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ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूह महिला स्वावलम्बन का एक बेहतरीन उदाहरण-सीएम

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लखनऊ,(मॉडर्न ब्यूरोक्रेसी न्यूज)ः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आकांक्षा हाट, प्रदेश के विभिन्न जनपदों की महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा हस्तनिर्मित उत्पादों को प्रोत्साहित करने, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने तथा उनकी प्रतिभा और योगदान को सम्मानित करने का एक सामूहिक प्रयास है। मुख्यमंत्री आज यहां आकांक्षा हाट के शुभारम्भ कार्यक्रम के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने दो दिवसीय आकांक्षा हाट का शुभारम्भ किया और उत्तर प्रदेश की पहली डबल डेकर ई0वी0 बस को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

इस वातानुकूलित नगर बस सेवा की प्रथम यात्रा आकांक्षा दीदियों और छात्राओं ने की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आकांक्षा समिति के तत्वावधान में उत्तर प्रदेश की पहली डबल डेकर ई0वी0 बस का आज शुभारम्भ हुआ है। उन्होंने घोषणा की कि डबल डेकर ई0वी0 बस में महिला यात्रियों को टिकट में 50 प्रतिशत की छूट और शनिवार को महिलाओं के लिए हैरिटेज टूर हेतु टिकट की व्यवस्था निःशुल्क रहेगी। प्रदेश सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट निरन्तर मजबूत हो रहा है। हिन्दुजा ग्रुप लखनऊ में इलेक्ट्रिक व्हिकल का एक प्लाण्ट स्थापित कर रहा है, जो बहुत शीघ्र प्रोडक्शन का कार्य प्रारम्भ कर देगा। इस प्लाण्ट के क्रियाशील होने से लोगों को रोजगार मिलेगा, ट्रांसपोर्ट की सुविधा में वृद्धि होगी तथा पर्यावरण को बचाने में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आकांक्षा समिति की स्थापना वर्ष 1987 में की गयी थी।

यह समिति विशेष रूप से ग्रामीण और वंचित समुदायों की महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। आकांक्षा समिति ने महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ अनेक रचनात्मक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। इनमें आकांक्षा दीदी की शुरुआत एक प्रशंसनीय कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूह महिला स्वावलम्बन का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूह का बेहतरीन उदाहरण है। श्रीमती रचना पाल व उनकी सहयोगियों द्वारा बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर को सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। 05 महिलाओं से शुरू हुए इस समूह से वर्तमान में 71 हजार महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इस समूह से जुड़ी महिलाएं प्रतिमाह 08 से 10 हजार रुपये की आय अर्जित कर रही हैं। समूह का सैकड़ों करोड़ रुपये का टर्नओवर है। इस समूह की महिलाएं सामान्य ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़ी हुई हैं, जो बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं। इसी प्रकार के समूह प्रदेश के अन्य जनपदों में भी बन सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने 05 नये क्षेत्रों को धनराशि उपलब्ध करायी है। लोग इनसे जुड़कर अपने कार्याें को आगे बढ़ा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रोडक्ट की क्वालिटी, ब्राण्डिंग, पैकेजिंग, डिजाइनिंग, मार्केटिंग व एक्सपोर्ट को लेकर कुछ नया काम हो सकता है। आकांक्षा समिति का मार्गदर्शन महिला स्वयं सहायता समूहों को जनपदों में भी प्राप्त हो, तो बहुत अच्छा कार्य हो सकता है। महिला स्वयं सहायता समूहों के प्रोडक्ट या ओ0डी0ओ0पी0 काफी बड़े पैमाने पर प्रदेश में नये महिला स्वयं सहायता समूहों को रोजगार के सृजन और स्वावलम्बन की ओर अग्रसर करने में सहायक हो सकते हैं। इन प्रोडक्ट्स को तकनीक से जोड़ने या अन्य राज्यों के साथ एम0ओ0यू0 के माध्यम से हम इस कार्यक्रम को और अच्छा बना सकते हैं। इस दिशा में आकांक्षा समिति द्वारा नई शुरुआत की गयी है।

 

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