लखनऊ। देश के प्रधानमंत्री मंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी राजनीति में सियासत की नई लकीर खींच रहे हैं, उनकी इस कार्यशैली से जहां एक ओर वह जनता के लिए उनके दिलों पर राज करने वाले प्रधानमंत्री बन रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष के पास मोदी के विकल्प के रूप में अब भी किसी चेहरे की तलाश जारी है। इस सबके बीच पीएम मोदी के एक बेहद लोकप्रिय कार्यक्रम की चर्चा देश भर में होती है…वह लोकप्रिय कार्यक्रम है मन की बात…प्रधानमंत्री के मन की बात तो देश में तकरीबन सभी ने सुनी होगी चाहे वह मोदी के विचारों से सहमत हो अथवा असहमत, लेकिन मोदी के व्यक्तित्व की यही खासियत है कि उनके समर्थक हो या विरोधी दोनों ही उनको सुनना चाहते हैं।
जब देश के प्रधानमंत्री का कार्यक्रम इतना प्रसिद्ध हो तो उनके विचार भी जन जन तक पहुंचने चाहिए इसी दिशा में एक कदम बढ़ाते हुये बीते दिनों राजधानी के अमौसी एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री के मन की बात पुस्तक को एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए समर्पित किया गया। अब यह पुस्तक एयरपोर्ट यात्रियों के पढ़ने के लिए उपलब्ध होगी। अपन अति व्यस्त कार्यक्रम में देश के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया, इस दौरान सहायक निदेशक डीजीसीए सत्येन्द्र वर्मा, सीआईएसएफ के कमांडेट अजय सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे। यह पुस्तक एयरपोर्ट पर आसानी से उपलब्ध रहेगी। पुस्तक में पीएम की जनता से संवाद की पूरी जानकारी निहित है।
वहीं डीजीसीए के सहायक निदेशक सत्येन्द्र वर्मा ने कहा कि पीएम के मन की बात कार्यक्रम को पूरे देश की जनता सुनती है, इसे पसंद करती है। प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम की इस संवादशैली के लोग मुरीद हैं। श्री वर्मा ने कहा कि मैंने व्यक्तिगत तौर पर महसूस किया है कि वो अपने हर कार्यक्रम में कुछ न कुछ ऐसा जरूर कहते हैं जो देश और आम जनता के हित में होता है। वहीं गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने भी डीजीसीए के सहायक निदेशक सत्येन्द्र वर्मा की तारीफ करते हुये कहा कि उनके प्रयास से यह पुस्तक अब एयरपोर्ट पर भी यात्रियों के लिए आसानी से उलब्ध रहेगी।
विजयदशमी से हुई शुरूवात
मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत तीन अक्टूबर 2014 को विजयदशमी के दिन हुई थी। अब तक इस कार्यक्रम के 94 अंक प्रसारित हो चुके हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रधानमंत्री के विचारों को आम लोग तक पहुंचाना और इसका दूसरा पहलू यह भी है कि इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री देशवासियों से जुड़े हुए हैं। इस कार्यक्रम की लोकप्रियता को देखते हुए दो जून 2017 से अब इसका प्रसारण क्षेत्रीय बोली में भी होने लगा।