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नई दिल्ली। देश में हर साल 18 लाख लोग ब्रेन स्ट्रोक का शिकार होते हैं। लगभग 30 प्रतिशत लोग इससे मर जाते हैं। जानकारी का अभाव और अस्पताल पहुंचने में देरी स्ट्रोक से होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण है। डॉक्टरों का कहना है कि शरीर में जैसे ही स्ट्रोक के लक्षण दिखाई देते हैं, तुरंत इलाज की जरूरत होती है. इसके लिए जरूरी है कि लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जाए। आइए विशेषज्ञों से जानते हैं कि ब्रेन स्ट्रोक की बीमारी क्या है। इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है। एम्स के सेंटर फॉर न्यूरोसाइंसेज के प्रमुख प्रोफेसर एमवी श्रीवास्तव के मुताबिक, ब्रेन स्ट्रोक तब होता है जब सिर के विभिन्न हिस्सों में रक्त की आपूर्ति ठीक से नहीं हो पाती है।
शरीर में ऑक्सीजन और ब्लड सर्कुलेशन में गिरावट के कारण मस्तिष्क में मौजूद नसें कमजोर होने लगती हैं। इससे स्ट्रोक भी आता है। स्ट्रोक दो प्रकार का होता है। पहला ब्लड क्लॉट स्ट्रोक और दूसरा ब्रेन हैमरेज। स्ट्रोक के शुरुआती लक्षणों में से एक गंभीर सिरदर्द है। रोगी ठीक से बोल नहीं पाता है। उसकी जुबान लडख़ड़ाने लगती है। आंखों के सामने धुंधलापन आ जाता है, शरीर या हाथ-पैर सुन्न होने लगते हैं। डॉ. के अनुसार, यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो बिना देर किए तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाना चाहिए। क्योंकि स्ट्रोक होने पर जल्द इलाज कराना बहुत जरूरी है। देरी से मरीज की जान को खतरा हो सकता है। स्ट्रोक की स्थिति में पहले तीन से चार घंटे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। लेकिन देखने में आया है कि ज्यादातर मरीज देर से अस्पताल पहुंचते हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि जिन लोगों को हाई बीपी, डायबिटीज है और जो लोग ज्यादा मात्रा में शराब और सिगरेट का सेवन करते हैं। उन्हें स्ट्रोक होने का खतरा अधिक होता है। इसलिए जरूरी है कि जो लोग ज्यादा शराब पीते हैं उन्हें इस पर नियंत्रण रखना चाहिए। सिगरेट पीने वालों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। इसके अलावा जो लोग मधुमेह और उच्च रक्तचाप से पीडि़त हैं। उन्हें नियमित रूप से अपनी जांच कराते रहना चाहिए।
इन बातों का पालन करें
रोज़ कसरत करें
प्रदूषित वातावरण से रहें दूर
भोजन का ध्यान रखें
स्ट्रोक के कोई भी लक्षण होने पर डॉक्टर से संपर्क करें