पहुंचाया जा सके कि सपा नए हालातों में नई चुनौतियों का सामना करने को तैयार है। सपा महासचिव बनाए जाने के बाद अब विधानसभा के अंदर भी विपक्षी खेमे में शिवपाल का कद बड़ा दिखेगा। विधानसभा के अंदर उन्हें फ्रंट सीट पर बैठाने पर पार्टी में सहमति बन चुकी है।
इसे सपा अध्यक्ष अखिलेश की ओर से उन्हें मैनपुरी लोकसभा सीट पर जीत का रिटर्न गिफ्ट माना जा रहा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार शाम अचानक चाचा शिवपाल सिंह यादव के घर भी पहुंचे और दोनों के बीच करीब 45 मिनट तक संगठनात्मक मुद्दों पर बात हुई।
सूत्रों के मुताबिक, मुलाकात के दौरान शिवपाल के साथियों को संगठन में समायोजित करने पर भी बात हुई। माना जा रहा है कि सपा प्रदेश में नए सिरे से आंदोलन शुरू करेगी। पार्टी से दूर हुए कई नेताओं की घर वापसी भी कराई जाएगी। पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद भी शिवपाल अब तक कार्यालय नहीं जाते हैं।
वे पहले की तरह अपने पुराने कार्यालय में ही कार्यकर्ताओं से मिलते हैं। ऐसे में अखिलेश उनके घर पहुंचे। दोनों के बीच सियासी हालात और प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर मंथन हुआ। सूत्रों का कहना है कि शिवपाल ने प्रसपा के राष्ट्रीय एवं प्रदेश कार्यकारिणी में रहे कुछ लोगों को समायोजित करने पर जोर दिया है।
साथ ही पार्टी की सक्रियता के लिए नए सिरे से प्रदेश में आंदोलन शुरू करने की जरूरत बताई। पूर्वांचल सहित विभिन्न जिलों में भ्रमण के दौरान मिले फीडबैक से भी अखिलेश को वाकिफ कराया। बताया कि हर जगह पार्टी के नए-पुराने कार्यकर्ता तैयार बैंठे हैं। उन्हें सक्रिय करने की जरूरत है।
ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेश में जल्द ही समाजवादी पार्र्टी जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की कवायद शुरू करेगी। विभिन्न मुद्दों पर जनांदोलन भी शुरू होगा। इसकी अगुवाई शिवपाल करते दिखेंगे।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी के कई पुराने नेता छिटक चुके हैं। इसमें कुछ ने दूसरे दलों की सदस्यता ले ली है। इन नेताओं को फिर से जोडऩे पर भी चर्चा हुई। सूत्रों का यह भी कहना है कि मार्च तक कई नेताओं की घर वापसी हो सकती है। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है।